CHANDIGARH, 24 MAY: हरियाणा सरकार 2025 तक टीबी को समाप्त करने की दिशा में टीबी रोगियों को उचित मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 135 ठीक हो चुके टीबी रोगी वर्तमान में राज्य टीबी सेल, हरियाणा के साथ स्वेच्छा से ‘टीबी चैंपियन‘ के रूप में काम कर रहे हैं।
प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इन 135 ‘टीबी चैंपियंस‘ में से दो चैंपियन गुरुग्राम से श्रीमती संगीता और हिसार की श्रीमती राजबाला राज्य टीबी सेल, हरियाणा द्वारा आयोजित एक डिजिटल कार्यशाला में शामिल हुई थीं। इसमें उन्होंने अपनी यात्रा और उनके द्वारा अपनाई जा रही विभिन्न तकनीकों को सांझा किया था ताकि ऐसे रोगियों तक सही उपचार और मार्गदर्शन सुनिश्चित हो सके। राज्य टीबी सेल के उप निदेशक डॉ सुषमा ने आईईसी गतिविधियों व हरियाणा को टीबी मुक्त बनाने के लिए ‘टीबी आरोग्य साथी ऐप‘ लॉन्च करने जैसी विभिन्न तकनीकों के महत्व पर बात की। हरियाणा के डब्ल्यूएचओ सलाहकार डॉ सुखवंत सिंह द्वारा टीबी रोगियों को दी जा रही सुविधाओं पर प्रकाश डालते हुए एक व्यापक प्रस्तुति दी गई।
इस दौरान हिसार की श्रीमती राजबाला ने बताया कि वह यह जानकर चौंक गईं कि वह एमडीआर (मल्टीड्रग-रेसिस्टेंट) टीबी (तपेदिक) से पीड़ित थीं। उन्होंने बताया कि तीसरे चरण में इसका निदान किया गया था। एक अन्य टीबी उत्तरजीवी और वर्तमान में चैंपियन के रूप में काम कर रही गुरुग्राम की श्रीमती संगीता ने बताया कि ऐसे रोगी के लिए समय पर दवाएँ लेने के अलावा पौष्टिक और स्वस्थ आहार लेना उचित है। उन्होंने सुझाव दिया कि विटामिन और आयरन से भरपूर आहार का सेवन पूरी तरह से ठीक होने के लिए आवश्यक है।
इस दौरान डॉ सुखवंत सिंह ने बताया कि अनुपचारित टीबी का मरीज एक वर्ष में कम से कम 10 से 15 लोगों को बीमारी पहुंचा सकता है। बीमारी के शुरुआती लक्षण लंबे समय तक खांसी, खांसी खून, ठंड लगना, बुखार, सीने में दर्द और थकान बीमारी के शुरुआती लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि एनटीईपी हरियाणा द्वारा विभिन्न पहल की गई हैं जैसे कि मोबाइल वैन के माध्यम से मामले का पता लगाना, रोगियों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने के लिए सभी जिला क्षेत्रों में कफ कॉर्नर की स्थापना आदि।
राज्य में टीबी की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में टीबी के लगभग 69738 मामले अधिसूचित किए गए थे और इनमें से 80 प्रतिशत मामलों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को दिए जा रहे प्रोत्साहनों में से प्रत्येक टीबी रोगी को पोषण सहायता के लिए 500 रुपये प्रति माह का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा रहा है, इलाज पूरा होने तक उपचार समर्थकों को 1,000 रुपये और डीओटी को 5,000 रुपये प्रोत्साहन दिया जा रहा है। टीबी रोगी की अधिसूचना के लिए निजी प्रदाता को 500 रुपये और रोगी के उपचार के परिणाम को अद्यतन करने के लिए अस्पताल या व्यक्ति को 500 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाता है। उन्होंने सूचना के प्रसार और बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के महत्व पर जोर दिया जिससे बीमारी के उन्मूलन में और सुविधा होगी।