बासमती के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और भाखड़ा ब्यास प्रशासनिक बोर्ड के मुद्दे के जल्द समाधान के लिए मुख्यमंत्री कल अमित शाह से करेंगे मुलाकात
CHANDIGARH, 18 MAY: राज्य के किसानों की माँग के साथ सहमति प्रकट करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज धान की चरणबद्ध बुवाई के लिए 14 जून और 17 जून की नई तारीखों का ऐलान किया है और इसके साथ ही ज़ोनों की संख्या दो कर दी है, जबकि इससे पहले चार ज़ोन बनाए गए थे। हालाँकि, कँटीली तार से पार वाले सीमावर्ती इलाके वाली ज़मीनों को ज़ोनों की बन्दिशों से बाहर रखा गया है और इस क्षेत्र के किसानों को 10 जून से धान की फ़सल लगाने की इजाज़त होगी।
बताने योग्य है कि इससे पहले धान की बुवाई चरणबद्ध ढंग से करने के लिए राज्य को चार ज़ोनों में बाँटा गया था, जिनमें ज़ोन-1 में धान की बुवाई की तारीख़ 18 जून थी, ज़ोन-2 की 22 जून, ज़ोन-3 की 24 जून और ज़ोन-4 की 26 तारीख़ तय की गई थी, जिससे भूजल के तेज़ी से गिर रहे स्तर को रोका जा सके।
यहाँ पंजाब भवन में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसानों को जाकर तुरंत पनीरी लगानी शुरू कर देनी चाहिए, जिससे निर्धारित समय के अंदर धान की बुवाई को सुनिश्चित बनाया जा सके।
मूँग की दाल की फ़सल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित बनाने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए भगवंत मान ने किसान नेताओं को बताया कि राज्य सरकार ने 7275 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समूची फ़सल की खरीद के लिए नोटीफिकेशन पहले ही जारी कर दिया है।
उन्होंने किसानों को यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार फ़सलीय विभिन्नता के अपने प्रमुख कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीद के लिए रूप-रेखा को अंतिम रूप देने जा रही है।
बासमती के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वह कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बासमती पर तुरंत न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान करने के लिए भारत सरकार पर ज़ोर डालेंगे, जिससे हमारे किसानों को पानी की अधिक उपभोग वाली धान की फ़सल से मक्का की कृषि करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, जिससे पानी की बचत होगी जो हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए राज्य का एकमात्र बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है। उन्होंने किसान मोर्चा के सदस्यों को यह भी कहा कि वह सभी हिस्सेदारों की संतुष्टि के लिए जल्द समाधान करने के लिए अमित शाह के पास भाखड़ा ब्यास प्रशासनिक बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) के विवादपूर्ण मुद्दे को भी उठाएंगे।
सीधी बिजाई की तकनीक के ज़रिये धान की बिजाई के लिए किसानों के समर्थन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को पानी के कम उपभोग वाली और कम खर्चे वाली तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए पहले ही 1500 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता का ऐलान किया है। इस मंतव्य के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में 450 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों ने सीधी बिजाई के द्वारा धान की कृषि करने को प्रोत्साहित करने के राज्य सरकार के फ़ैसले की सराहना की और मुख्यमंत्री का किसानों के कल्याण के लिए राह से एकतरफ़ हट कर रास्ता तलाशने के लिए धन्यवाद किया।
भगवंत मान ने किसान नेताओं से कृषि क्षेत्र में किसान समर्थक सुधार लाने के लिए कम से कम एक साल का समय माँगा। उन्होंने कहा कि ‘‘कृपा करके सब्र रखो, मैं विश्वास दिलाता हूँ कि आपके संगठनों को मैं धरना मुक्त कर दूँगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण से सम्बन्धित कोई भी मसला हल करने के लिए उनके कार्यालय के साथ-साथ घर के दरवाज़े हमेशा खुले हैं और वह लगातार बातचीत के द्वारा सभी हिस्सेदारों की मुकम्मल संतुष्टि के लिए खुले मन से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। इसी दौरान उन्होंने किसानों को प्रदर्शनों का रास्ता त्यागने की अपील करते हुए कहा कि अगर सरकार के साथ कोई रोष है तो किसी सुखदायक हल के लिए बातचीत वाली मेज़ पर आएं।
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए एक अन्य मसले का जवाब देते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंचायती ज़मीन पर लंबे समय से कब्ज़ाधारकों, जिन बंजर ज़मीनों को कृषि योग्य बनाया, को मालिकाना हक देने के लिए व्यापक रणनीति लाएगी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और इस मसले का जल्द हल करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पंचायती ज़मीन को अवैध कब्ज़ों से छुड़ाने के लिए शुरु की गई मुहिम तब तक जारी रहेगी, जब तक ज़मीन की आखिरी इंच तक भी कब्ज़ों से मुक्त नहीं करवा ली जाती। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की अवैध कब्ज़े छुड़ाने की मुहिम में किसान संगठनों को भी सहयोग देने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने किसानों और कृषि कामगारों के बीच बढिय़ा रिश्ते बरकरार रखने की अपील की, जिससे दोनों पक्षों के हितों की रक्षा के लिए किसानी पेशे को वित्तीय तौर पर टिकाऊ बनाया जाए। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की हमारी याद से भी पहले से चलते आ रहे दोनों पक्षों के बेमिसाल रिश्ते दूसरे के लिए मिसाल बनेंगे।
इस मौके पर अन्यों के अलावा ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणु प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि सरवजीत सिंह, प्रमुख सचिव ऊर्जा तेजवीर सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत उपस्थित थे और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।