CHANDIGARH, 14 NOVEMBER: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जारी हिदायतों पर राज्य से भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा जारी मुहिम के दौरान थाना सदर नकोदर, जि़ला जालंधर के एसएचओ के रूप में तैनात रहे सब- इंस्पेक्टर बिसमन सिंह, सी.आई.ए. जालंधर में तैनात सहायक सब-इंस्पेक्टर (ए.एस.आई.) रेशम सिंह और एक प्राईवेट व्यक्ति सुरजीत सिंह को 1,00,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ़्तार किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त सभी कर्मचारियों को हरजिन्दर कुमार निवासी गाँव रामपुर ठोडा, जि़ला रूपनगर की शिकायत पर गिरफ़्तार किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने विजीलैंस ब्यूरो से सम्पर्क कर दोष लगाया है कि उक्त सब-इंस्पेक्टर बिसमन सिंह ने एसएचओ होते हुए उसके भाई को होशियारपुर से उसके ट्रक समेत गाड़ी में भुक्की की बरामदगी दिखाकर झूठे केस में गिरफ़्तार किया था।
शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि सम्बन्धित एसएचओ बिसमन सिंह ने उस समय पर एएसआई रेशम सिंह और एक प्राईवेट व्यक्ति सुरजीत सिंह के द्वारा उसके भाई और श्रीनगर से लादा हुआ उसका ट्रक छुड़ाने के लिए 11,00,000 रुपए पहले ही किस्तों में हासिल कर लिए हैं। उसने दोष लगाया कि मुलजिम सब-इंस्पेक्टर का बेशक पुलिस लाईन जालंधर में तबादला हो चुका है परन्तु वह अपने उपरोक्त दो मध्यस्थों के द्वारा इस पुलिस केस में उसकी मदद करने के लिए उससे और पैसों की माँग कर रहा है।
इस शिकायत के तथ्यों और प्राप्त सबूतों की पड़ताल के उपरांत विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने उपरोक्त सब-इंस्पेक्टर बिसमन सिंह, ए.एस.आई रेशम सिंह और प्राईवेट व्यक्ति सुरजीत सिंह को दो सरकारी गवाहों की हाजिऱी में शिकायतकर्ता से 1,00,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में सभी दोषियों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7-ए और आई.पी.सी. की 120-बी के तहत विजीलैंस ब्यूरो के थाना, उडन दस्ता-1, एस.ए.एस. नगर, पंजाब में मुकदमा दर्ज किया गया है और इस केस की आगे की जांच चल रही है।