बहु-धार्मिक और बहुलवादी भारत का विचार हम सभी के लिए हमेशा मार्गदर्शक शक्ति बना रहेगा: एचएस लक्की
CHANDIGARH, 14 AUGUST: भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस द्वारा आयोजित की जा रही 75 किलोमीटर लंबी 7 दिवसीय ‘आजादी की गौरव यात्रा’ आज लगातार छठे दिन चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की की अगुआई में जारी रही।
आजादी की गौरव यात्रा’ के तहत आज शाम मलोया में स्थानीय पार्षद निर्मला देवी, पार्टी के महासचिव विनोद शर्मा, वरिष्ठ नेता दिलावर सिंह और ऋषि कुमार के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी मलोया के मुख्य बाजार में एकत्रित हुए और मलोया कॉलोनी की आंतरिक सड़कों से होकर तिरंगा पदयात्रा निकाली। सभी लोग अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिए हुए थे और वंदे मातरम व भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। पदयात्रा का मुख्य आकर्षण सैकड़ों उत्साही स्थानीय निवासियों की भागीदारी रही, जिन्होंने बारिश के बावजूद भारत के राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में एक विशाल यात्रा करने का अपना निश्चय बनाए रखा। स्थानीय पार्षद निर्मला देवी ने देशवासियों को स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी और कहा कि 1947 में हमारी आज़ादी विभिन्न संस्कृतियों, क्षेत्रों और जातीयता के लोगों के सभी वर्गों के बीच एकता और सभी के भारतीय तिरंगे के बैनर तले आने के कारण ही हासिल हुई। यह कहते हुए कि स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को गुलामी से मुक्त करने के लिए अभूतपूर्व बलिदान दिए, उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विकसित हुए सभी मूल्यों और विचारों को भारत के संविधान में शामिल किया गया है। लोगों से संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने और मजबूत करने का आग्रह करते हुए उन्होंने उनको उन ताकतों से सावधान रहने के लिए आगाह किया, जो संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस की आजादी की गौरव यात्रा के अंतर्गत दूसरी तिरंगा पदयात्रा सेक्टर 48 और 49 में आयोजित की गई, जिसका आयोजन जिला कांग्रेस अध्यक्ष परवीन नारंग बंटी और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं मीनाक्षी चौधरी, जागीर सिंह, अमनदीप सिंह और दविंदर गुप्ता ने किया। इस मौके पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने लोगों से आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अपने घरों में तिरंगा फहराने का आग्रह किया। शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य का सफलतापूर्वक मुकाबला करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि एक बहु-धार्मिक और बहुलवादी भारत का विचार, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उभरा, हम सभी के लिए हमेशा एक मार्गदर्शक शक्ति बना रहेगा।