CHANDIGARH, 14 DEC: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा ग्रामीण विकास अधिनियम, 1986 की धारा 5(1) में संशोधन करने के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास अधिनियम (संशोधन) 2022 के प्रारूप को मंजूरी दी गई।
अधिनियम अब हरियाणा ग्रामीण विकास अधिनियम (संशोधन) 2022 कहलाएगा और यह 1 अक्तूबर, 2022 से प्रभावी होगा। राज्य सरकार 1 अक्तूबर, 2022 से सभी किस्मों के धान सहित अन्य सभी कृषि उत्पादों पर निर्धारित दर से हरियाणा ग्रामीण विकास शुल्क लगा सकेगी। हालांकि, प्रसंस्करण के लिए लाए गए कृषि उत्पाद के मामले में कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। कोई भी लेन-देन जिसमें खरीदी या बेची गई कृषि उपज की डिलीवरी वास्तव में नहीं की जाती है और डीलर पर केवल उस लेनदेन के संबंध में शुल्क लगाया जाएगा जिसमें वास्तव में डिलीवरी की जाती है।
अब राज्य सरकार ने सभी किस्मों के धान पर हरियाणा ग्रामीण विकास शुल्क निर्धारित करने का भी निर्णय लिया है। यदि धान को 2500 रुपये प्रति क्विंटल तक की कीमत पर बेचा जाता है तो बिक्री आय का 2 प्रतिशत की दर से शुल्क लगेगा और यदि एक मुश्त आधार पर 2500 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की कीमत पर बेचा जाता है तो 50 रुपये प्रति क्विंटल की दर से शुल्क लगेगा। संशोधन के उपरांत हरियाणा विधानसभा में हरियाणा ग्रामीण विकास अधिनियम पारित होने के उपरांत पहली अक्तूबर, 2022 से क्रियान्वित किया जा सकता है।