NEW DELHI, 29 AUGUST: देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर पशुपालकों के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2024-25 में दुग्ध उत्पादन बढ़कर 30 करोड़ मीट्रिक टन हो जाएगा, जो 2019-20 में 19.84 करोड़ मीट्रिक टन रहा था। ऐसे में किसानों और इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों की स्थितियों को और अधिक मजबूत करने और प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार समय-समय पर अनेक कदम उठाते रही है। इसी के तहत मत्स्यपालन,पशुपालन और डेयरी के रूप में नए मंत्रालय के अंतर्गत देसी नस्लों के विकास हेतु ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ के अंतर्गत गोपशुओं के संरक्षण, संवर्धन और किसानों के आर्थिक हितों को देखते हुए दूध की उत्पादकता बढ़ाने के लिए इस योजना को कार्यान्वित किया जा रहा है। जिसके तहत ऐसे किसानों को सम्मानित भी किया जाता है।
डेयरी क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने वर्ष 2022 के राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। आवेदन 15 सितंबर तक किए जा सकते हैं। आवेदक आवेदन करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से अपनी नमांकन कर सकते हैं।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत दिए जाने वाले इस पुरस्कार को पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने 2022 में जारी रखने का निर्णय लिया है। यह दुग्ध उत्पादक किसानों और इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों और दुग्ध उत्पादकों को बाजार तक सुलभ पहुंच प्रदान करने वाली डेयरी सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तीन श्रेणियों में साल दिया जाता है, जो कि हैं…
- देशी गाय या भैंस की नस्लों को पालने-पोसने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
- सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन
- सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/दुग्ध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन
पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जा रहे इस राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार में प्रत्येक श्रेणी में योग्यता का प्रमाण पत्र, एक स्मृति चिन्ह और राशि दी जाएंगी, जो कि इस प्रकार से हैं…
रु. 5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र)- पहली रैंक
रु. 3,00,000/- (तीन लाख रुपये मात्र) – दूसरी रैंक
रु. 2,00,000/- (दो लाख रुपये मात्र) – तीसरी रैंक
राष्ट्रीय गोकुल मिशन क्या है
स्वदेशी गोजातीय नस्लों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित तथा विकसित करने के उद्देश्य से देश में पहली बार “राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM)” को दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था। पशुपालन एवं डेयरी विभाग इसके माध्यम से किसानों को स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के प्रभावी विकास के उद्देश्य से हर संभव प्रयास कर रहा है। भारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लें काफी पुष्ट हैं और ये देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं। इस मिशन के माध्यम से सुविधाओं का सम्पूर्ण उपयोग कर किसानों को अत्यधिक लाभ देने की कोशिश की जा रही है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) के विस्तार और अधिक पहुंच के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गोकुल ग्रामों की स्थापना की गई है। इस मिशन का लक्ष्य दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने के लिए स्वदेशी नस्लों को संरक्षित एवं विकसित करना है।
इस योजना के तहत एकीकृत स्वदेशी मवेशी केंद्र “गोकुल ग्राम” की स्थापना के लिए धन आवंटित किया गया है। गोकुल ग्राम स्वदेशी नस्लों के विकास के केंद्र के रूप में कार्य करेगा और प्रजनन पथ में किसानों को उच्च आनुवंशिक प्रजनन स्टॉक की आपूर्ति के लिए एक भरोसेमंद स्रोत होगा। गोकुल ग्रामों की स्थापना दो प्रकार के स्थानों पर की गई हैं पहला देशी प्रजनन इलाकों में और दूसरा शहरी मवेशियों के आवास के लिए महानगरों के पास। शहरी मवेशियों के प्रबंधन के लिए महानगर शहरों के पास गोकुल ग्राम भी स्थापित किया जाएगा। महानगरीय गोकुल ग्राम, शहरी मवेशियों के आनुवंशिक उन्नयन पर केंद्रित होगा।
केंद्र सरकार जमीनी स्तर पर किसानों के कल्याण के लिए ठोस कदम उठा रही है। किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए पशुपालन, डेयरी विभाग के साथ पूरे मनोयोग से काम कर रहा है।
ऐसे करें आवेदन
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2022 में आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से स्वीकृत किए जा रहे है। इसके लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल यानि https://awards.gov.in के माध्यम से अपना नामांकन कर सकते हैं। इस विषय में पात्रता के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु वेबसाइट https://awards.gov.in को देखा जा सकता है। इस वेबसाइट मवेशियों तथा भैंसों की पंजीकृत नस्लों के नाम भी संलग्नक में दिए गए हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2022 को निर्धारित की गई है। ये पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर, 2022) के अवसर पर प्रदान किए जाएंगे।