ग्लोबल-इकोनॉमी के मामले में भारत विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला बना देश: जगदीप धनखड़
इस वर्ष शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन है सहभागी राष्ट्र, 8 उत्तर-पूर्वी थीम स्टेट: मुख्यमंत्री मनोहर लाल
CHANDIGARH, 3 FEB: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उपस्थिति में आज फरीदाबाद जिला के सूरजकुंड में 36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का उदघाटन किया। यह मेला 19 फरवरी तक चलेगा। इस अवसर पर हस्तशिल्पियों व कलाकारों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल-इकोनॉमी के मामले में भारत विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश बन गया है, इसमें कला एवं शिल्पियों का अहम योगदान है।
धनखड़ ने कहा कि पहले हमारा देश जहां आर्थिक प्रगति के मामले में विश्व में 10 वें स्थान पर था वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब निरंतर तरक्की करते हुए 5वें स्थान पर आ गया है और जल्द ही अव्वल नंबर पर होगा। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार प्रत्येक व्यक्ति को अपनी प्रतिभा को दिखाने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने हरियाणा के अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत को विश्व के मानचित्र पर उज्जवल करने में इस हस्तशिल्प मेले का अहम योगदान है।
उपराष्ट्रपति ने सूरजकुंड मेला को देश की विविध संस्कृतियों एवं कलाओं का संगम करार देते हुए कहा कि शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन देशों की इस मेले में भागीदारी एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों की सांस्कृतिक महत्ता को देश के लिए गौरवशाली बताते हुए कहा इस मेले में पहुंचे इन राज्यों के कलाकार व शिल्पियों के रौनक से परिपूर्ण चेहरे दर्शा रहे हैं कि हमारे देश के प्रधानमंत्री ने पूरे देश को प्रगति-पथ पर तेजी से अग्रसर किया है।
जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री के वक्तव्य, ‘‘युद्ध से कोई मसला हल नहीं होता बल्कि बातचीत से ही समाधान संभव है’’, के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि आज हमारा देश के नेतृत्व और नागरिकों का पूरी दुनिया में सम्मान है। उन्होंने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट में शिल्पियों के लिए की गई घोषणाओं का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने डिजिटलीकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की की है। करीब 300 योजनाओं का 27 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभपात्रों के खातों में भेजे गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा लागू की गई मुद्रा योजना, हुनर हॉट और हस्तशिल्प योजना से शिल्पकार व कलाकारों को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि वन डिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट के तहत तैयार होने वाले उत्पादों की बिक्री के लिए यूनिटी मॉल कलाकारों के प्रोत्साहन में मील का पत्थर साबित होगा। एक ही स्थान पर कलाकारों द्वारा सभी तरह के उत्पाद उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पर्यटन व अन्य क्षेत्रों में किया अभूतपूर्व विकास
जगदीप धनखड़ ने हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत समृद्ध है और इस विरासत को देश-दुनिया के स्तर पर ले जाने में प्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पर्यटन व अन्य क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास किया है। सूरजकुंड मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलाने में मुख्यमंत्री का अहम प्रयास रहा है।
सूरजकुण्ड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को आगे बढ़ाता है: मुख्यमंत्री
उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह गौरव की बात है कि इस मेले का शुभारंभ उप-राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के कर-कमलों से हो रहा है। सूरजकुण्ड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला हमारे देश की विविधता में एकता की कड़ियों को मजबूत करने के साथ-साथ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा को भी आगे बढ़ाता है।
इस वर्ष शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन है सहभागी राष्ट्र, 8 उत्तर-पूर्वी थीम स्टेट
मनोहर लाल ने कहा कि इस मेले में हर वर्ष एक सहभागी राष्ट्र और एक ‘थीम स्टेट’ होता है। इस मेले में इस वर्ष शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन सहभागी राष्ट्र हैं। इस वर्ष मेले में 25 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। भारत के 8 उत्तर-पूर्वी राज्य इस मेले के थीम स्टेट हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं। ये राज्य एक साथ मिलकर एक ही मंच पर अपनी कला, हस्तशिल्प और व्यंजनों का प्रदर्शन करेंगे। मनोहर लाल ने कहा कि आज से शुरू होकर यह मेला 19 फरवरी तक चलेगा, जिसमें तीन वीकेंड आएंगे ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोगों को यहां आने का मौका मिल सके।
सूरजकुंड मेले में होता है एक भारत श्रेष्ठ भारत का दर्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश -विदेश के कलाकारों व शिल्पकारों की कल्पनाओं से सराबोर कलाकृतियों से सुसज्जित इस हस्तशिल्प मेले की छटा देखते ही बनती है। इस तरह के मेले शिल्पकारों को अपनी पसंद व कला के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करते हैं। यह मेला विविधता में एकता लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत का दर्शन कराता है। उन्होंने कलाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अपनी कलाओं को संजोए रखें और अपनी इस कला को बांटे। क्योंकि आधुनिक काल में भी इन कलाओं को बहुत पसंद किया जाता है।
हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत की पहचान विदेशों तक पहुंची
मुख्यमंत्री ने कहा पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले तथा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के माध्यम से हरियाणा की माटी की सौंधी महक विदेशों तक पहुंची हैं। पिछले 35 वर्षों से सूरजकुंड मेला शिल्पकारों और हथकरघा कारीगरों को अपना हुनर प्रदर्शित करने का बेहतरीन मंच रहा है। यह मेला विभिन्न अंचलों की लोक-कलाओं, लोक-व्यंजनों, लोक-संगीत, लोक-नृत्यों और वेशभूषा से रू-ब-रू करवाता है।
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेला आर्थिक आत्मनिर्भरता में भी होते हैं अहम
मनोहर लाल ने कहा कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेला और अन्य ऐसे मेले देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता में भी योगदान देते हैं। हम सभी को देश के शिल्पकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं पर गर्व करना चाहिए और उनके द्वारा बनाये गये उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए। ऐसा करके हम अपने क्षेत्र के शिल्पकारों तथा लघु उद्यमियों की मदद कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार पर्यटन को दे रही बढ़ावा
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन की नई अवधारणाओं पर भी काम किया है। हम फार्म टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, सांस्कृतिक पर्यटन और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रदेश में होम स्टे स्कीम भी शुरू की गई है। अब लोग, खासकर छोटे किसान एक-दो कमरे बनाकर पर्यटकों को रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि देश और विदेशों से आए कलाकार और पर्यटक यहां से एक सुखद अनुभूति लेकर जाएंगे और यह अनुभूति उन्हें बार-बार हरियाणा आने के लिए प्रेरित करेगी।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व अन्य अतिथियों को स्वागत करते हुए कहा कि सूरजकुंड मेला पिछले कई वर्षों से लगातार आयोजित किया जा रहा है, केवल कोविड-19 के कारण वर्ष 2021 में आयोजन नहीं हो सका। उन्होंने इस हस्तशिल्प को सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिबिंब बताते हुए कहा कि इस मेला में पर्यटकों का हर वर्ष इजाफा हो रहा है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी आभा में निरंतर निखार आ रहा है। इस अवसर पर परिवहन मंत्री मूलचन्द शर्मा जी, विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली, विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा, मुख्य सचिव संजीव कौशल, विभिन्न देशों के राजदूत तथा देश -विदेश के शिल्पकार व कलाकार उपस्थित थे।