CHANDIGARH, 11 JAN: पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आर्थिक मामलों से जुड़े फैसले लिए गए हैं। नेशनल मीडिया सेंटर में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि कैबिनेट ने रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले BHIM UPI लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इनसे आम जनता को वित्तीय ट्रांजेक्शन्स और डिजिटल लेनदेन में आसानी होगी और उनको इंसेटिव्स मिलेंगे।
2600 करोड़ रुपये के इंसेटिव्स का एलान
डिजिटल पेमेंट को और तेजी गति देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट करीब 2600 करोड़ रुपये के इंसेटिव्स का एलान किया है। सरकार के इस फैसले के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रूपे क्रेडिट कार्ड और भीम यूपीआई के उपयोग पर लोगों को इंसेटिव्स दिए जाएंगे। डिजिटल पेमेंट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई इंसेटिव स्कीम के तहत ये इंसेटिव्स P2M (पर्सन टू मर्चेंट) बेसिस पर दिए जाएंगे।
BHIM UPI से पेमेंट पे मिलेगा छूट
कैबिनेट में लिए गए फैसले के बारे में चर्चा करते हुए कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट स्कीम के लिए मंजूर किए गए 2600 करोड़ रुपये के इंसेटिव्स से डिजिटल पेमेंट्स के दायरे को और अधिक विस्तार देने में मदद मिलेगी। इंसेटिव स्कीम तहत MSME, किसानों, मजदूरों और उद्योगों को BHIM UPI के तहत किए जाने वाले पेमेंट्स पर कुछ छूट दिए जाएंगे। केंद्र सरकार ने यह कदम डिजिटल पेमेंट्स को आसान और लोगों के लिए सुलभ बनाने के लिए उठाए हैं। इस स्कीम के माध्यम से यह प्रयास है कि पेमेंट बैंकिंग नेटवर्क के जरिए डिजिटल पेमेंट्स की पहुंच ग्रामीण और सुदूर इलाकों में बढ़ाया जाए।
Rupay Card पे बड़ा इंसेटिव
भारत का अपना ग्लोबल कार्ड पेमेंट नेटवर्क रुपे के जरिए 2000 रुपये तक के डिजिटल पेमेंट्स पर पहले 0.25 प्रतिशत का इंसेटिव दिया जाता था। इस स्कीम के लागू होने से इंसेटिव का दायरा और भी बढ़ गया है। दो हजार रुपये तक के डिजिटल पेमेंट्स पर पहले मिलने वाले 0.25 प्रतिशत का इंसेटिव को बढ़ाकर 1.145 फीसदी तक कर दिया गया है।
रुपे कार्ड जारी करने वाले बैंक
वर्तमान में रुपे कार्ड 1,100 से अधिक बैंकों द्वारा जारी किए जाते हैं जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण और सहकारी बैंक शामिल हैं। इसके दस प्रमुख प्रमोटर बैंक हैं, जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, HDFC बैंक, सिटी बैंक एनए और HSBC शामिल हैं। वर्तमान में 56 बैंक एनपीसीआई के शेयरहोल्डर हैं।
देश में बढ़ रहा डिजिटल लेनदेन का चलन
पिछले आठ वर्षों में देश में डिजिटल लेनदेन का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। अब जबकि देश 5G युग में प्रवेश कर चुका है, तो इसे और गति मिलने वाली है। हर काम आज इंटरनेट के जरिए तेजी के साथ हो रहा है। ऐसे में डिजिटल पेमेंट में पिछले साल जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए डिजिटल भुगतान लेनदेन की संख्या पिछले साल दिसंबर में 12 लाख करोड़ रही, जो जीडीपी के अनुपात का लगभग 54% है। कैबिनेट में लिए गए डिजिटल लेनदेन से जुड़े फैसले से इसे और भी विस्तार मिलेगा।
सहकारिता क्षेत्र से संबंधित फैसले भी लिए गए
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि सहकार-से-समृद्धि लक्ष्य की ओर और तेजी से बढ़ने के लिए सहकारिता क्षेत्र से जुड़े तीन फैसले भी लिए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि कैबिनेट ने बहु-राज्य सहकारी समितियां अधिनियम, 2002 के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी जैविक सोसायटी की स्थापना को मंजूरी दी है। यह जैविक उत्पादों के एकत्रीकरण, खरीद, ब्रांडिंग और विपणन के लिए एक संगठन के रूप में कार्य करेगा।इससे उपज अंतराल को कम करने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय मंत्री के अनुसार वर्तमान में देश में संचालित हो रहे 8 लाख 50 हजार रजिस्टर्ड सहकारी समितियों में लगभग 29 करोड़ मेंबर हैं।