CHANDIGARH, 13 APRIL: पंजाब की सभी मंडियों में निर्बाध खरीद जारी है जहां खरीद कर्मचारी सक्रिय रूप से किसानों की उपज की खरीद में लगे हुए हैं। इस बात का खुलासा करते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारुचक ने बताया कि आज प्रातः विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपार्जन कर्मचारियों की संयुक्त समन्वय समिति की बैठक के बाद हड़ताल का आह्वान वापस ले लिया गया और राज्य भर में। खरीद कार्य बेरोकटोक जारी रहा।
मंत्री ने कहा कि सूखे अनाज के आकलन के लिए गठित केंद्रीय दल राज्य में पहुंच गए हैं और उनकी रिपोर्ट कल सौंपे जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि राज्य खरीद एजेंसियों को इन टीमों को हर संभव सहयोग देने का निर्देश दिया गया है ताकि वे जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट जमा कर सकें।
उल्लेखनीय है कि अत्यधिक गर्मी के कारण कई स्थानों पर गेहूं का दाना सूख गया है और कुछ मंडियों में आने वाले अनाज में 6% की अनुमेय सीमा से अधिक सिकुड़ा हुआ अनाज आ रहा है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार द्वारा गठित टीमों से मंडियों में आने वाले सूखे अनाज की मात्रा का प्रत्यक्ष मूल्यांकन प्राप्त करने की उम्मीद की जाएगी, जो तब विनिर्देशों में उचित छूट पर अंतिम निर्णय लेने में भारत सरकार की मदद करेगी। मंत्री ने दोहराया कि अनाज की उपस्थिति में किसी भी बदलाव के लिए किसान को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है, खासकर जब ऐसे परिवर्तन प्राकृतिक कारण मानव नियंत्रण से परे होते हैं।
इधर, मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने आज गेहूँ की खरीद के चल रहे सीजन के दौरान सिकुड़े हुए दानों के नियमों को फिर विचारने के लिए राज्य सरकार की विनती को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को नियमों में ढील देने के मसले पर जल्द आदेश जारी करने के लिए अपील करने का निर्णय भी किया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के सचिव ने मंत्रिमंडल को गेहूँ की चल रही खरीद की प्रगति संबंधी अवगत करवाया। यह भी जानकारी दी गई कि मंडियों में 14.9 लाख मीट्रिक टन गेहूँ पहुँच चुकी है, जिसमें से 12 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ खऱीदी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बीते दिन 5 लाख मीट्रिक टन की आमद हुई, जिसमें से 2 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीद उसी दिन ही कर ली गई।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में सिकुड़े हुए दानों के नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए केंद्रीय टीमों के जल्द गठन का स्वागत करते हुए मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को यह भी अपील की कि वह अनाज के सिकुड़े हुए दानों के नियमों में बिना किसी मूल्य की कटौती के ढील दी जाए, क्योंकि किसानों को कम पैदावार के कारण पहले ही बहुत नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्धी औपचारिक विनती पहले ही की जा चुकी है।
गौरतलब है कि अत्यधिक गर्मी के कारण कई स्थानों पर गेहूँ का दाना सिकुड़ गया है और इन मंडियों में आ रहे अनाज में 6 प्रतिशत की मंजूरशुदा तस सीमा से अधिक दाना सिकुड़ा हुआ है। इसके उपरांत भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कल राज्य में अनाज की हद का मूल्यांकन करने के लिए पाँच टीमों का गठन किया था। टीमें रास्ते में हैं और मंडियों में आ रहे सिकुड़े हुए अनाज की हद का मूल्यांकन करने के लिए जल्द ही राज्य में पहुँचेंगी। यह डेटा नियमों में उचित ढील देने संबंधी अंतिम निर्णय लेने के लिए भारत सरकार की मदद करेगा।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि मंत्रिमंडल ने किसान कल्याण पर पूरा ज़ोर दिया है और विभाग को निर्विघ्न खरीद सुनिश्चित बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए कहा है। इसके साथ ही विभाग को गेहूँ की खरीद के लिए खरीद एजेंसियों द्वारा तैनात स्टाफ के किसी भी योग्य मुद्दे का हल करने के लिए कहा गया है।