दुनिया में भारतमें सबसे ज्यादा पुस्तकें पढ़ी जाती है, क्यों न पूरा विश्व पढ़ने की आदत डाले खासकर स्पिरिचुअल लिटरेचर: आशिम खेतरपाल
CHANDIGARH, 11 SEPTEMBER: आज सामाजिक संदेशों वाली पुस्तकों और मनुष्यों के आध्यात्मिक और कल्याण के इर्द-गिर्द की कहानियों का महत्व सर्वोपरि हो गया है। Story Mirror की न केवल दुनिया भर में आशिम खेत्रपाल के साईं भक्तों के मजबूत आधार के कारण बैंडविड्थ बढ़ाने की योजना है, बल्कि इन पुस्तकों को देशभर में विभिन्न वर्टिकल में देने की योजना है, जिसमें ई-बुक्स, ऑडियो बुक्स, फिजिकल बुक्स तक सीमित नहीं है। साई (अंग्रेजी), साई संवाद (हिंदी), साईं विभूति (अंग्रेजी), साईं विभूति (हिंदी), कृष्ण और साई (अंग्रेजी), कृष्णा और साई (हिंदी) जैसी किताबें स्टोरी मिरर द्वारा प्रकाशित की जाने वाली किताबें हैं।
खेत्रपाल ने कहा, ‘मैं इस डील को लेकर बहुत उत्साहित हूं और मुझे लगता है कि यह एक विन विन स्थिति है जहां इन पुस्तकों के माध्यम से जो ज्ञान प्रदान किया गया है वह अमेज़ॅन फ्लिपकार्ट और विभिन्न प्रमुख प्लेटफार्मों और देश भर के ऑफलाइन स्टोर जैसे विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।’ ‘हम समान रूप से उत्साहित हैं।’ बिभु ने कहा, ‘इतिहास और आध्यात्मिक स्थान बहुत गति प्राप्त कर रहा है और भारतीय, प्रवासी भारतीय अपने और अपने अतीत के बारे में जानने में अधिक रुचि रखते हैं। अध्यात्म और आस्था के पीछे बहुत सारा विज्ञान है, जिसे आधुनिक विज्ञान ने अब तक अनदेखा किया है। ये पुस्तकें पाठकों के बीच विश्वास बढ़ाने का वादा हैं।’बिभु ने कहा, ‘खेतरपाल के साथ स्टोरी मिरर का जुड़ाव दुनिया भर में हमारे पाठकों के लिए विभिन्न भाषाओं में अपार ज्ञान और अंतर्दृष्टि लाएगा और हमें उम्मीद है कि सर्वोच्च शक्ति पर उनकी लोकप्रियता और विश्वास उनकी किताबों के माध्यम से युवा पीढ़ियों तक पहुंचेगा।’ दिन-ब-दिन घटती पढ़ने की आदतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘दुनिया में भारत सबसे ज्यादा पढ़ता है। शीर्ष 100 पुस्तकें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रति सप्ताह 150K से अधिक प्रतियां बेचती हैं। अगर हम इसे कुछ अनुमानों के साथ लेखकों की संख्या के साथ जोड़ते हैं, तो लगभग 78 करोड़ किताबें प्रति वर्ष केवल भारत में बेची जाती हैं। यह अभी भी बाहरी डेटा है। अगर मैं StoryMirror डेटा की बात करूं, तो StoryMirror प्लेटफॉर्म पर हर महीने 1 करोड़ से ज्यादा मिनट पढ़े जाते हैं और शुरुआत के कुछ ही सालों में कई लाख कॉपियों की बिक्री इस बात का प्रमाण है कि लोग पढ़ रहे हैं।’ इस तरह के सौदे आध्यात्मिक स्थान पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे और संभवत: भारत भर के प्रकाशक भविष्य में इस तरह की और अधिक सामग्री तैयार करने का प्रयास करेंगे।