CHANDIGARH, 13 SEPTEMBER: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई मुहिम के दौरान आज जी.एस.टी. घोटाले सम्बन्धी कर नाकों से चोरी गाड़ीयाँ ले जाने और टैक्स चोरी करने वाले 6 दोषी एजंटों/बिचोलियों को गिरफ़्तार किया है। यह व्यक्ति राज्य के कर अधिकारियों को रिश्वत देकर बदले में उनको टैक्स से बचने के लिए रास्ता प्रदान कर रहे थे और कम जुर्माना लगाकर कच्चा माल (लोहे का स्क्रैप) और तैयार सामान ले जाने वाले वाहनों की चैकिंग के दौरान जीएसटी को सेंध लगा रहे थे।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में जी.एस.टी. / आबकारी और कर अधिकारियों के अलावा एजंट/ बिचोलिए एक दूसरे के साथ मिलीभुगत करके सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुँचा रहे थे, जिनके विरुद्ध आई.पी.सी. की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी, 201 और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की 7, 7-ए और 8 के अंतर्गत थाना विजीलैंस ब्यूरो, फ्लाइंग स्कुऐड- 1 पंजाब मोहाली में एफ.आई.आर नंबर 8 तारीख़ 21/ 08/ 2020 दर्ज की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि इस मामले की अगली जांच के दौरान विजीलैंस ब्यूरो पंजाब की आर्थिक अपराध शाखा ने आज बलविन्दर सिंह उर्फ बाबू राम, सचिन कुमार लूथरा, पवन कुमार उर्फ काला, अजय कुमार, रणधीर सिंह और अवतार सिंह नामक 6 एजेंटों को गिरफ़्तार किया है। बताने योग्य है कि इस मामले में कराधान विभाग के कुछ अधिकारियों और एजेंटों को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि यह दोषी कराधान विभाग के जी.एस.टी. अधिकारियों की मिलीभुगत के साथ जी.एस.टी. की अपेक्षित रकम का भुगतान किये बिना लोहे के स्क्रैप/ तैयार सामान ले जाने वाले अलग-अलग राज्यों के साथ सम्बन्धित वाहनों को ले जाने वाले इस गठजोड़ में सक्रियता से शामिल थे। इस घोटाले के तरीकों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि राज्य के टैक्स अधिकारियों की मदद के बदले यह एजेंट उनको भारी रिश्वत दे रहे थे।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि इस मामले की जांच के दौरान एजेंटों के अन्य ग्रुप और सम्बन्धित जीएसटी अधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच की जायेगी। इन सभी गिरफ़्तार एजेंटों का अदालत से रिमांड लेकर मामले की अगली जांच की जायेगी।