ग्रामीण अर्थव्यवस्था दोहन पर हरियाणा का रहेगा जोर, कृषि, पशुपालन व सहकारिता पर फोकस: राज्यपाल

भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देने को तैयार हरियाणा: बंडारू दत्तात्रेय

CHANDIGARH, 20 FEB: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज विधानसभा सदन में बजट सत्र के दौरान विधानसभा सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हरियाणा राज्य का क्षेत्रफल, भारत के क्षेत्रफल का केवल 1.54 प्रतिशत है और राज्य केंद्रीय खाद्यान्न भण्डार में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। हरियाणा को अपनी अभिनव और कृषि अनुकूल नीतियों और कार्यक्रमों के लिए भारतीय कृषि और खाद्य परिषद द्वारा सर्वश्रेष्ठ राज्य कृषि व्यवसाय पुरस्कार-2022 से सम्मानित भी किया गया है।

भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में हरियाणा के योगदान को सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था के दोहन की योजनाएं बनानी होंगी। कृषि, पशुपालन, बागवानी व सहकारिता पर फोकस करते हुए ही इस विजन को प्राप्त करने में आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने सदैव कृषि और बागवानी पर जोर दिया है। कृषि और बागवानी का बजट 2014 में 1,026 करोड़ रुपये से 4 गुना से अधिक बढ़कर 2022 में 4,379 करोड़ रुपये हो गया है। कृषि और बागवानी बजट में 2014 से 2022 तक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 19.9 प्रतिशत है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में हर खेत-स्वस्थ खेत अभियान के तहत पहली बार 30 लाख मिट्टी के नमूने एकत्र किए गए हैं। वर्ष 2022-23के दौरान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों/राजकीय महाविद्यालयों में “अर्न व्हाइल यू लर्न” प्रोग्राम के तहत 107 लघु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं। वर्ष 2022-23 में कुल 7,500 किसानों, जिनमें 156 महिला किसान, 255 युवा किसान और 405 अधिकारी शामिल हैं, को प्राकृतिक खेती अपनाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्राकृतिक खेती के लिए एक पोर्टल शुरू किया गया और अब तक 6,000 से अधिक किसानों ने इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।

इसी प्रकार, विभाग का वर्ष 2023-24 के लिए फसल विविधीकरण एवं जल संरक्षण के तहत एक लाख एकड़ भूमि पर धान के अलावा दूसरी फसलों का प्रस्ताव है। कृषि एंव किसान कल्याण विभाग का डिजिटल कृषि पर नई परियोजनाओं और अवधारणाओं जैसे परिष्कृत खेती, फसल उपज के आंकलन के लिए ड्रोन का उपयोग और कीट-रोग प्रबंधन शुरू करने का प्रस्ताव है। वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज का वर्ष है और राज्य सरकार बाजरा फसलों के अनुसंधान और उपयोग को बढ़ावा देने पर बल दे रही है। इस उद्देश्य के लिए खरीफ 2023 से भिवानी में एक पोषक अनाज अनुसंधान केंद्र कार्यरत हो जाएगा।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि कृषि के साथ-साथ बागवानी, सहकारिता पर  जोर देना होगा। बागवानी विभाग ने वर्ष 2022-23 में किसानों के लिए गुणवत्तायुक्त पौध सामग्री की उपलब्धता बढाई है। संकर किस्म की सब्जियों की पौध की संख्या 1 करोड़ से बढ़ाकर1.50 करोड़ कर दी है। उपज बढ़ाने के लिए बागवानी में वर्टिकल फार्मिंग की नवीन तकनीक अपनाई गई। बागवानी की सभी योजनाओं और घटकों के तहत किसानों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत सब्सिडी पोर्टल शुरू किया गया है, जिस पर 25,000 किसान पंजीकृत हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में बागवानी किसानों के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना नामक समर्पित फसल बीमा योजना शुरू करने वाला हरियाणा एकमात्र राज्य है। इसमें 46 सब्जी व बागवानी फसलों को शामिल किया गया है और प्रीमियम की राशि 750 रुपये से लेकर1,000 रुपये प्रति एकड़ है और बीमा राशि 30,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये प्रति एकड़ है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार शहद के परीक्षण और निर्यात की सुविधा के लिए एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र (आई.बी.डी.सी), कुरुक्षेत्र में 20 करोड़ रुपये की लागत से एक शहद गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला स्थापित कर रही है। इसी प्रकार पंचकूला में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर एक नया उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए इंग्लैंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। दो और उत्कृष्टता केंद्र एक पिनगवां, नूंह में प्याज के लिए और दूसरा मुनीमपुर, झज्जर में फूलों के लिए स्थापित होगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था कृषि के साथ- साथ पशुपालन पर भी निर्भर है। राज्य के पशुपालकों को कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए बैंकों द्वारा पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड (पीकेसीसी) प्रदान किए जा रहे हैं और अब तक बैंकों द्वारा 1.04 लाख पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए जा चुके हैं। राज्य में 70 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए सरकार मुंह-खुर की बीमारी के लिए एक संयुक्त वैक्सीन का उपयोग करके मवेशियों और भैंसों में मुंह-खुर की बीमारी और रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया (एचएस) रोगों से राज्य को मुक्त करने के लिए आगे बढ़ रही है। हरियाणा एकमात्र राज्य है, जिसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के तहत एक पायलट परियोजना के रूप में संयुक्त वैक्सीन का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की गई है।

हाल ही में लम्पी त्वचा रोग के प्रकोप को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया है। इसने पूरे देश में पशुपालन क्षेत्र पर विनाशकारी प्रभाव डाला। कड़े नियंत्रण उपायों और टीकाकरण के परिणामस्वरुप नवंबर, 2022 के बाद लम्पी त्वचा रोग का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

दत्तात्रेय ने कहा कि सहकारिता  के क्षेत्र में हरियाणा सरकार उल्लेखनीय कार्य कर रही है। सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में चालू पिराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। अब बढ़ा हुआ मूल्य अगेती किस्मों के लिए 372 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यम-पछेती किस्मों के लिए 365 रुपये प्रति क्विंटल किया है।वर्ष 2021-22 के लिए करनाल एवं शाहबाद सहकारी चीनी मिलों ने राष्ट्रीय स्तर पर क्रमशः तकनीकी दक्षता एवं उच्चतम गन्ना पिराई में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार द्वारा 14 फरवरी 2023 को पानीपत चीनी मिल में 90 के.एल.पी.डी. क्षमता के एथेनॉल संयंत्र का शिलान्यास किया गया है। हैफेड ने 2022 में सऊदी अरब को 20,000 मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया है और लगभग 20 लाख अमरीकी डालर की विदेशी मुद्रा अर्जित की है।

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