भाजपा के लोगों को पार्षद मनोनीत करना चंडीगढ़वासियों के साथ धोखा: एचएस लक्की
CHANDIGARH, 27 OCTOBER: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के निर्वाचित पार्षदों की एक बैठक आज कांग्रेस भवन सैक्टर 35 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एचएस लक्की की अध्यक्षता में हुई। इसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि कांग्रेस के सभी पार्षद कल मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेंगे, जबकि नगर निगम सदन की मीटिंग में कांग्रेस के सभी पार्षद प्रभावी तरीके से अपनी पूर्ण उपस्थिति दर्ज कराते हुए चंडीगढ़ की जनता से जुड़े मुद्दों को जोरदारी से उठाएंगे।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने कहा कि मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार का निर्णय केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित द्वारा चण्डीगढ़ में लागू पंजाब नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों की धज्जियां उड़ाते हुए भाजपा के पदाधिकारियों को पार्षद के रूप में नामित करने के फैसले का विरोध प्रकट करने के लिए लिया गया है। बैठक में पार्षद गुरबख्श रावत, गुरप्रीत सिंह गाबी, जसबीर सिंह बन्टी, दर्शना के अलावा पार्षद निर्मला देवी के स्थान पर उनके पति दिलावर सिंह मौजूद थे। पार्षद सचिन गालव ने फोन के ज़रिए प्रस्ताव को अपनी सहमति दी।
बैठक में पारित प्रस्ताव में भाजपा से सम्बन्धित 9 लोगों को पार्षद मनोनीत करने के फैसले को चण्डीगढ़ के लोगों से किया एक धोखा करार देते हुए कहा गया कि प्रशासन का यह फैसला 2021 के नगर निगम चुनाव में दिए गए चण्डीगढ़वासियों के जनादेश को हाईजैक करने के समान है, जिससे भाजपा अलोकतांत्रिक ढ़ंग से नगर निगम पर पूरा कब्जा करना चाहती है, ताकि वह अपने जनविरोधी और भ्रष्ट तन्त्र के द्वारा शहर के संसाधनों की लूट जारी रख सके।
कांग्रेस के पार्षदों ने एक सुर में कहा कि चंडीगढ़ के लिए लागू पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट 1994 में प्रावधान है कि निगम में नामांकन केवल उन व्यक्तियों में से होना चाहिए जिन्होंने सार्वजनिक मामलों में नाम कमाया हो और अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठित हों या जिन्हें नगरपालिका प्रशासन के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव हो. पार्षदों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि नामांकित पार्षदों का मनोनयन चण्डीगढ़ के हितों को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि भाजपा के विध्वंसकारी एवं जनविरोधी एजेण्डे को पोषित करने के लिए किया गया है और प्रशासन का यह फैसला सिर्फ भाजपा के भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के आठ कार्यकर्ताओं के इस तरह से मनमर्जी भरे नामांकन होने से एक बार फिर पता चला है कि प्रशासन ने उस भाजपा के प्रभाव में काम किया है, जो देश में लगातार सभी संवैधानिक और वैधानिक प्राधिकरणों को कमजोर करने के साथ साथ विभिन्न समुदायों में आपसी भाईचारे को चोट पहुंचाने में लगी हुई है।
कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि 2021 के चण्डीगढ़ नगर निगम चुनावों में अगर सभी 35 वार्डों में डाले गए वोटों की गिनती के अनुसार सारे शहर में सामूहिक रुप में कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोटें प्राप्त हुई थी, हालांकि सीटों के लिहाज़ से आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी. परन्तु नामांकन करते हुए इन दोनों पार्टियों की राय को पूरी तरह से नज़रअन्दाज़ कर दिया गया है, जो प्रशासन के तानाशाही भरे रवैये की तरफ इशारा करता है। नामांकन का यह फैसला निगम को और कमजोर कर सकता है, जिससे शहर के विकास की गति में बाधा आ सकती है। कांग्रेसी पार्षदों ने प्रशासक से चंडीगढ़ के लोगों के हित में, भाजपा के नाजायज़ दबाव में लिए गए अपने मनमाने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा है।