इस घटना के लिए लायंस कंपनी जिम्मेदार: ओमप्रकाश सैनी
CHANDIGARH, 25 JULY: आर्थिक तंगी से जूझ रहे सफाई कर्मचारी राजेश टांक द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले को लेकर डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन सोसाइटी ने भारी गुस्सा जाहिर करते हुए इस घटना के लिए सफाई कंपनी लायंस सर्विसेज लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही ऐलान किया है कि मृतक सफाई कर्मी के परिवार को जब तक मुआवजा नहीं दिया जाएगा, उसके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन सोसाइटी के चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी ने देर रात एक बयान जारी कर कहा कि मलोया में किराए पर रहने वाले सफाई कर्मचारी राजेश टांक ने आर्थिक तंगी के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है, जिसका मुख्य कारण यह रहा कि वह लायंस कंपनी में पिछले कई सालों से काम कर रहा था लेकिन पिछले 2 महीने से वेतन नहीं मिला। घर की बदहाली व तंगी के कारण उसको खुदकुशी जैसा कदम उठाना पड़ा। इसके लिए लायंस कंपनी व उसके उच्च अधिकारी जिम्मेदार हैं। सैनी ने कहा कि लायंस कंपनी के उच्च अधिकारी बताएं कि अब मृतक कर्मचारी के बच्चों का क्या होगा। वह अपने पीछे तीन बच्चे छोड़ गया है। बेटी की उम्र 18, बेटे की उम्र 16 व एक बेटा 14 साल का है। उसके परिवार का आरोप है कि अगर राजेश को समय से वेतन मिलता तो आज ये हालत न होती। सैनी ने कहा कि इस घटना से सरासर महसूस होता है कि लायंस कंपनी के उच्च अधिकारी एवं कंपनी का गैर जिम्मेदाराना रवैया हमारे सभी मजदूर साथियों के लिए घातक हो सकता है। अब लायंस कंपनी मृतक कर्मचारी राजेश के बच्चों के भविष्य का इंतजाम कैसे करेगी, इसको ध्यान में रखते हुए सभी कर्मचारी यूनियन एवं अन्य मजदूर संगठन एवं सोसाइटी ने निर्णय लिया है कि जब तक इस पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा नहीं मिलता तब तक पार्थिव शरीर का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा।
ओमप्रकाश सैनी ने कड़े शब्दों में लायंस कंपनी एवं नगर निगम को चेतावनी दी है कि हमारे सभी मजदूर साथियों की समय पर तनख्वाह आनी चाहिए, ताकि कल को कोई और साथी ऐसा कदम न उठाए। डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन सोसाइटी के चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी, सफाई कर्मचारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार चड्ढा, गार्बेज कलेक्टरों के प्रधान धर्मवीर राणा, विजेंद्र डुलगच, विनोद लोहट, धर्मवीर अटवाल, दीपक नेपाली, संजू, जीवन आदि सफाई कर्मचारी एवं वाल्मीकि समाज के नेताओं ने कहा कि पीड़ित परिवार को यदि तुरंत मुआवजा न दिया गया तो और कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।