तमाम राष्ट्रीय व्यापारी संगठनों सहित अनेक कॉर्पोरेट रिटेल कंपनियों व बड़े ब्रांड की कंपनियों को किया गया है आमंत्रित: हरीश गर्ग
CHANDIGARH, 2 JANUARY: ई-कॉमर्स नीति तथा रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति पर केंद्र सरकार द्वारा गतिविधियों को तेज किये जाने के सन्दर्भ में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) 4 जनवरी को नई दिल्ली में एक ई-कॉमर्स संवाद आयोजित कर रहा है, जिसमें देश में खरीदे-बेचे जाने वाले सामान तथा विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने वाली वस्तुओं के राष्ट्रीय संगठनों सहित अनेक कॉर्पोरेट रिटेल कंपनियों तथा बड़े ब्रांड के सामान बनाने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया गया है।
कैट ने स्पष्ट किया कि इस मीटिंग का उद्देश्य रिटेल व्यापार के विभिन्न वर्गों को मिलकर एक बड़ा फोरम गठित करना है, जो ई कॉमर्स नीति को जल्द लागू करने,ई कॉमर्स के लिए एक सशक्त रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से संबंधित ई-कॉमर्स नियमों की घोषणा, रिटेल व्यापार हेतु एक राष्ट्रीय व्यापार नीति, एफडीआई रिटेल के प्रेस नोट 2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी करने हेतु सरकार पर बड़ा दबाव बनाये। मीटिंग में होने वाली चर्चा एवं निर्णयों को एक सिफारिश के रूप में केंद्र सरकार एवं सभी राज्य सरकारों को दिए जाएंगे।
कैट के चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग, उपाध्यक्ष प्रेम कौशिक और हरिशंकर, महासचिव भीमसेन ने इस मीटिंग को आयोजित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अभी हाल ही में कैट द्वारा किए गए एक सर्वे में लगभग 93% व्यापारियों ने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स व्यापार के लिए एक व्यापक नीति की आवश्यकता है, जिसमें डिजिटल तरीके से देश में किये जाने वाले व्यापार अथवा दी जाने वाली सेवाओं को ई-कॉमर्स गतिविधि के रूप में माना जाना चाहिए और तदनुसार एक ई कॉमर्स पॉलिसी बनाई जाए जिसमें सोशल कॉमर्स को भी शामिल किया जाए। 89% व्यापारियों ने कहा कि इस पॉलिसी में रिटेल व्यापार के चारों अंगों, छोटे व्यापारियों, कॉर्पोरेट रिटेल, ई कॉमर्स एवं डायरेक्ट सेलिंग को शामिल कर एक पॉलिसी बनाई जाए, जिसमें इन चारों अंगों द्वारा व्यापार करने मूल सिद्धांत , दिशा निर्देश आदि स्पष्ट रूप उल्लिखित हों। कैट के इस सर्वे में 20 शहरों के 4281 व्यापारियों ने भाग लेकर अपना मत व्यक्त किया।
हरीश गर्ग ने कहा कि जिस तरह से ई कॉमर्स को विषाक्त किया गया है उसको देखते हुए यह बेहद जरूरी है कि रिटेल व्यापार के सभी वर्गों के बीच में ई-कॉमर्स और रिटेल व्यापार के बुनियादी सिद्धांतों पर एकमत होना जरूरी है जिससे वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआईआईटी विभाग को पुख्ता इनपुट प्रदान किया जा सके। रिटेल व्यापार का सबसे बड़ा वर्ग होने के कारण कैट ने इस मीटिंग को आयोजित किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कैट ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं है लेकिन कैट का यह निश्चित मत है कि देश के कानून और नीतियों का अक्षरशः: पालन किया जाना चाहिए और किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
कैट के चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग, उपाध्यक्ष प्रेम कौशिक और हरिशंकर मिश्रा, महासचिव भीम सेन ने बताया कि कैट ने इस मीटिंग में इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन,ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन, ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन, ऑल इंडिया टॉयज फेडरेशन, ऑल इंडिया कंप्यूटर मीडिया डीलर्स एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज , रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन,लघु उद्योग भारती, नेशनल फार्मर्स फेडरेशन, इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ सिनेमा थियेटर, नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया,फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया रिटेल केमिस्ट्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया फूड ग्रेन डीलर्स एसोसिएशन ,अखिल भारतीय खाद्य तेल डीलर संघ, आल इंडिया गिफ्ट एवं घडी विक्रेता एसोसिएशन, आल इंडिया टी निर्माता फेडरेशन आदि को आमंत्रित किया है। हरीश गर्ग, प्रेम कौशिक, हरिशंकर मिश्रा और भीम सेन ने यह भी बताया कि मीटिंग में अनेक कॉरपोरेट रिटेलर्स जिनमें रिलायंस रिटेल, शॉपर्स स्टॉप, मेट्रो कैश एंड कैरी, वी मार्ट, डी-मार्ट, जबकि डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां एमवे, ओरिफ्लेम, एफएमसीजी कंपनियां कोक, पेप्सी, आईटीसी, हिंदुस्तान लीवर, पतंजलि आदि को भी बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।