पंजाब सरकार ने पराली जलाने के खिलाफ किया जंग का ऐलान, कृषि विभाग के अफसर और कर्मचारियों की छुट्टियां 7 नवंबर तक कैंसिल

धान की पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने का भी फैसला किया

CHANDIGARH, 16 SEPTEMBER: पंजाब सरकार ने पराली जलाने से रोकने के लिए जंग का ऐलान किया है और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से पानी, मिट्टी और वातावरण को बचाने के लिए हर संभव यत्न करने का फ़ैसला किया है। पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज यहां जि़ला कृषि अधिकारियों के साथ मीटिंग करके पराली जलाने को रोकने के लिए बल्यूप्रिंट लागू करने के लिए विचार-विमर्श किया। कृषि मंत्री ने कहा कि पराली जलाने को रोकना राज्य के लिए बड़ी चुनौती है और इससे होने वाले प्रदूषण का मुद्दा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया जा रहा है, जिससे पंजाब की बदनामी हो रही है। धान की पराली जलाने को रोकने और इसके प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने किसानों को सब्सिडी पर खेती यंत्र मुहैया करवाने, जागरूकता मुहिम चलाने और कुछ नये वैज्ञानिक तरीकों जैसे डीकम्पोजऱ स्प्रे जैसे कई ठोस कदम उठाने का फ़ैसला किया है।

कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज समूह अधिकारियों और कर्मचारियों को सिर्फ़ कागज़ी ख़ानापूर्ती करने की बजाय ज़मीनी स्तर पर व्यवहारिक तौर पर काम करने का न्योता दिया। कृषि मंत्री ने आज सीनियर अधिकारियों को हिदायत की कि कृषि विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को 7 नवंबर तक छुट्टी न दी जाए। कृषि मंत्री ने पराली जलाने सम्बन्धी जागरूकता मुहिम और पराली जलाने के मामलों की तुरंत रिपोर्टिंग सम्बन्धित फील्ड में होने वाली सभी गतिविधियों पर नजऱ रखने के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित करने के भी हुक्म दिए। मंत्री ने कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सरवजीत सिंह को पराली जलाने के मुद्दों के बारे जि़ला सिवल और पुलिस प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में रहने के लिए कहा। कुलदीप सिंह धालीवाल ने आगे बताया कि वह सोमवार को कैबिनेट मंत्रियों और राज्य की सभी यूनिवर्सिटियों के वाइस चांसलरों के साथ मीटिंग करेंगे जिससे लोगों को पराली जलाने के बुरे प्रभावों के बारे जागरूक करने के लिए एन. एस. एस. वलंटियरों की सेवाएं ली जा सकें।  

अंत में कृषि मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से ब्लाक स्तर के कृषि अधिकारियों को हैपी सिडर मशीनें मुहैया करवाई जाएंगी, जिनका प्रयोग छोटे किसान मुफ़्त में कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ब्लाक स्तर पर पहले ही तकरीबन 2-5 मशीनें मुहैया करवाई जा चुकीं हैं और वह किसानों के प्रयोग के लिए कृषि अधिकारियों को लगभग 10 हैपी सिडर मशीनें मुहैया करवाने के लिए यत्नशील हैं। मीटिंग में ए.सी.एस. कृषि सरवजीत सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव और मंडी बोर्ड के सचिव रवि भगत, डायरैक्टर कृषि गुरविन्दर सिंह और समूह जि़ला कृषि अधिकारी उपस्थित थे। 

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