4 घंटे से अधिक चली मीटिंग में किसानों की माँगों पर बनी सहमति, 7 सितम्बर तक गन्ना किसानों की बकाया राशि अदा करने का फ़ैसला
CHANDIGARH, 02 JULY: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को किसान यूनियनों की ज़्यादातर माँगें मान ली हैं, जिसके बाद किसान नेता 3 अगस्त को अपना प्रस्तावित आंदोलन ख़त्म करने के लिए सहमत हो गए हैं। मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं किसानों की भलाई के लिए पूर्ण तौर पर वचनबद्ध हूँ और मेरे कार्यकाल के दौरान किसानों को अपनी सच्ची माँगों के लिए धरने- प्रदर्शन नहीं करने पड़ेंगे।’’
यहाँ पंजाब भवन में किसान यूनियन के साथ लम्बी मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शूगरफैड्ड की तरफ से गन्ना किसानों का 195.60 करोड़ रुपए के बकाए का भुगतान किया जाना है और इसमें से 100 करोड़ रुपए इस साल 15 अगस्त तक जबकि बाकी 95.60 करोड़ रुपए आगामी 7 सितम्बर तक अदा कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों के सभी बकाए 7 सितम्बर तक अदा कर दिए जाएंगे। भगवंत मान ने कहा कि फगवाड़ा शुगर मिल को छोड़ कर बाकी सभी प्राईवेट चीनी मिलों ने भी भरोसा दिया है कि वे किसानों के बकाए 7 सितम्बर तक अदा कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार यह यकीनी बनाने के लिए उचित कार्य योजना तैयार कर रही है कि किसानों को पराली जलाने के रुझान का त्याग करने के बदले वित्तीय सहायता दी जा सके। उन्होंने कहा कि धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों की जांच की प्रक्रिया चल रही है और इस प्रक्रिया के मुकम्मल होते ही सीधी बुवाई की तकनीकी अपनाने वाले किसानों के लिए ऐलानी वित्तीय सहायता अदा कर दी जायेगी। एक अन्य माँग पर भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार कोविड और अन्य समय के दौरान किसानों के विरुद्ध दर्ज की सभी एफ. आई. आरज़ को रद्द करने का रास्ता तलाशेगी और किसान आंदोलन के दौरान रेलवे पुलिस फोर्स द्वारा दर्ज किये गए मामलों संबंधी वह भारत सरकार के समक्ष मामला उठाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसानों को गेहूं/चावल के चक्र में से बाहर निकाल कर कृषि को लाभदायक धंधा बनाने के लिए हर संभव यत्न कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को नौकरियां देने की प्रक्रिया पहले ही जारी है और शहीदी प्राप्त करने वाले किसानों के बाकी रहते परिवारों को भी जल्द ही मुआवज़ा दिया जायेगा। भगवंत मान ने किसानों को मौजूदा खेती संकट में से निकालने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराया।