राज्य के नौ हजार से अधिक मुलाजिमों को होगा लाभ
CHANDIGARH, 5 SEPTEMBER: मुलाज़िम पक्षीय एक बड़े फ़ैसले के अंतर्गत मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब कैबिनेट ने एडहॉक, ठेके, डेली वेज, वर्क चार्जड और कच्चे मुलाजिमों की सेवाएं रेगुलर करने वाली नीति को आज मंजूरी दे दी। इस फ़ैसले से राज्य सरकार के नौ हज़ार से अधिक मुलाजिमों को लाभ होगा। इस सम्बन्धी फ़ैसला आज यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय-1 में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में हुई मंत्री समूह की मीटिंग में लिया गया।
यह जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि ग्रुप सी और ग्रुप डी के स्तर के पदों की बेहद कमी होने के कारण इन पदों पर ठेके/आरज़ी तौर पर भर्ती की गई थी। इनमें से कुछ मुलाजिमों को काम करते हुये 10 साल से अधिक का समय बीत चुका है और उन्होंने अपनी ज़िंदगी के अहम साल राज्य की सेवा के लिए दिए हैं। कैबिनेट का तर्क था कि इस स्तर पर जाकर अब इन मुलाजिमों को फ़ारिग करने या इनकी जगह और भर्ती करनी, इन मुलाजिमों के साथ सरासर बेइन्साफ़ी और अनुचित है।
इन ठेके के आधार पर काम करते कच्चे मुलाजिमों के हित को ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार ने भारतीय संविधान की दूसरी सूची की 41वें इंदराज/एंट्री से धारा 162 अधीन एडहॉक, ठेके, डेली वेज, वर्क चार्जड और कच्चे मुलाजिमों की भलाई के लिए नीति बनाई है जिससे ऐसे मुलाजिमों को अनिश्चितता के माहौल का सामना न करना पड़े और उनकी नौकरी सुरक्षित होनी यकीनी बने। राज्य सरकार ने ऐसे इच्छुक और योग्य मुलाजिमों, जो योग्यता शर्तों पूरी करेंगे, की सेवाओं को 58 साल की उम्र तक विशेष काडर में डाल कर पक्का करने के लिए नीतिगत फ़ैसला किया है। सिर्फ़ पंजाब के प्रशासनिक विभागों और अदारों वाले ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों के लिए बनाई इस नीति से नौ हज़ार से अधिक मुलाजिमों को लाभ मिलेगा।
सेवाओं को रेगुलर करने के लिए एडहॉक, ठेके, डेली वेज़, वर्क चार्जड या कच्चे मुलाज़िमों को इस मौजूदा नीति के जारी होने तक काम करते को लगातार 10 साल होने चाहिएं और विशेष काडर में डालने समय पर उनके पास सम्बन्धित पद की शर्तों के मुताबिक तजुर्बे और अपेक्षित योग्यता हो। इन 10 सालों की सेवा के दौरान सम्बन्धित विभाग के मूल्यांकन के मुताबिक आवेदक का आचरण और व्यवहार पूरी तरह संतोषजनक हो। पक्के होने के लिए मुलाज़िम ने इन 10 सालों के हरेक कैलंडर साल के दौरान कम से कम 240 दिन काम किया हो। दस सालों की सेवा गिनने समय पर काम में नोशनल ब्रेक को विचारा नहीं जायेगा।
यह नीति उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होगी, जो ऑनरेरी आधार पर शामिल थे या जो पार्ट टायम आधार पर काम करते थे या जो सेवा मुक्ति की उम्र पर पहुंच चुके हैं या जो अपने स्तर पर इस्तीफ़ा दे चुके हैं। यह नीति उन मुलाजिमों पर भी लागू नहीं होगी, जिनकी सेवाओं को विभाग ने बरकरार नहीं रखा या जो आउट सोर्स या इनसैंटिव आधार पर शामिल थे। जो मुलाज़िम के पास इस विशेष सेवा काडर में शामिल किये जाने के समय सेवा नियम ( यदि हैं) के अधीन सम्बन्धित पद के लिए तजुर्बा या अपेक्षित योग्यता नहीं होगी, उनकी सेवाएं भी पक्का नहीं होंगी। जो मुलाज़िम किसी अदालत या ट्रिब्यूनल के अंतरिम आदेशों और हिदायतों के मुताबिक सेवा कर रहे हैं या जिनको किसी नैतिक आचरण का दोषी या जिस मुलाज़िम के खि़लाफ़ ऐसे किसी अपराध के कारण अदालत ने दोष तय किये हैं, उनकी सेवाएं रेगुलर नहीं होंगी।
इन मुलाजिमों की सेवाएं जारी रखने के मंतव्य से सरकार ने फ़ैसला किया है कि जो मुलाज़िम ऐसे पद पर तैनात होंगे, जिनकी काडर पोस्ट नहीं होगी, उनकी सेवाओं को विशेष काडर पदों में रखा जायेगा। लाभार्थी मुलाज़िम की नियुक्ति प्रक्रिया उसकी तरफ से सभी सम्बन्धित दस्तावेज़ों के साथ आवेदन फार्म जमा करवाने के बाद शुरू होगी। जिन लाभार्थी मुलाजिमों को विशेष काडर में रखा जा रहा है, उनकी सेवाएं 58 साल की उम्र तक जारी रहेंगी। इस विशेष काडर में नियुक्ति के हुक्म जारी होने की तारीख़ से इन मुलाजिमों को नव-नियुक्त मुलाज़िम के तौर पर विचारा जायेगा।