CHANDIGARH 5, JULY: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने मंगलवार को एस.ए.एस. नगर जिले के गाँव माजरियां की लगभग 578 एकड़ (4,624 कनाल) ज़मीन के इंतकाल के मौके पर राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के साथ राजस्व रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करने के दोषों अधीन दो प्रॉपरटी डीलरों रब्बी सिंह और बनारसी दास को गिरफ़्तार किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि गाँव माजरियां, तहसील खरड़ के राजस्व रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ करने सम्बन्धी एस.ए.एस. नगर में साल 2019 की शिकायत नंबर 370 की जाँच-पड़ताल के उपरांत मुकदमा नंबर 06 तारीख़ 08.05.2020 के अधीन भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और आइपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 120-बी के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो का उडन दस्ता-1 पंजाब एस.ए.एस. नगर के पुलिस थाने में राजस्व विभाग के अधिकारियों और प्रॉपरटी डीलरों के रूप में काम करने वाले निजी व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था।
प्रवक्ता ने बताया कि उक्त मामले की पड़ताल के दौरान विजीलैंस ब्यूरो की आर्थिक अपराध शाखा ने पाया कि नं. 3159 तारीख़ 21.05.2004 के इंतकाल के मौके पर राजस्व रिकॉर्ड में छेड़छाड़ और फज़ऱ्ी इंदराज किए गए थे, जोकि गाँव माजरी के लोगों द्वारा अपनी सम्बन्धित ज़मीन, जिसके वह मोहाली के तत्कालीन कनसॉलीडेशन अफ़सर द्वारा किए गए इंतकाल नंबर: 2026, तारीख़ 7 मई 1991 के मुताबिक, असली मालिक थे, के लिए दर्ज करवाई गई थी। उक्त दोषी प्रॉपरटी डीलरों ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके धोखे से उक्त गाँव की ज़मीन का इंतकाल ही बदल दिया, जिसमें 14 व्यक्तियों को गाँव माजरी की 558 एकड़ (4,464 कनाल) ज़मीन का मालिक दिखाया गया।
जांच के दौरान यह भी पता लगा है कि इन 14 व्यक्तियों में से 12 बिल्कुल फज़ऱ्ी थे। वह उक्त ज़मीन के मालिक, गाँव माजरी के निवासी या काश्तकार भी नहीं हैं। बाकी 2 व्यक्ति गाँव माजरी के निवासी हैं और थोड़े क्षेत्रफल की ज़मीन के मालिक हैं, परन्तु दोषी राजस्व अधिकारियों द्वारा उनके हिस्से असली हिस्से से बढ़ा दिए गए। इसके अलावा 18.06.2014 और 19.06.2014 को लगभग 578 एकड़ (4,624 कनाल) ज़मीन धोखे से ऐसे व्यक्तियों के नाम तबदील की गई थी जो वास्तव में ज़मीन के मालिक ही नहीं थे।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि उक्त मामले की जांच के आधार पर विजीलैंस ब्यूरो ने दोषी प्रॉपरटी डीलरों रब्बी सिंह और बनारसी दास को गिरफ़्तार किया है। दोनों आरोपियों का सम्बन्धित अदालत से पुलिस रिमांड लेकर और पूछताछ की जाएगी। इस केस का और खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि आरोपी रब्बी सिंह ने एक फर्जी व्यक्ति अमरीक सिंह के नाम पर 69.68 एकड़ (557 कनाल) ज़मीन की जनरल पावर ऑफ अटार्नी (जीपीए) खऱीदी थी और बाद में इस आधार पर जी.पी.ए. लगभग 42 एकड़ (336.5 कनाल) ज़मीन अलग-अलग व्यक्तियों को बेच दी। दूसरे दोषी बनारसी दास ने ज़मीन के फर्जी इंतकाल के आधार पर करीब 53 एकड़ ज़मीन (424 कनाल) अलग-अलग व्यक्तियों को बेच दी। आरोपी बनारसी दास कभी भी बेची गई ज़मीन, जिसको राजस्व रिकॉर्ड में धर्मपाल के नाम पर दिखाया गया है, का असली मालिक नहीं था। प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्धी अगली जांच जारी है।