लोगों के विश्वास की जीत हुई और लोकतंत्र विरोधी ताकतों को मुँह तोड़ जवाब मिला: मुख्यमंत्री
CHANDIGARH, 3 OCTOBER: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब विधान सभा ने आज सत्र के दौरान सर्वसम्मति से राज्य सरकार के हक में विश्वास प्रस्ताव पास कर दिया। सदन में बहस को समेटते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पंजाब में लोगों के विश्वास की जीत हुई है और लोगों द्वारा दिए गए जनादेश को खरीदने की भद्दी चालें चलने वाली ताकतों को मुँह तोड़ जवाब मिला है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा में विश्वास प्रस्ताव यह बताने के लिए लाया गया था कि राज्य सरकार में लोगों का पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के पास होने से यह साबित हो गया है कि देश के लोकतंत्र को पैसे या धौंस से खरीदा नहीं जा सकता। भगवंत मान ने कहा कि इस ऐतिहासिक जनादेश से राज्य सरकार पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के लिए और अधिक तनदेही से प्रयास करेगी।
देश में लोकतंत्र का कत्ल करने की बनाई जा रही साजिशों पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश के लिए बड़ा ख़तरा है। उन्होंने कहा कि लोगों ने हमेशा लोकतांत्रिक कदरों- कीमतों को कायम रखा परन्तु अब कांग्रेस और भाजपा पिछले दरवाज़े के द्वारा सत्ता हथिया कर लोकतांत्रिक नैतिक-मुल्यों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि रईसों और ताकतवर लोगों ने लोकतंत्र का मज़ाक बनाकर रख दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा में विश्वास प्रसताव इसलिए ज़रूरी हो गया था क्योंकि राज्य में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को गिराने के लिए दोनों पार्टियों ने आपस में साँठ-गाँठ की हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा मुल्क में पिछले दरवाज़े के द्वारा राज्य में सरकारें बनाने की कला में महारत हासिल कर रही है और बदकिस्मती से कांग्रेस इसका सबसे अधिक शिकार होने के बावजूद इसका समर्थन कर रही है। भगवंत मान ने कांग्रेसी नेताओं को यह बताने की चुनौती दी कि कई राज्यों में भाजपा द्वारा कांग्रेस के विधायक खरीद लिए जाने के बावजूद उन्होंने भगवा पार्टी के इस लोकतंत्र विरोधी कदम के विरुद्ध चुप क्यों बैठी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस देश भर में ‘विधायक बिकाऊ हैं’ के नारे लगाकर दफ़्तर खोलेगी। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कांग्रेस और भाजपा ने लोकतांत्रिक नैतिक-मुल्यों का मज़ाक उड़ाने के लिए मिलीभुगत कर ली है। भगवंत मान ने स्पष्ट कहा कि लोकतंत्र में लोग सुप्रीम हैं और वह इस को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। विरोधी पक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि वह भगवा पार्टी के हाथों की कठपुतली बन गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सीनियर नेता को अब प्रताप सिंह ‘भाजपा’ के तौर पर जाना जायेगा, क्योंकि राज्य में लोकतंत्र को नुकसान पहुँचाने में उनकी संदिग्ध भूमिका का पर्दाफाश हो गया है। भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस के सीनियर नेता द्वारा भगवा पार्टी के घृणित कदम का समर्थन करना शर्मनाक बात है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अपने कुछ साथियों के साथ भाजपा में शामिल हुए हैं। वैसे, उन्होंने कहा कि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री के कट्टर समर्थकों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार के गंभीर दोषों के कारण उनके लिए दरवाज़े बंद कर दिए हैं। भगवंत मान ने कहा कि यदि भाजपा जैसी पार्टी भी इन नेताओं को ना-नुकर कर रही है तो इसका सहज ही पता लग जाता है कि यह किस हद तक भ्रष्ट होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार बरगाड़ी कांड के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को मामले की जांच जल्द से जल्द मुकम्मल करने के लिए कहा है, जिससे दोषियों के खि़लाफ़ कार्यवाही की जाये, चाहे वह कितने भी रसूखदार क्यों ना हों। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानूनी स्तर पर भी हर संभव यत्न कर रही है, जिससे किसी भी दोषी को बख्शा ना जाये।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार हलवारा हवाई अड्डे का नाम महान शहीद ‘शहीद करतार सिंह सराभा’ के नाम पर रखने के लिए हर यत्न करेगी। उन्होंने कहा कि महान शहीद को श्रद्धांजलि के तौर पर इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इन महान राष्ट्रीय नेताओं की विरासत को सदा कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य में धान की निर्विघ्न खरीद को सुनिश्चित बनाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की फ़सल का एक-एक दाना खरीदा जायेगा और इस सम्बन्धी पुख्ता प्रबंध भी किए गए हैं। इससे पहले कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान, विधायक शीतल अंगुराल, दिनेश चड्ढा, प्रो. जसवंत सिंह गज्जनमाजरा, प्रो. बलजिन्दर कौर, रुपिन्दर सिंह हैप्पी, तरुनप्रीत सिंह सौंध, जगदीप गोल्डी कम्बोज़, प्रिंसिपल बुद्ध राम, अमृतपाल सिंह सुखानन्द, गुरदेव सिंह देव मान, अजीतपाल सिंह कोहली, अमोलक सिंह, गुरप्रीत सिंह बन्नावाली और मनविन्दर सिंह गयासपुरा भी प्रस्ताव के समर्थन में बोले।