प्रदेश में 18 मई को सभी संसाधनों से उपलब्ध रही 7050 मेगावॉट बिजली, जबकि 9774 मेगावॉट की मांग को पूरा किया गया: रणजीत सिंह
CHANDIGARH, 19 MAY: हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि वर्ष 1901 के बाद इस वर्ष उत्तरी भारत के राज्यों में भीषण गर्मी पडऩे के कारण मई-माह में तापमान 48.3 डिग्री सैल्सियस तक पहुंचने के बावजूद हरियाणा ही एक ऐसा राज्य रहा जहां बिजली के कट नहीं लगे और उपलब्धता से अधिक बिजली की मांग को पूरा किया। यह सब सरकार के बेहतर बिजली प्रबंधन के चलते ही सम्भव हो सका।
बिजली मंत्री ने यह जानकारी आज यहां अपने चंडीगढ़ कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। बिजली मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली मई से निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जा रही है और पिछले पांच दिनों से रात्रि में कोई भी बिजली के कट नहीं लगे है। किसी प्रकार की तकनीकी खराबी को छोडक़र यहां तक की गुरुग्राम व फरीदाबाद जैसे बड़े औद्योगिक शहरों में भी औद्योगिक क्षेत्रों को भी पूरी बिजली दी गई। उन्होंने कहा कि अदानी ग्रुप से 500 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली मिलनी आरम्भ हो गई है और इससे 500 मेगावाट और बिजली शीघ्र मिलने लग जाएगी।
3024 मेगावाट अतिरिक्त बिजली के प्रबंध
बिजली मंत्री ने बताया कि अदानी ग्रुप से 1424 मेगावाट, छतीसगढ़ से 350 मेगावाट, मध्यप्रदेश से 150 मेगावाट, सिक्कम से हाइड्रो-पावर से 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीद के प्रबंध किए गए हैं। खेदड़ प्लांट की 600 मेगावाट की एक इकाइ का रुटर खराब हो गया था जो चीन से मंगवा लिया गया है ,इसको बदलने में कुछ समय लगेगा, सम्भावना है कि इस माह के अंत तक इससे भी 600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लग जाएगी। इस प्रकार कुल, 3024 मेगावाट अतिरिक्त बिजली के प्रबंध किए गए हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में बिजली मंत्री ने कहा कि 18 मई को प्रदेश में सभी संसाधनों से 7050 मेगावॉट बिजली उपलब्ध थी, जबकि बिजली की लगभग 9774 मेगावॉट प्रतिदिन की मांग को पूरा किया गया जो पिछले वर्ष की तुलना में 45.11 प्रतिशत की खपत अधिक थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पीक आवर की अवधि 15 जून से 20 जुलाई अर्थात एक महीने तक मानी जाती है। जुलाई में केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा व पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में मानसून पहले ही आ जाता है। इसलिए उन राज्यों से उत्तरी भारत के राज्य बिजली लेते हैं क्योंकि वहां उन समय बिजली की अतिरिक्त मांग नहीं होती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में चौ. रणजीत सिंह ने कहा कि अप्रैल माह में 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से महंगी बिजली खरीदी अब बाजार में भी चार से 6 रुपये प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध है। कृषि क्षेत्र को धान के मौसम के दौरान 8 घंटे बिजली आपूर्ति की गई क्योंकि उस समय पानी की अधिक जरूरत होती है अब कपास का सीजन है इसलिए पांच घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि यमुनानगर में 700 मेगावाट का एक नया प्लांट लगाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। भाखड़ा से 22 मई से हाइड्रो-पावर भी मिलने लग जाएगी ।
सौर ऊर्जा नलकूप पर किसानों को केवल 25 प्रतिशत की राशि देनी होगी
बिजली मंत्री ने बताया कि प्रदेश में सौर-ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी विजन है। केन्द्र सरकार ने हरियाणा को 15 मेगावाट सौर उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था परन्तु हम 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहे है। सरकारी भवनों, इंजीनियरिंग कॉलेजों व अन्य बड़े भवनों पर सौर-ऊर्जा संयंत्र लगाए जा रहे हैं। सौर-ऊर्जा नलकूपों के लिए सब्सिडी के रूप में केन्द्र सरकार की ओर से 30 प्रतिशत तथा हरियाणा सरकार की ओर से 45 प्रतिशत राशि दी जाती है किसान को तो केवल 25 प्रतिशत राशि वहन करनी होती है।