चंडीगढ़ के बजट पर कैंची चलाने के लिए भी भाजपा व सांसद किरण खेर पर साधा निशाना
Union Budget 2023-24 CHANDIGARH, 1 FEBRUARY: पंजाब लार्ज इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन, आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व सह प्रभारी एवं चंडीगढ़ के पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट 2023-24 को चुनावी और लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास बताया है। छाबड़ा ने कहा कि यह बजट पूरी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इस बजट के बहाने साफ जाहिर हो गया है कि देश में केंद्र की भाजपा सरकार के प्रति लोगों में बढ़ रहे असंतोष को ऐन मौके पर दबाने की कोशिश मोदी सरकार ने की है लेकिन देश की जनता इस तरह के झांसे में आने वाली नहीं है। छाबड़ा ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के बजट पर एक बार फिर कैंची चलाए जाने के लिए भी भाजपा सरकार की आलोचना की है। साथ ही सांसद किरण खेर पर भी निशाना साधा है।
पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ की झोली में सिर्फ 6087.10 करोड़ रुपए डाले हैं। इसमें रेवेन्यू हेड में 5365.07 करोड़ और कैपिटल हेड में 722.03 करोड़ रुपए दिए गए हैं, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए करीब 7000 करोड़ रुपए की मांग की थी। छाबड़ा ने कहा कि चंडीगढ़ के विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स इस बजट पर निर्भर हैं लेकिन केंद्र सरकार ने मांग के मुताबिक चंडीगढ़ को बजट न देकर शहर के विकास को प्रभावित करने की कोशिश की है। छाबड़ा ने चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर पर निशाना साधते हुए कहा कि सांसद खेर केंद्र सरकार में चंडीगढ़ की मजबूत पैरवी करने में पूरी तरह विफल रही हैं। पिछले बजट में भी केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को लगभग 450 करोड़ रुपए कम दिए थे।
प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि इस बार प्रशासन द्वारा बजट से प्राप्त रकम से शहर के गांवों के विकास से जुड़े कामों को भी करवाना है। लंबे समय से अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करना है। गार्बेज डिस्पोजल प्लांट और नगर निगम के कुछ अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स को भी खड़ा करना है। इसके अलावा कुछ नए प्रोजेक्ट्स भी शुरू करने हैं लेकिन सांसद किरण खेर अपनी ही सरकार से चंडीगढ़ को मांग के मुताबिक पर्याप्त धनराशि नहीं दिला पा रही हैं। इससे यह भी स्पष्ट है कि भाजपा चंडीगढ़ के विकास के प्रति कितनी गंभीर है। छाबड़ा ने कहा कि देश की जनता पिछले आठ साल से महंगाई में पिस रही है। देश का नौकरीपेशा तबका अपना जीवन यापन करने में साल-दर-साल मुश्किलों का सामना करता रहा लेकिन मोदी सरकार ने राहत देने की कोई जरूरत नहीं समझी और लोगों का जीवन कठिन होता चला गया। अब जब 2024 का लोकसभा चुनाव सिर पर आ गया है तो यह सरकार इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढ़ाकर वाहवाही लूटने् की कोशिश कर रही है। आठ साल लोगों का पसीना निकालने के बाद अब वोट की खातिर उनको राहत का झुनझुना पकड़ाने का प्रयास किया जा रहा है। यही हाल बेरोजगारों, व्यापारियों-कारोबारियों का है लेकिन इस बजट से 2024 का लोकसभा चुनाव साधने के भाजपा के मंसूबे पूुरे नहीं होंगे। देश की जनता मोदी सरकार को अब चलता करने का मूड बना चुकी है।