राज्यभर में व्यापक स्तर पर पशुओं के टीकाकरण का ऐलान, अन्य राज्यों से पशुओं के दाखिले को रोकने के लिए पंजाब की सीमाएं की सील
CHANDIGARH, 10 AUGUST: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पशुओं में फैली लम्पी स्किन की बीमारी (चमड़ी रोग) के साथ पैदा हुए हालात की रोज़ाना प्रभावी ढंग से निगरानी रखने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया है। इस बीमारी से पैदा हुई स्थिति का जायज़ा लेने के लिए उच्च स्तरीय बैठक के बाद विस्तार में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि मंत्री समूह का गठन वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और पशु पालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर पर अधारित होगा और इस कमेटी को पशु पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और गुरू अंगद देव वैटरनरी एंड एनिमल साइंसज़ यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ और अधिकारी सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रियों का समूह रोज़ाना की स्थिति का जायज़ा लेकर इस बीमारी की रोकथाम के लिए अपेक्षित कार्यवाही करेगा। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में पशु पालकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पशुओं के टीकाकरण बिल्कुल मुफ़्त किया जाएगा और इसके लिए फंडों की कोई कमी नहीं है। भगवंत मान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सिफ़ारिश की गई बेहतर दवा इस्तेमाल की जाएगी और यदि और ज़रूरत पड़ी तो हवाई जहाज़ के द्वारा और दवा मंगवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फि़लहाल राज्य सरकार इस बीमारी से निपटने के लिए ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि पशु-धन राज्य की अर्थव्यवस्था का अटूट अंग है और पंजाब सरकार इस बीमारी को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। भगवंत मान ने पशु-पालकों को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि राज्य सरकार ने अन्य राज्यों से पंजाब में पशुओं के दाखि़ले को रोकने के लिए राज्य की सरहदों को सील कर दिया है। उन्होंने कहा कि फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा और तरन तारन जिला इस बीमारी से अब तक सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जिससे पता लगता है कि यह बीमारी अन्य राज्यों से फैली है। भगवंत मान ने कहा कि इस बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए राज्य की सरहदों को सील करना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने पशु-मालिकों को अफ़वाहों से बचने और संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत मान ने पशु-मालिकों से अपील की कि वह पशुओं के आस-पास सफ़ाई रखें और किसी भी बीमारी के लक्षण वाले पशुओं को अलग कर दें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब तक इस बीमारी पर काबू नहीं पाया जाता, तब तक राज्य में कोई भी पशु मेला करवाने पर मुकम्मल पाबंदी रहेगी। उन्होंने कहा कि पशु-पालन विभाग को पशुओं के रोगों से लडऩे की ताकत बढ़ाने के लिए कैल्शियम की ख़ुराकें देने के लिए कहा गया है। इसी तरह भगवंत मान ने बताया कि विभाग को मच्छर मारने के लिए सप्रे करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि मच्छर भी बीमारी के फैलाव का कारण बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने पशु-पालकों को भी अपील की कि वह अपने पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित बनाएं, क्योंकि इससे बीमारी के साथ लडऩे की ताकत भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि मरे हुए पशुओं को सही ढंग से दफऩ करने को सुनिश्चित बनाने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को खाली पड़ी ज़मीनों और अन्य व्यवस्था करने के लिए ज़रुरी प्रबंधों को सुनिश्चित बनाने के आदेश दिए गए हैं। भगवंत मान ने यह भी कहा कि हाल के रूझानों से यह भी पता लगता है कि राज्य में यह बीमारी घट रही है। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा, कुलदीप सिंह धालीवाल और लालजीत सिंह भुल्लर भी उपस्थित थे।