पंजाब पुलिस संदिग्ध कातिलों को गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और राज्य के अन्य पुलिस बलों के साथ नजदीकी तालमेल के द्वारा कर रही है काम
CHANDIGARH, 16 JUNE: जुर्म में इस्तेमाल की गई गाड़ी में से मिले एक छोटे से सुराग और प्राप्त तकनीकी जानकारी के आधार पर पंजाब पुलिस को प्रसिद्ध पंजाबी गायक शुभदीप सिंह-सिद्धू मूसेवाला के कत्ल से पहले घटी घटनाओं का पर्दाफाश करने में मदद मिली, जिस कारण मुख्य साजि़शकर्ता गैंगस्टर लॉरेंस बिशनोयी समेत 10 दोषी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने इस वारदात में शामिल चार शूटरों की भी पहचान कर ली है। सिद्धू मूसेवाला, जो 29 मई को शाम 5 बजे के करीब अपने दो व्यक्तियों गुरविन्दर सिंह (पड़ोसी) और गुरप्रीत सिंह (चचेरे भाई) के साथ घर से निकले थे, को कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने गोलियां मार कर कत्ल कर दिया था। वह अपनी महिंद्रा थार गाड़ी चला रहा था। इस पर तुरंत कार्यवाही करते हुये मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने मूसेवाला के कातिलों को सलाखों के डालने के लिए एडीजीपी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ( एजीटीएफ) की निगरानी अधीन विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। घटनाओं से कैसे पर्दा उठा ए. डी. जी. पी. ए. जी. टी. एफ. ने कहा की यह महत्त्वपूर्ण सफलता उस समय मिली जब बोलैरो कार में से फतेहाबाद स्थित पेट्रोल पंप से भरवाऐ डीजल की रसीद ( 25 मई, 2022) बरामद की गई। यह गाड़ी अपराध में इस्तेमाल की गई थी और बाद में अपराध वाले स्थान से लगभग 13 किलोमीटर दूर ख्याला गांव के नजदीक खड़ी मिली थी।
उन्होंने आगे कहा की पुलिस की एक टीम उसी दिन की सीसीटीवी फुटेज इक_ी करने के लिए फतेहाबाद के पेट्रोल स्टेशन के लिए तुरंत रवाना की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों ने सीसीटीवी फुटेज प्राप्त की और एक व्यक्ति, जिसके शूटर होने की संभावना है, की पहचान करने में कामयाब हो गई हैं, जिसकी पहचान बाद में सोनीपत के प्रियाव्रत के तौर पर हुयी है। पेट्रोल पंप स्टेशन से डीजल भरने से पहले और बाद में बोलैरो गाड़ी द्वारा लिए गए रूट की सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त की गई। इसी तरह इंजन नंबर और चैसी नंबर की मदद से बोलेरो के स्वामित्व का पता लगाया गया।
जि़क्रयोग्य है कि पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई महिंद्रा बोलैरो, टोयटा कोरोला और सफेद रंग की ऑल्टो कार समेत सभी वाहन बरामद कर लिए हैं। टोयटा कोरोला में सवार हमलावरों ने बंदूक की नोक पर एक सफेद रंग की ऑल्टो कार को रोका और छीन कर ले गए। वह कोरोला कार, जोकि घटना के दौरान क्षतिग्रस्त हो गई थी, को वहीं छोड़ गए और सफेद रंग की बोलैरो जीप के पीछे-पीछे गांव खारा बरनाला की तरफ फरार हो गए। सफेद रंग की ऑल्टो भी 30 मई, 2022 को मोगा जिले के धर्मकोट के नजदीक सुबह 3.30 बजे खड़ी मिली थी और सीसीटीवी फुटेज से मुलजिमों की तरफ से लिए गए रूट की पहचान की गई थी।
गिरफ्तार किये व्यक्तियों की भूमिका तिहाड़ जेल दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए गैंगस्टर लॉरेंस बिशनोयी को गिरफ्तार करने के इलावा गिरफ्तार किये गए और 9 दोषियों की पहचान चरनजीत सिंह उर्फ चेतन निवासी बलराम नगर बठिंडा; हरियाणा के सिरसा के सन्दीप सिंह उर्फ केकड़ा; मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना निवासी तलवंडी साबो, बठिंडा; मनप्रीत भाऊ निवासी ढैपयी, फरीदकोट; सारज मिंटू निवासी गांव दोदे कलसिया, अमृतसर; तख्त-मल हरियाणा के प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी; हरियाना के सोनीपत के गांव रेवली के मोनू डागर; पवन बिशनोयी और नसीब दोनों निवासी फतेहाबाद, हरियाणा के तौर पर हुयी है।
सभी को साजिश रचने, लौजिस्टिक सहायता प्रदान करने, रेकी करने और शूटरों को पनाह देने के दोष में गिरफ्तार किया गया है। ए. डी. जी. पी. ने कहा की कोरोला कार का रजिस्ट्रेशन नंबर सही पाया गया और मालिक की पहचान कर ली गई, हालांकि, जिस व्यक्ति के नाम पर खरीद का ऐफीडेविड बरामद किया गया था, वह असली मालिक नहीं था, परन्तु उसने मनप्रीत मन्ना ( गोल्डी बराड़ से सम्बन्धित गैंगस्टर) को अपना आधार कार्ड दिया था, जो फिरोजपुर जेल में बंद है। मनप्रीत भऊ जिसको कोरोला कार का प्रयोग करने सम्बन्धी शक के आधार पर 30 मई, 2022 को उत्तराखंड के चमोली से गिरफ्तार किया गया था, ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने यह कार मनप्रीत मन्ना के कहने पर दो संदिग्ध शूटरों मोगा के मनु कुस्सा और अमृतसर के जगरूप सिंह उर्फ रूपा को सौंपी थी।
उन्होंने यह भी खुलासा किया की शूटर सारज मिंटू, जो गोल्डी बराड़ और सचिन थापन का करीबी है , के द्वारा मुहैया करवाए गए और माना जाता है कि वह शूटरों के समूह का हिस्सा है। प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी, जिसको 3 जून, 2022 को गिरफ्तार किया गया था, ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने गोल्डी बराड़ के दो साथियों को पनाह दी थी, जो उसके पास आकर रुके थे और उसने मूसेवाला के घर की रेकी करवाने में उनकी मदद की थी। यह खुलासा भी हुआ कि उन्होंने सिद्धू मूसेवाला के घर जाकर सुरक्षा कर्मियों के साथ भी बातचीत की और कैमरे आदि की जांच की।
भरोसेयोग्य जानकारी के उपरांत, गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिशनोयी के नजदीकी सहयोगी मोनू डागर को प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया। पूछताछ के दौरान, उसने गोल्डी बराड़ के निर्देशों पर सोनीपत के रहने वाले प्रियाव्रत और लिखित के तौर पर पहचाने गए दो शूटरों का प्रबंध करने की बात कबूल की। उसने यह भी खुलासा किया की पवन बिशनोयी और नसीब दोनों निवासी फतेहाबाद ने सादुल शहर से वारदात में इस्तेमाल की गई सफेद बोलैरो जीप खरीद कर बठिंडा केशव के तौर पर पहचाने गए व्यक्ति के द्वारा शूटरों को सौंपी थी और उनको ठिकाना भी मुहैया करवाया था। सन्दीप केकड़ा, जिसको 6 जून, 2022 को गिरफ्तार किया गया था, ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसके भाई बिट्टू कालियांवाली ने हरियाणा, सिरसा के तख्त मल्ल के निक्कू के साथ मिल कर मूसेवाला की गतिविधियों पर नजर रखी हुयी थी।
उसने बताया कि 29 मई, 2022 को उसके भाई बिट्टू ने उसे मोटर साइकिल पर निक्कू के साथ मूसेवाला के प्रशंसकों के तौर पर उसके घर जाने के लिए कहा। उसने कबूल किया कि उन्होंने निक्कू के मोबायल फोन पर गायक के साथ सैलफी खींची और बाद में निक्कू ने सचिन थापन को मूसेवाला संबंधी असली-समय की जानकारी देने के लिए वीडियो काल की और बताया की वह बिना सुरक्षा के अपने घर से चल पड़ा है और काली थार जीप में ड्राइवर सीट पर बैठा है। अब तक की जांच से यह बात सामने आई है कि पकड़े गए मुलजिम लॉरेंस बिशनोयी और कैनेडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बराड़, सचिन थापन, अनमोल बिशनोयी और विक्रम बराड़ (अब दुबयी में) के निर्देशों पर कार्यवाही कर रहे थे। इसके इलावा, इन गैंगस्टरों ने फेसबुक प्रोफाईलों के द्वारा मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली थी।
इस मामले में लॉरेंस बिशनोयी, गोल्डी बराड़ और अन्यों को उनके गिरोह के सदस्यों समेत मुलजिम और साजि़शकर्ता के तौर पर नामजद किया गया है। जि़क्रयोग्य है कि एजीटीएफ और एसआईटी केंद्रीय एजेंसियों और अन्य राज्यों के पुलिस बलों के साथ मिल कर काम कर रही है जिससे संदिग्ध शूटरों और इसमें शामिल अन्य मुलजिमों की जल्द से जल्द पहचान करके गिरफ्तार किया जा सके।