सरकारी स्कूलों को आला दर्जे के स्कूलों में बदलने का संकल्प
अच्छी सेहत के लिए ‘तंदुरुस्त मन एवं तंदुरुस्त विचार’ का दिया नारा
CHANDIGARH, 25 JUNE: पंजाब में गैंगस्टरवाद को जड़ से ख़त्म करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और मज़बूत करने के लिए व्यापक सुधार लाने का ऐलान किया।
विधान सभा में आज राज्यपाल के भाषण पर बहस को समेटते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में गैंगस्टरों की गतिविधियों पर नकेल कसना राज्य सरकार का कर्तव्य बनता है। इस दिशा में कानून-व्यवस्था से सम्बन्धित व्यापक स्तर पर सुधार लाना समय की मुख्य ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही विटनैस प्रोटेक्शन बिल (गवाह सुरक्षा बिल) लाएगी और जेलों को अति सुरक्षित जेलों के रूप में अपग्रेड करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मंतव्य के लिए पहले ही ए.डी.जी.पी. रैंक के अधिकारी के नेतृत्व अधीन गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स को बिना किसी डर और भेदभाव के गैंगस्टरों के साथ किसी तरह का लिहाज़ न बरतने के सख़्त हुक्म दिए गए हैं। इस फोर्स को आधुनिक सुविधाएं और साधन मुहैया करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरहद पार से नशों और हथियारों की तस्करी रोकने के लिए एस.टी.एफ. ने तकनीकी सहयोग के लिए जि़ला पुलिस, ख़ुफिय़ा विंग, बी.एस.एफ., एन.सी.बी और अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल करके बड़ी कार्यवाही शुरु की है।
अपनी सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जि़क्र करते हुए और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों का नक्शा पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस सपने को साकार करने का रास्ता आसान नहीं है। कदम-दर-कदम चुनौतियाँ होंगी। हमारे लिए इम्तिहान की घड़ी होगी, परन्तु मेरा विश्वास है कि हम हर इम्तिहान में शान से विजेता बनकर निकलेंगे। मैं पार्टी स्तर से ऊपर उठकर इस सदन के सभी सदस्यों से सहयोग की उम्मीद करता हूँ, जिससे हम एकजुट होकर अपने सपनों के पंजाब के पुनर्निर्माण के लिए अथक मेहनत करके आगे बढ़ सकें।’’
भगवंत मान ने सदन में कहा, ‘‘पंजाब की तारीख में यह ऐतिहासिक समय है और इस ऐतिहासिक समय में परमात्मा ने हमें राज्य की सेवा करने का सौभाग्य बख्शा है। आओ, शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव अम्बेदकर जी के आदर्शों से मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़ें, जिनके महान बलिदानों ने हमें यह मौका दिया है। आओ, यह सुनिश्चित बनाऐं कि अच्छे और साफ़-सुथरे शासन और बदलाव की क्रांति की गूँज पंजाब के हरेक घर और हरेक व्यक्ति तक पहुँचे।’’
राज्य से सम्बन्धित अन्य मसलों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को हर हाल में बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य की अमन-शान्ति में रुकावट डालने वाले दोषियों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाएगी, जिससे राज्य में शांतमयी माहौल कायम रहे। उन्होंने कहा कि राज्य में शान्ति और ख़ुशहाली बरकरार रखना सरकार के लिए पहली प्राथमिकता है।
नशों के खि़लाफ़ जंग का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार ने पुलिस को नशों के तस्करों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही करने की हिदायत दी है कि नशा तस्करों के साथ सांझ डालने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी सूरत में बख्शा न जाए। इसी तरह एस.एस.पीज./पुलिस कमिश्नरों को भी सख़्त आदेश दिए गए हैं कि वह एस.टी.एफ के साथ मिलकर काम करें और नशा तस्करी में शामिल बड़ी मछलियों को पकड़ें। पुलिस अफसरों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि उनके कार्य क्षेत्र के अंदर नशों से निपटने में किसी भी तरह की ढिलाई के लिए उनको ही जि़म्मेदार ठहराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सत्ता में आने के बाद मौजूदा सरकार ने ‘ओट’ सैंटरों की संख्या 280 से बढ़ाकर 500 कर दी है। इसका मुख्य मंतव्य नशे को जड़ से खत्म करना और मरीज़ों को मानक स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से मुहैया करवाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र सदन के सदस्यों के कंधों पर व्यापक स्तर पर सुधार लाने का मुखी बनने की बड़ी जि़म्मेदारी है, जिसके लिए पूर्व विधायकों के लिए हर कार्यकाल के लिए एक पैंशन की जगह ‘एक विधायक के लिए एक पैंशन’ जैसा बेमिसाल कदम उठाया गया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन पंजाब सरकार की विचारधारा का केंद्र बिंदु है और इस बात को पिछले 100 दिनों के अपने कार्यकाल के दौरान साबित भी किया गया है। सरकार बनने के साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन जारी की थी और इस थोड़े से समय के दौरान भ्रष्टाचार के विरुद्ध 29 केस दर्ज किए गए हैं और 47 गिरफ़्तारियाँ की गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने भ्रष्टाचार को हरगिज़ बर्दाश्त न करने की नीति अपनाते हुए अपने ही कैबिनेट मंत्री के खि़लाफ़ कार्यवाही की है। उन्होंने कहा, ‘‘इस पवित्र सदन की दीवारों ने कई सरकारें देखी हैं परन्तु भ्रष्टाचार के विरुद्ध ऐसी कार्यवाही पहले कभी होती नहीं देखी।’’
नए समाज के निर्माण में शिक्षा को मुख्य केंद्र बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बहुपक्षीय सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके अंतर्गत हमारे सरकारी स्कूल जल्द ही उच्च वर्ग के मानक स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को मानक शिक्षा देने के लिए न केवल सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया जा रहा है, बल्कि प्राईवेट स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस को भी नियमबद्ध किया गया है, जिससे वह चालू अकादमिक वर्ष के दौरान फीस में अपनी मर्जी से वृद्धि नहीं कर सकते। जो स्कूल फीस एक्ट-2016 का उल्लंघन करते हुए पकड़े गए, उनकी एन.ओ.सी. रद्द की जाएगी और उन पर एक लाख रुपए का भी जुर्माना लगाया जाएगा। स्कूलों को सख़्त निर्देश दिए गए हैं कि वह बच्चों के माता-पिता को किसी विशेष दुकान से किताबें और वर्दियाँ खरीदने के लिए मजबूर न करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि अध्यापक बच्चों को मानक शिक्षा प्रदान करने का मुख्य आधार हैं, परन्तु यह देखा गया है कि समय-समय की सरकारों ने उनके कल्याण को अनदेखा किया है। राज्य सरकार सभी खाली पद भरेगी और 5994 ई.टी.टी. अध्यापकों और 8393 प्री-प्राईमरी अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। अध्यापकों को केवल शिक्षा कार्यों की जि़म्मेदारी दी जाएगी और ग़ैर-अध्यापन कार्यों के लिए एक अलग काडर स्थापित किया जाएगा। भगवंत मान ने कहा कि अध्यापकों के प्रशिक्षण को नए सिरे सृजन करने की ज़रूरत है। इस मंतव्य के लिए देश भर और विश्व में बेहतरीन शिक्षा तकनीकें हासिल की जाएंगी। नई दिल्ली में अमरीकन ऐबंसी के क्षेत्रीय अंग्रेज़ी भाषा कार्यालय के साथ मिलकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड अध्यापकों के एक समूह ( 50 के लगभग) को प्रशिक्षण देने जा रहा है।
उच्च शिक्षा में हमारे कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में मानक शिक्षा मुहैया करवाने पर ध्यान दिया जाएगा, कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के अध्यापकों को जल्द ही यू.जी.सी. के पे-स्केल दिए जाएंगे।
काबिल और हुनरमंद नौजवानों के विदेशों की ओर जाने के रुझान पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रुझान को रोकने के लिए तकनीकी शिक्षा अहम योगदान दे सकती है। इस मंतव्य के साथ नौजवानों को मानक तकनीकी शिक्षा मुहैया करवाने के लिए 19 नई सरकारी आई.टी.आईज़. खोली जा रही हैं। इसी तरह औद्योगिक संस्थानों की माँग के अनुसार आई.टी.आईज. में 44 नए कोर्स शुरू करने का मामला विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग जल्द ही राज्य में बॉयलर अटैंडर कोर्स को अप्रैंटिसशिप ट्रेड के रूप में शुरू करने जा रहा है, जिससे इस अप्रैंटिसशिप स्कीम के अधीन 15000 नौजवानों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
राज्य के लोगों को ‘तंदुरुस्त मन एवं तंदुरुस्त विचार’ की सोच के अधीन मानक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने का प्रण लेते हुए भगवंत मान ने कहा कि इसका मुख्य मंतव्य ज़मीनी स्तर पर हरेक घर को 2 से 3 किलोमीटर के दायरे में ही अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना है। उन्होंने कहा कि सरकार शहरों में मोहल्ला क्लीनिक और ग्रामीण क्षेत्रों में गाँव क्लीनिक खोलने जा रही है, जिससे लोगों को मानक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें। यह क्लीनिक राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सुचारू ढंग से चलाने के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। पहले पड़ाव में देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ को मुख्य रखते हुए 75 मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएंगे। यह क्लीनिक राज्य के ऐसे दूर-दराज के इलाकों में स्थापित होंगे, जो लोगों की पहुँच से दूर हैं जिससे वहाँ के लोगों को मुफ़्त दवाएँ और इलाज मुहैया करवाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जच्चा और बच्चा, दोनों की देखभाल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए 7 नए जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य केन्द्रों की गुरदासपुर, नाभा, पट्टी, रायकोट, मुक्तसर, तलवंडी साबो और डेराबस्सी में निर्माण को मंजूरी दी है। इसी तरह राज्य सरकार ने बड़ा प्रयास करते हुए अपने 2950 सब-सैंटरों को ‘तंदुरुस्त पंजाब स्वास्थ्य केन्द्रों’ के रूप में अपग्रेड करने का फ़ैसला लिया है। इन प्रयासों के अंतर्गत सी.एच.सी. और पी.एच.सी. को भी आने वाले दिनों में फाइव स्टार रेटिंग पर अपग्रेड किया जाएगा।
राज्य के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों ( ई.डब्ल्यू.एस.) को मकान मुहैया करवाने के लिए सरकार के प्रयासों का जि़क्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि आने वाले दिनों में अलग-अलग पड़ावों के अधीन इन वर्गों के लिए 25,000 मकान बनाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों की चैकिंग के लिए सख़्त प्रयास किए जा रहे हैं। इस सम्बन्धी सभी अथॉरिटी में सार्वजनिक शिकायत निवारण करने की प्रणाली (पी.जी.आर.एस.) सम्बन्धी पोर्टल लागू किया गया है, जिस पर आईं शिकायतों का निर्णय ऑनलाइन ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी योजनाबंदी राज्य के विकास के लिए अहम ज़रूरत है। पंजाब के बाकी बचे शहरों के लिए मास्टर प्लान 2-3 सालों में मुकम्मल कर लिए जाएंगे।
कृषि और सहायक धंधों की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक साल में तीसरी फ़सल के तौर पर मूँग की दाल को प्रोत्साहित किया है, जो इस वर्ष 7,275 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खऱीदी जा रही है। इससे किसानों को प्रति एकड़ 30,000 रुपए की अतिरिक्त आमदन होगी। भगवंत मान ने कहा कि उनको यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि इस वर्ष मूँग की दाल की कृषि 54,363 एकड़ क्षेत्रफल से बढकऱ 1,28,495 एकड़ में हुई है। इसी तरह फ़सलीय विभिन्नता को और प्रोत्साहित किया जाएगा और दालें, मक्का, कपास और तेल के बीजों के अधीन क्षेत्रफल को बढ़ाया जाएगा। इसके साथ जहाँ भूजल का कीमती पानी बचेगा, वहीं इसके साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की सीधी बिजाई के लिए भी 1500 रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी एक और ऐतिहासिक कदम है और राज्य के लोग कंधे से कंधा मिलाकर पानी को बचाने के लिए काम कर रहे हैं और इस साल 25,985 किसानों ने धान की सीधी बिजाई की। उन्होंने कहा कि पंजाब में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या आने वाले समय में बढऩे की उम्मीद है क्योंकि ज़मीनें कम हो रही हैं, जिस कारण भविष्य में किसानों के लिए कृषि लाभप्रद नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में फारमर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन ( एफ.पी.ओ.) बेहतर आमदन देकर किसानों को एक बढिय़ा विकल्प दे सकती है। यह प्रोड्यूसर इकठ्ठा होकर बढिय़ा लाभ कमा सकते हैं। कृषि को आधुनिक और डिजीटाईज़्ड बनाने की ज़रूरत है। इस मंतव्य के लिए किसानों के डेटाबेस का ज़मीन के रिकॉर्ड के साथ मिलान किया जा रहा है, जिससे सब्सिडियाँ और अन्य लाभ पारदर्शी ढंग से किसान तक पहुँच सकें। बीज, खाद, कीटनाशकों के उत्पादन से लेकर किसानों तक पहुँच पर निगाह रखने के लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है, जिससे किसानों को बड़ी सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 2 सालों में 7000 नए डेरी यूनिट स्थापित किए जाएंगे और डेयरी सैक्टर की उन्नति से नौजवानों को राज्य में स्व-रोजग़ार के नए अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि कृषि लागत घटाने के लिए प्राथमिक सहकारी सोसायटियों के स्तर पर, सब्सिडी वाली दरों पर, बड़ी पूँजी लागत वाला बुनियादी ढांचा कायम किया जाएगा। कृषि यंत्रों के सही प्रयोग के लिए सहकारिता विभाग की ओर से ‘कोऑपरेटिव मशीनरी ट्रैकर एप्लीकेशन’ विकसित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूँ की पिसाई से लेकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के अधीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों के घर तक आटे के वितरण को सुनिश्चित बनाने के लिए मार्कफैड को नोडल एजेंसी बनाया गया।
उन्होंने बताया कि आने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान गिद्दड़बाहा में 150 टी.पी.डी. की क्षमता वाला नया केटल फीड प्लांट भी बनकर तैयार हो जाएगा।
भगवंत मान ने कहा कि अपने दूध उत्पादकों की मदद के लिए मिल्कफैड ने दूध खरीदने का मूल्य 20 रुपए प्रति किलो मिल्क फैट के हिसाब से बढ़ा दिया है। फिऱोज़पुर, जालंधर, लुधियाना और गडवासू, लुधियाना में नए दूध प्रोसैसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसी तरह 50 एम.टी.पी.डी. क्षमता वाले वेरका कैटल फीड प्लांट का निर्माण घनीया के बांगर ( गुरदासपुर) में की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट ( एन.एफ.एस.ए.) के अधीन दर्ज हरेक लाभार्थी को आटा उसके घर पर पहुँचाने का विकल्प देगी। जो लाभार्थी एफ.पी.एस. से अपनी बनती गेहूँ दस्ती तौर पर लेने के इच्छुक हैं, वह आसानी से उपलब्ध आई.टी. तकनीक के द्वारा इस विकल्प को छोड़ सकेंगे। इस स्कीम के द्वारा 1,57,75,569 लाभार्थियों के घरों तक पहुँच करेगी और उनको अच्छी गुणवत्ता वाला आटा मुहैया करवाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सरहदों की रक्षा करने और कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए जान कुर्बान करने वाले बहादुर सैनिकों के सत्कार में विनम्र से प्रयास के रूप में शहीद जवानों के परिवारों का मान-भत्ता बढ़ाकर एक करोड़ रुपए किया गया है।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि नौजवानों की ऊर्जा को रचनात्मकता की ओर लाने के लिए राज्य भर में अत्याधुनिक सुविधाओं वाले स्टेडियम बनाए जाएंगे, जिससे नौजवान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा सकें।
भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने अलग-अलग विभागों/ बोर्डों/कॉरपोरेशनों/एजेंसियों में खाली पड़े 25 हज़ार पदों का विज्ञापन देने का ऐतिहासिक फ़ैसला लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने पहले 100 दिनों में ही पंजाब से दिल्ली हवाई अड्डे तक सीधी बसें चला दीं और इन आधुनिक सुविधाओं वाली लग्जरी बसों का किराया प्राईवेट बसों की अपेक्षा 50 प्रतिशत कम है, जबकि इन बसों में सुविधाएं अधिक हैं।
भगवंत मान ने कहा कि ई-गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने पंजाब के नागरिकों के लिए अपेक्षित मंज़ूरी वाला आधार नंबर आधारित ई-लर्नर लाइसेंस शुरू किया है, जो मोबाइल में डाउनलोड होगा। इससे पंजाब के लोगों को आर.टी.ओ. दफ्तर जाने की ज़रूरत नहीं रहेगी और इससे सालाना 5 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।
राज्य की शान को बहाल करने के लिए प्रवासी भारतीयों के सहयोग की माँग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय औद्योगिक हब स्थापित करने के लिए आगे आएं और अपने गाँवों में मॉडल स्कूलों और अस्पतालों के विकास में हिस्सेदार बनें। उन्होंने कहा कि स्कूली इमारतें, समाज सेवाओं, अस्पताल, पीने वाला पानी, सिवरेज, पखाने, स्ट्रीट लाईटों, स्टेडियम और अन्य प्रोजेक्टों जैसे बुनियादी निर्माण कार्यों में प्रवासी भारतीय 50 प्रतिशत तक योगदान दे सकते हैं और बाकी 50 प्रतिशत ख़र्च राज्य सरकार की तरफ से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी भारतीयों की और ज्यादा मदद करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। ऑनलाइन शिकायत निवारण करने वाली प्रणाली और विशेष शिकायत निवारण करने वाले अफसरों की नियुक्ति भी प्रवासी भारतीयों की शिकायतों का निर्णय करने में सहायक होगी।
भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार 100 प्रतिशत आबादी को पीने वाले साफ़ पानी और सिवरेज सुविधा के साथ जोडऩे के लिए शिद्दत से प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँवों में सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने की सरकार की दूरदर्शी सोच के अंतर्गत पंचायती ज़मीनें छुड़ाने और ग्राम सभा को पुन: सुरजीत करने के लिए दो मिशनों की शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत 61,00 एकड़ पंचायती ज़मीन को अवैध कब्ज़े से छुड़वाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने के लिए ग्राम सभाओं को पुन: सुरजीत करने पर ज़ोर दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गाँवों के छप्पड़ों की कायाकल्प करने और पानी को खेती के लिए प्रयोग योग्य बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सरकार ने गाँवों के छप्पड़ों को पुन: सुरजीत/बहाली के लिए 10 सालों की कार्य योजना तैयार की है और इस महान कार्य के लिए प्रसिद्ध पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल का सहयोग लिया जा रहा है।
ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रणजीत सागर डैम के भंडारों को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थान के रूप में विकसित करने की योजनाएँ पहले ही चल रही हैं। विभाग अलग- अलग स्मारकों और संग्रहालय के प्रोजेक्टों को मुकम्मल करेगा, खटकड़ कलाँ में शहीद भगत सिंह संग्रहालय और एंग्लो-सिख युद्ध स्मारक और संग्रहालय के नवीनीकरण के साथ-साथ खरड़ में आज सरोवर, घड़ूंआं में पांडव सरोवर और पटियाला में कला और सभ्याचार केंद्र का विकास करेगा।
भगवंत मान ने कहा कि राज्य में साल 2022-23 के लिए अलग-अलग स्कीमों के अधीन 1.2 करोड़ से अधिक पौधे लगाकर जंगलों और वृक्षों के अधीन क्षेत्रफल को बढ़ाने के लिए एक व्यापक वनरोपण और हरियाली मुहिम शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि कागज़ी रूप में स्टैंप पेपरों को ख़त्म करने का एक महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है और इसकी जगह पर हरेक कीमत के स्टैंप पेपर जारी करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्टैंप प्रणाली लागू की गई है, जोकि पंजाब सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी स्टैंप विक्रेता या बैंक से प्राप्त की जा सकती है। इससे आम लोगों को हर कीमत के स्टैंप पेपर प्राप्त करने आसान हो जाएंगे और इसके साथ ही पंजाब सरकार के करोड़ों रुपए की बचत होगी, जो स्टैंप पेपरों की छपाई पर ख़र्च किए जाते हैं। इस सीजन से मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा ई-गिरदावरी की डेटा एंट्री की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जमाबन्दियों के साथ ज़मीन के मालिकों के फ़ोन और ई-मेल को जोडऩे के लिए एक अहम पहल करने जा रही है। तस्दीक करने के बाद, मोबाइल नंबर और ई-मेल को आवेदनकर्ता के ज़मीनी रिकॉर्ड के साथ जोड़ा जाएगा और बाद में ज़रूरत पडऩे पर मालिकों/सह-हिस्सेदारों को एसएमएस/अलर्ट भेजे जाएंगे। तहसील/सब तहसील के सभी गाँवों के राजस्व रिकॉर्ड जैसे कि जमाबन्दी, इंतकाल, रपट/रोजऩामचा आदि का कम्प्यूट्रीकरण किया गया है। 172 फ़र्द केंद्र चालू किए गए हैं और लगभग 13,098 राजस्व अस्टेट का रिकॉर्ड कम्प्यूट्राईज़्ड किया गया है।
अपनी सरकार को मिले शानदार जनादेश के लिए पंजाब के लोगों का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं लोगों के इस जनादेश के आगे सिर झुकाता हूँ, जिसके द्वारा उन्होंने इन ऐतिहासिक चुनावों में भ्रष्टाचार मुक्त और ईमानदार सरकार बनाने के लिए वोट डाली। लोगों ने जाति, धर्म और वर्ग के संकीर्ण विभाजन से ऊपर उठकर यह साबित कर दिया कि पंजाब एक माला में पिरोया हुआ राज्य है। मैं लोगों को यकीन दिलाता हूँ कि उनकी सरकार हर उस उम्मीद पर खरा उतरेगी, जो उम्मीदें आम आदमी ने हम से रखी हुई हैं। राज्य को फिर से ‘रंगला पंजाब’ बनाने के सपने को पूरा करने के लिए हम कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।’’