CHANDIGARH, 25 APRIL: पुलिस महानिदेशक कार्यालय (डीजीपी) पंजाब वी.के. भावरा ने आज नागरिकों की सुविधा के लिए एक इंटरफेस मल्टीफंक्शनल वेब-पोर्टल “cybercrime.punjabpolice.gov.in” लॉन्च किया, जिससे हर किस्म की साईबर धोखाधड़ी और अपराधों की तुरंत रिपोर्ट की जा सके।
डी.जी.पी. द्वारा डी.आई.जी. स्टेट साईबर क्राइम नीलांबरी जगदले और डी.एस.पी. साईबर क्राइम समरपाल सिंह की उपस्थिति में वेब-पोर्टल लॉन्च करने के उपरांत साईबर क्राइम डिविजऩ की समूची टीम को यह पोर्टल विकसित करने के लिए बधाई दी, जिस पर साईबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए कोई भी व्यक्ति आसानी से पहुँच कर सकता है।
नए प्रयोक्ताओं के लिए इस वेब-पोर्टल तक पहुँच को और आसान बनाने के लिए इस वेब-पोर्टल में पंजाबी भाषा में एक जानकारी वाली वीडियो दी गई है, जिसमें इस पोर्टल की प्रमुख विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई है और प्रयोक्ताओं को किसी भी किस्म के साईबर अपराध के बारे में शिकायत दर्ज करने संबंधी मार्गदर्शन किया गया है। जब भी उपभोक्ता वेब-पोर्टल खोलता है तो स्क्रीन पर यह वीडियो सामने आ जाती है।
डी.जी.पी. वी.के. भावरा ने कहा कि हर तरह के साईबर अपराध और साईबर वित्तीय धोखाधड़ी सम्बन्धी मामला दर्ज करने के अलावा उपभोक्ता इस पोर्टल का प्रयोग कर अपनी शिकायत की स्थिति को भी ट्रैक कर सकता है। उन्होंने कहा कि पोर्टल में गुप्त रूप में शिकायत दर्ज करवाने का विकल्प भी दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह वेब-पोर्टल साईबर माध्यमों के द्वारा की गई किसी भी वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए सीधे ‘1930’ पर कॉल करने का विकल्प भी देता है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल का प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति स्टेट साईबर क्राइम थानों में दर्ज फस्र्ट इनफर्मेशन रिपोर्टों (एफ.आई.आरज़) को भी डाउनलोड कर सकता है।
अधिक जानकारी देते हुए डी.आई.जी. नीलांबरी ने कहा कि उपभोक्ता इस वेब-पोर्टल के द्वारा भारत सरकार के ट्विटर हैंडल साईबर दोस्त से भी संपर्क कर सकते हैं, जो साईबर अपराधों के बारे में जानकारी अपडेट्स और अलर्ट प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि इस पोर्टल में साईबर सेफ नामक एक विशेषता भी है जिसका प्रयोग कर उपभोक्ता वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए किसी भी किस्म का लेन-देन करने से पहले यू.पी.आई. या खाता नंबर की पुष्टी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह पोर्टल भारत सरकार की महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साईबर क्राइम की रोकथाम (सी.सी.पी.डब्ल्यू.सी.) योजना से भी जुड़ा हुआ है, जो महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले साईबर अपराधों से निपटने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर इस विशेषता का प्रयोग करते हुए कोई भी व्यक्ति महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों को रिपोर्ट कर सकता है। गौरतलब है कि वेब-पोर्टल में प्रेस-नोट और अलर्ट सैक्शन प्रयोक्ताओं को साईबर क्राइम डिवीजऩ की ओर से नवीनतम जानकारी, नई पहल और अपडेट्स के बारे में जानकारी देने में मदद करेंगे।