खुले में शौच मुक्त शहर होने के नगर निगम के दावे को भी खारिज किया
CHANDIGARH, 2 OCTOBER: चंडीगढ़ के मेयर रहे पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के नतीजों में चंडीगढ़ का देश के प्रमुख शहरों में सफाई के मामले में 12वा स्थान आने पर नगर निगम की कड़ी आलोचना की है और कहा कि बीजेपी शासित चंडीगढ़ नगर निगम की विफलताओं के कारण यह गर्व की बात नहीं, बल्कि बेहद शर्म की बात है।
चावला ने कहा कि साल 2015 से पहले जब चंडीगढ़ नगर निगम में कांग्रेस पार्टी के मेयर हुआ करते थे तब चंडीगढ़ सफाई की रैंकिंग में कभी दूसरे, तीसरे या पहले स्थान पर आता रहा लेकिन भाजपा के शासन में करोड़ों रुपए के सफाई के टेंडर लगाकर प्राइवेट कंपनी को शहर में सफाई का काम दिया गया, फिर भी चंडीगढ़ एक बार पुनः पहले 10 शहरों की रैंकिंग से बाहर रहा। चावला ने कहा कि डंपिंग ग्राउंड एवं गार्बेज प्रोसेसिंग प्लांट के संचालन के लिए कोई स्पष्ट नीति न होना भी रैंकिंग गिरने में एक प्रमुख कारण है।
सुभाष चावला ने बीजेपी शासित नगर निगम के उस दावे को भी खोखला करार दिया है, जिसमें कहा गया है कि चंडीगढ़ खुले में शौच मुक्त हो गया है। चावला ने कहा कि सचाई यह है कि नगर निगम की विफलताओं के कारण आज भी चंडीगढ़ में लेबर कालोनियों एवं गावों के आसपास सैकड़ों लोग सुबह अंधेरे में खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं।
शहर के सहज सफाई केंद्र आज भी कूड़े के ढेर से भरे हुए रहते हैं।
चावला ने नगर निगम के सभी पार्षदों एवं अधिकारियों से अपील की है कि अपना गुणगान करने के बजाय सभी सामाजिक संस्थाओं, मार्किट एसोसिएशन, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को साथ लेकर इस पर मंथन करें कि चंडीगढ़ का The City Beautiful वाला गौरव और सफाई में पहले नंबर की रैंकिंग कैसे बहाल हो।