NEW DELHI, 15 JUNE: युवा जोश और युवा सोच को साथ लेकर चलने के लिए केंद्र सरकार ने सेना में अग्निपथ योजना की शुरुआत की है। अग्निपथ योजना के जरिए देश के लिए अग्निवीर तैयार किए जाएंगे। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने तीनों सेनाओं के लिए मंगलवार को ऐतिहासिक ‘अग्निपथ’ योजना को मंजूरी दी। इसके तहत भारतीय युवाओं को ‘अग्निवीर’ के रूप में चार साल के लिए सशस्त्र सेवाओं में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। सेनाओं की ट्रेनिंग देने के बाद इन्हें सीमा पर तैनात किया जायेगा।
चार साल के बाद यहां मिलेगा अवसर
चार साल तक सेना में नौकरी करने के बाद इन अग्निवीर का क्या होगा इसे लेकर कई युवाओं के मन में सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि सशस्त्र सेनाओं से निकलने के बाद इन ‘अग्निवीरों’ को केंद्र सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकारों की नौकरियों में प्राथमिकता दी जायेगी। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा अन्य राज्य और केंद्रीय विभाग भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी मध्य प्रदेश पुलिस में अग्निवीर जवानों को भर्ती में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है।कई प्राइवेट बड़ी कंपनियों भी ऐसे युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर अवसर देने के लिए आगे आएंगी।
क्या है अग्निपथ योजना
रक्षा मंत्रालय द्वारा आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में भर्ती के लिए ने नई प्रक्रिया अपनाई गई है। अग्निपथ योजना भविष्य के लिए तैयार सैनिकों का निर्माण करेगा और ऐसे युवाओं की एक अलग पहचान होगी, जो भीड़ से अलग होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि अग्निपथ’ योजना में भारतीय युवाओं को, बतौर ‘अग्निवीर’ सशस्त्र बलों में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा।
जैसा की सभी इस बात से जरूर सहमत होंगे कि संपूर्ण राष्ट्र, खास तौर पर हमारे युवा, सशस्त्र बलों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। अपने जीवन काल में कभी न कभी प्रत्येक बच्चा सेना की वर्दी धारण करने की तमन्ना रखता है। इस युवा प्रोफाइल से यह फायदा भी होगा, कि उन्हें नई-नई प्रौद्योगिकियों के लिए आसानी से ट्रेन किया जा सकेगा, और उनकी स्वास्थ्य और फिटनेस का स्तर भी बेहतर होगा। यह सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को बढ़ाएगा और ‘जोश’ और ‘जज्बा’ का एक नया अवसर प्रदान करेगा, साथ ही साथ तकनीकी जानकार सशस्त्र बलों से परिवर्तनकारी बदलाव लाएगा – जो वास्तव में समय की आवश्यकता है।
अग्निवीर के लिए योग्यता
आवेदक की आयु सीमा 17.5 से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी, वो भी 90 दिन के भीतर होगी। युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा। चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा। इस स्कीम के तहत लड़के एवं लड़कियों दोनों को ही तीनों सेनाओं में भर्ती का मौका मिलेगा।
भर्ती प्रक्रिया
सभी तीन सेनाओं के लिए एक ऑनलाइन केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से नामांकन किया जाएगा, जिसमें विशेष रैलियों और मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों जैसे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और राष्ट्रीय कौशल योग्यता संरचना से कैंपस साक्षात्कार शामिल हैं। नामांकन ‘ऑल इंडिया ऑल क्लास’ के आधार पर होगा। अग्निवीर सशस्त्र बलों में नामांकन के लिए निर्धारित चिकित्सा पात्रता शर्तों को पूरा करेंगे जैसा कि संबंधित श्रेणियों, कार्यों पर लागू होता है। विभिन्न श्रेणियों में नामांकन के लिए अग्निवीरों की शैक्षिक योग्यता पहले जैसी रहेगी अर्थात जनरल ड्यूटी (जीडी) सैनिक में प्रवेश के लिए, शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 है।
25 प्रतिशत अग्निवीर बनेंगे नियमित कैडर
मेरिट और 4 साल के सेवाकाल के दौरान किए प्रदर्शन के आधार पर जवानों का मूल्यांकन होगा। इसके बाद प्रत्येक बैच के 25 प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित कैडर में नामांकित किया जाएगा। विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे
राष्ट्र, समाज और राष्ट्र के युवाओं के लिए एक अल्पकालिक सैन्य सेवा के लाभांश बहुत अधिक हैं। इसमें देशभक्ति की भावना, टीम वर्क, शारीरिक फिटनेस में वृद्धि, देश के प्रति निष्ठा और बाहरी खतरों, आंतरिक खतरों और प्राकृतिक आपदाओं के समय राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की उपलब्धता शामिल है।
यह तीनों सेनाओं की मानव संसाधन नीति में एक नए युग की शुरुआत करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख रक्षा नीति सुधार है। नीति, जो तत्काल प्रभाव से लागू होती है, इसके बाद तीनों सेनाओं के लिए नामांकन को नियंत्रित करेगी।
चार साल के बाद 15 वर्षों की अतिरिक्त सेवा अवधि
वहीं चार साल बाद सशस्त्र बलों में नियमित संवर्ग के रूप में नामांकन के लिए चुने गए व्यक्तियों को न्यूनतम 15 वर्षों की अतिरिक्त सेवा अवधि के लिए सेवा करने की आवश्यकता होगी और भारतीय सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारियों/अन्य रैंकों और भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना में उनके समकक्ष और समय-समय पर संशोधित भारतीय वायु सेना में नामांकित गैर-लड़ाकू सेवा के मौजूदा नियमों और शर्तों द्वारा शासित होंगे।
यह योजना सशस्त्र बलों में युवा और अनुभवी कर्मियों के बीच एक अच्छा संतुलन सुनिश्चित करके और अधिक युवा और तकनीकी रूप से युद्ध लड़ने वाले बल को बढ़ावा देगी।
अग्निवीरों को लाभ
राष्ट्र सेवा की इस अवधि के दौरान, अग्निवीरों को विभिन्न सैन्य कौशल और अनुभव, अनुशासन, शारीरिक फिटनेस, नेतृत्व गुण, साहस और देशभक्ति प्रदान की जाएगी। प्रत्येक अग्निवीर द्वारा प्राप्त कौशल को उनके अद्वितीय बायोडाटा का हिस्सा बनने के लिए एक प्रमाणपत्र में मान्यता दी जाएगी।
इसके अलावाअग्निवीर को पहले साल 30 हजार रुपये महीने वेतन मिलेगा। इसमें से 70 फीसदी यानि 21 हजार रुपये अग्निवीर को दिए जाएंगे और शेष 30 फीसदी यानि 9 हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे। अग्निवीर कॉर्प्स फंड में इतनी ही राशि केंद्र सरकार की ओर से भी हर महीने जमा होंगे।
सेवा के दूसरे साल अग्निवीर का वेतन बढ़कर 33 हजार हो जाएगा और 23100 मिलेगा, तीसरे साल 36.5 हजार और मिलेंगे 25580 और चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगा और हाथ में 28000 मिलेगा।
इस तरह चार साल में उसकी कुल बचत करीब 5.02 लाख रुपये होगी। सरकार की ओर से भी इतनी ही रकम जमा की जाएगी। चार साल नौकरी पूरी होने के बाद अग्निवीर को सेवा निधि की पूरी रकम ब्याज सहित मिलेगी, जो करीब 11.71 लाख रुपये होगी। ये रकम टैक्स फ्री होगी।
शहीद और दिव्यांग होने पर निधि
वहीं अगर सेवा के दौरान अग्निवीर शहीद होते हैं तो परिवार को सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज सहित दी जाएगी। इसके साथ ही बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा।
दिव्यांग होने पर भी आर्थिक मदद का प्रावधान है। 100% दिव्यांगता पर 44 लाख, 75% पर 25 लाख व 50% दिव्यांगता पर 15 लाख रुपये मिलेंगे और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। अग्निवीरों को भारतीय सशस्त्र बलों में उनकी कार्यावधि के लिए 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।