जानिएः किस पार्टी के पार्षद कहां और कांग्रेस कब खोलेगी अपने सभी रणनीतिक पत्ते
Chandigarh Mayor Election CHANDIGARH, 13 JANUARY: तीन दिन बाद यानी 17 जनवरी को होने वाले चंडीगढ़ के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर शहर के राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी अब उफान पर है। कांग्रेस के सियासी रणनीतिक पेंच में फंसी भाजपा तथा आम आदमी पार्टी (AAP) में अब अपने पार्षदों को खरीद-फरोख्त या किसी अन्य प्रलोभन की विरोधी चालों से बचाने की कवायद शुरू हो गई है। लिहाजा, आम आदमी पार्टी ने अपने सभी 14 पार्षदों को कल रात चंडीगढ़ से बाहर भेज दिया है। भाजपाई पार्षद भी आज अज्ञात स्थान पर रवाना हो रहे हैं। कांग्रेस भी तोड़फोड़ की कोशिशों से अपने पार्षदों को बचाने की हर जुगत में जुट गई है।
पिछले साल दिल्ली, शिमला, जयपुर में रखे गए थे पार्षद
बता दें कि पिछले साल के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव के समय भी भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने अपने पार्षदों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए चंडीगढ़ से बाहर भेज दिया था। भाजपाई पार्षद जहां शिमला में पार्टी की कड़ी निगरानी में रहे, वहीं कांग्रेस ने अपने पार्षदों को जयपुर में रखकर उन पर नजर गढ़ाए रखी, जबकि आम आदमी पार्टी अपने पार्षदों को दिल्ली ले गई थी। यह बात अलग है कि इस सबके बावजूद जोड़तोड़ के जरिए भाजपा अपना मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर बनाने में सफल हो गई थी। कांग्रेस ने तब इस चुनाव से खुद को अलग कर रखा था लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपनी रणनीति के पत्ते भाजपा व AAP के उम्मीदवारों के नामांकन के बाद भी पूरे नहीं खोले हैं। कांग्रेस ने कल इस चुनाव में अपने उम्मीदवार न उतारने का फैसला जरूर सुना दिया था लेकिन वह चुनाव के लिए वोटिंग में हिस्सा लेगी या नहीं, इस पर अभी सस्पेंस ही बना हुआ है और यह सस्पेंस वोटिंग शुरू होने से ऐन पहले ही टूटने की उम्मीद है। लिहाजा, भाजपा, आम आदमी पार्टी व कांग्रेस तीनों में ही पार्षदों की खरीद-फरोख्त का डर इस बार ज्यादा देखा जा रहा है।
इस बार कौन कहां
सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने अपने सभी 14 पार्षदों को विरोधी दल के डोरों से दूर रखने के लिए पंजाब में किसी अज्ञात स्थान पर भेज दिया है। बताया जाता है कि यह सभी पार्षद वहां से मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए वोटिंग के समय ही सीधे चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय पहुंचेंगे। दूसरी तरफ, भाजपा भी आज अपने सभी पार्षदों को विरोधियों की पहुंच से दूर रखने के लिए पड़ोसी राज्य में किसी अज्ञात स्थान पर ले जा रही है, जबकि कांग्रेसी पार्षदों को हिमाचल भेजने की तैयारी की जा रही है। हालांकि पार्टी चंडीगढ़ के सभी कांग्रेसी पार्षदों को 16 जनवरी तक भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ भी साथ रखना चाहती है।
चंडीगढ़ नगर निगम में मौजूदा दलगत स्थिति
नगर निगम सदन में आम आदमी पार्टी के पास 14 पार्षद हैं तो भाजपा के पास भी कांग्रेस से टूटकर गए दो पार्षदों समेत 14 पार्षद हैं, जबकि भाजपा सांसद किरण खेर के वोट को मिलाकर भाजपा के पाले में 15 वोट हो गए हैं। अकाली दल से भाजपा का गठबंधन टूट जाने के बाद उसका एक वोट किधर जाएगा, यह भी बड़ा दिलचस्प है। हालांकि अकाली दल के पार्षद ने पिछली बार इस चुनाव से खुद को दूर रखा था। लिहाजा, इस बार मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में 6 सीटों वाली कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।
आम आदमी पार्टीः 14 सीटें
भाजपाः 14 सीटें + सांसद का वोट
कांग्रेसः 6 सीटें
शिरोमणि अकाली दलः 1 सीट