27, JAN: पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ के छठे संस्करण में बच्चों और उनके माता-पिता से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों को कुछ पाने के लिए शॉर्टकट रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। कुछ बच्चे परीक्षा में चीटिंग करने पर अधिक ध्यान देते हैं। ऐसे बच्चे अगर अपना ध्यान सृजनात्मक और सकारात्मक क्षेत्र में लगाएं तो बेहतर परिणाम मिलेंगे।
‘परीक्षा पे चर्चा मेरी भी परीक्षा’
परीक्षा पे चर्चा को लेकर पीएम मोदी ने कहा, परीक्षा पे चर्चा मेरी भी परीक्षा है। और देश के कोटी-कोटी विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं। मुझे ये परीक्षा देने में खुशी होती है, आनंद आता है क्योंकि मुझे जो सवाल मिलते हैं लाखों की तादाद में, बहुत प्रोएक्टिवली बच्चे सवाल पूछते हैं, अपनी समस्या बताते हैं, व्यक्तिगत पीड़ा भी बताते हैं। मेरे लिए बड़ा सौभाग्य है कि मेरे देश का युवा मन क्या सोचता है, किन उलझनों से गुजरता है, देश से उसकी अपेक्षाएं क्या हैं, सरकारों से उसकी अपेक्षाएं क्या हैं, उसके सपने क्या है, संकल्प क्या हैं, यानि सचमुच में मेरे लिए यह बहुत बड़ा खजाना है।
पीएम मोदी ने कहा, मैंने मेरे सिस्टम से कहा है कि इन सारे सवालों को इकट्ठा करके रखिए। कभी 10-15 साल बाद सोशल साइंटिस्टों के द्वारा उसका एनालिसेस करेंगे। पीढ़ी बदलती जाती है, स्थितियां बदलती जाती है वैसे उनके सपने, उनके संकल्पों, उनकी सोच कैसे बहुत माइक्रो तरीके से बदलती है इसका बहुत बड़ा थीसिस तैयार होगा। शायद ही इतना सैम्पल किसी के पास नहीं होगा जितना आप लोग मुझे सवाल पूछकर भेजते हैं।
ध्यान और लगन के साथ परीक्षा देने की दी सलाह
पीएम मोदी ने कहा कि हर साल देशभर से बच्चे उन्हें अपने अनुभव और सवालों के लिए लिखते हैं। यह काफी उत्साहजनक अनुभव रहता है। पीएम मोदी ने बच्चों को ध्यान और लगन के साथ परीक्षा देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह उसी प्रकार है जैसे एक क्रिकेट खिलाड़ी अपने केवल खेल पर ध्यान देता है न कि आसपास के शोर-शराबे पर।
समय प्रबंधन के महत्व पर मां से सीखने की दी सलाह
पीएम ने इस दौरान बच्चों से समय प्रबंधन के महत्व पर मां से इस बारे में सीखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एक मां पर कई तरह के काम का दबाव होता है और उसे कैसे मैनेज करती है इसको उन्हें ध्यान से देखना चाहिए।
बच्चों के माता-पिता को PM मोदी ने दिया यह संदेश
पीएम मोदी ने बच्चों के माता-पिता से कहा कि वह अपने बच्चों से उनकी क्षमता के अनुरूप ही अपेक्षाएं रखें। अगर सामाजिक दबाव के चलते बच्चों से अपेक्षाएं रखी जाएंगी तो समस्या पैदा होगी। उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। वहीं बच्चों को अपनी क्षमताओं को कम कर नहीं आंकना चाहिए। पीएम मोदी ने इससे पहले ‘परीक्षा पे चर्चा’ पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
’परीक्षा पे चर्चा’ एक जन आंदोलन बन गया है
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘परीक्षा पे चर्चा’ एक जन आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझते हैं और उन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और परीक्षा योद्धा छात्रों को 21वीं सदी के लिए तैयार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ के इस संस्करण में शामिल होने के लिए 38 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराकर रिकॉर्ड बनाया। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 15 लाख अधिक है। इस अनूठे संवाद कार्यक्रम की अवधारणा है तनाव पर काबू पाना जिसमें पीएम मोदी देशभर के छात्र, माता-पिता, शिक्षक और विदेशों से भी उनके साथ परीक्षाओं और स्कूल के बाद के जीवन से संबंधित चिंताओं पर चर्चा करते हैं। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम जीवन को उत्सव के रूप में मनाने के लिए तनाव पर काबू पाने में आज बड़ी मदद कर रहा है। यह कार्यक्रम पिछले पांच वर्षों से शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है। इस बार भी यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
परीक्षा पे चर्चा- 2023 में 38.80 लाख प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
‘परीक्षा पे चर्चा- 2023’ के लिए, राज्य बोर्डों, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस और अन्य बोर्डों से बड़ी संख्या में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वर्ष 2022 की तुलना में इस वर्ष पंजीकरण दोगुने से भी अधिक हुए। परीक्षा पे चर्चा- 2023 के लिए लगभग 38.80 लाख प्रतिभागियों (छात्र- 31.24 लाख, शिक्षक- 5.60 लाख, माता-पिता- 1.95 लाख) ने पंजीकरण कराया, जबकि परीक्षा पे चर्चा- 2022 में लगभग 15.7 लाख प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था।
150 से भी अधिक देशों के छात्रों ने लिया हिस्सा
इस बार इस कार्यक्रम में 150 से भी अधिक देशों के छात्रों, 51 देशों के शिक्षकों और 50 देशों के अभिभावकों ने भी परीक्षा पे चर्चा- 2023 के लिए पंजीकरण कराया था। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर निर्धारित कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वर्ष 2022 की तरह इस कार्यक्रम को टाउन हॉल टाइप प्रारूप में प्रस्तावित किया गया। ज्ञात हो, प्रतिभागियों (कक्षा 9 से 12 के स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों) का चयन करने के लिए 25 नवंबर और 30 दिसंबर, 2022 के बीच विभिन्न विषयों पर एक ऑनलाइन रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।