राजस्थान के दलित छात्र हत्याकांड को लेकर चंडीगढ़ के रामदरबार में निकाला गया कैंडल मार्च

पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने किया नेतृत्व, राजस्थान सरकार से की कड़ी कार्रवाई की मांग

CHANDIGARH, 21 AUGUST: राजस्थान के जालौर में एक दलित बच्चे की हत्या के मामले को लेकर आज यहां रामदरबार क्षेत्र (वार्ड नंबर-19) में चंडीगढ़ की पूर्व मेयर श्रीमती कमलेश बनारसीदास के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकालकर मृत बच्चे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई और राजस्थान सरकार से इस घटना के दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई।

इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने कहा कि राजस्थान के जिला जालौर के गांव सुराणा में एक बहुत ही दुखदाई घटना घटी है, जिसमें 8 साल के एक बच्चे इंद्र कुमार मेघवाल, जो दलित समाज से आता था, को वहां के जातिवादी घृणित मानसिकता वाली सोच के अध्यापक ने पानी पीने के घड़े को छूने मात्र पर पीट-पीटकर बेरहमी से मार डाला। फिर उसके परिवार पर जातिवादी लोगों ने दबाव बनाकर इस जघन्य हत्याकांड को दबाने की कोशिश की। कमलेश बनारसीदास ने कहा कि इस घटना की रामदरबार का समस्त समाज कड़े शब्दों में निंदा करता है और मांग करता है कि ऐसी जातिवादी सोच वाली मानसिकता को समाज से खत्म किया जाए, क्योंकि ऐसी सोच जहरीली ही नहीं, बल्कि देश और समाज को लगा हुआ कोड़ है, जिसको खत्म होना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि हम रामदरबार के सभी समाज के निवासी पंजाब के गवर्नर एवं चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से अपील करते हैं कि हमारी बात को केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार तक जरूर पहुंचाएं।

ये हैं मुख्य मांगें ?

? मृत बच्चे इंद्र कुमार मेघवाल के परिवार के 2 सदस्यों को सरकारी नौकरी राजस्थान सरकार या केंद्र सरकार दे तथा उसके परिवार को मुआवजे के रूप में (50,00,000) पचास लाख रुपए दिए जाएं।

? बच्चे की हत्या करने वाले जातिवादी मानसिकता के व्यक्ति को फास्ट ट्रैक कोर्ट के द्वारा जल्द से जल्द फांसी की सजा मुकर्रर की जाए।

? पीड़ित परिवार को वहां के जो जातिवादी लोग धमका रहे हैं, उन लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए।

? समाज में फिर ऐसी कोई जातिवाद की घटना न हो, उसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार सुनिश्चित करें।

? आए दिन होने वाले जातिवादी मानसिकता के अत्याचारों को रोकने के लिए एक ठोस कमेटी गठित की जाए, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग के लोगों को शामिल किया जाए तथा इस कमेटी को कैबिनेट रैंक के स्तर की पावर दी जाए, ताकि यह पुलिस प्रशासन पर सीधी पकड़ रख सके और अत्याचारों को रोक सके।

कैंडल मार्च में पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास के अलावा एडवोकेट सतेन्द्र बासिया, हरिशंकर गोसाई, स्वामी चंद्रपाल अनार्य धर्मगुरु भावाधस, ओपी चौटाला, उदेश कुमार भूतपूर्व प्रधान स्वीपर यूनियन चंडीगढ़, मंगी, रणवीर सिंह बोहत सुभाष पाल आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए।

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