चंडीगढ़ में दिल्ली वाले हालात बनने से पहले हों पंजाब के किसानों के मसले हल: अरुण सूद
CHANDIGARH, 18 MAY: भारतीय जनता पार्टी के चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने चंडीगढ़ के बॉर्डर पर पंजाब के किसानों द्वारा दिए जा रहे धरने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि चंडीगढ़ में भी दिल्ली वाले हालात बन सकते हैं, इसलिए पंजाब सरकार को धरने पर बैठे किसानों की समस्याओं को तुरंत हल करना चाहिए।
आज यहां जारी एक बयान में चंडीगढ़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद व महामंत्री रामवीर ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार किसान हितैषी होने के बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन पंजाब सरकार किसान विरोधी फैसले ले रही है। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में किसान चंडीगढ़ के बॉर्डर पर धरने पर बैठ गए हैं और इसका सीधा असर चंडीगढ़वासियो पर पड़ सकता है।
उनका कहना है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य में गिरते जलस्तर को बचाने के लिए किसानों से सीधी बुवाई करने का आग्रह कर रहे हैं लेकिन सीधी बुवाई करने वाले किसानों को कोई विशेष राहत नहीं दी जा रही है, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में भाजपा सरकार सीधे बुवाई करने वाले किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इसके विपरीत पंजाब सरकार ने सिर्फ 1500 रुपये प्रति एकड़ का ऐलान कर किसानों का मजाक उड़ाया है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में सरकार द्वारा एमएसपी पर एक दर्जन फसलों की खरीद की जा रही हैं जबकि पंजाब में एमएसपी पर केवल तीन फसलों की खरीद की जा रही है। इसमें से भी गेहूं और धान की खरीद केंद्र सरकार की मदद से ही की जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने हरा चारा की फसल करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये देने का फैसला किया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा शासित राज्य हरियाणा में पिछले साल धान की खरीद और इस साल गेहूं की खरीद तत्काल की गई है. यह भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया गया है, जिससे किसानों को कोई परेशानी नहीं हुई।
अरुण सूद ने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार किसानों की फसल खराब होने की जानकारी देने के लिए एक नया पोर्टल शुरू करने जा रही है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट स्वयं कर सकेगा। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में कृषि के लिए विशेष व्यवस्था की है।
चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने पंजाब सरकार से मांग की है कि किसानों के साथ बैठकर सभी मुद्दों का तत्काल समाधान किया जाए ताकि किसानों को भीषण गर्मी में न बैठना पड़े। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्य हरियाणा ने किसानों के हित में बड़ी संख्या में फैसले लिए हैं और अगर पंजाब सरकार सही मायने में किसानों का हित चाहती है तो हरियाणा सरकार की तर्ज पर किसानों के हित में बड़े फैसले लेती लेकिन पंजाब सरकार केवल किसानों के हिट में होने का दिखावा मात्र करती है सच्चाई में इसे किसानों की समस्याओं से कुछ सरोकार नही है।