CHANDIGARH, 6 APRIL: खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी के विरुद्ध चलाए गए अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा आज 14 क्विंटल और मिलावटी खाद्य पदार्थ ज़ब्त किए गए। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जि़ला एस.ए.एस. नगर में 7 क्विंटल 80 किलो नकली पनीर ज़ब्त करने के अलावा पटियाला जि़ले के समाना कस्बे में 6 क्विंटल 20 किलो पनीर ज़ब्त किया है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की अंतर-जि़ला टीमों ने भी दो दिनों में 13 जि़लों में दूध, पनीर, खोया, पाउडर वाले दूध, घी और अन्य खाद्य पदार्थों के 110 सैंपल लिए हैं, जिनको जाँच के लिए स्टेट फूड लैब में भेजा जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी व्यक्ति को मिलावटी या नकली खाद्य पदार्थ बेचकर राज्य के लोगों की सेहत के साथ खीलवाड़ करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावटखोरी के प्रति किसी भी तरह की ढील बर्दाश्त ना करने की नीति अपनाई है। डॉ. सिंगला ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के योग्य नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार लोगों को शुद्ध एवं मानक खाद्य पदार्थ मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसी कार्यवाहियाँ इसी प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं।
अधिक जानकारी देते हुए डॉ. विजय सिंगला ने बताया कि जि़ला मोहाली में घटिया दर्जे के पनीर की सप्लाई सम्बन्धी शिकायतें मिल रही थीं और एक सूचना के आधार पर जि़ला संगरूर की टीम ने मोहाली के विभिन्न क्षेत्रों में सुबह 4 बजे नाके लगाए। नाके के दौरान बाहर के जि़ले से पनीर की सप्लाई करने आई गाड़ी में से पनीर का सैंपल लेने के उपरांत 7 क्विंटल 80 किलो का स्टॉक ज़ब्त किया गया। टीम ने पनीर बनाने वाली इकाई पर भी छापा मारा, जो पनीर की सप्लाई करने में शामिल था। इसके अलावा टीम द्वारा जि़ला मोहाली में अलग-अलग कारखानों से दूध के बने उत्पादों और रंगदार मिठाईयों के 8 और सैंपल लिए गए। डॉ. सिंगला ने कहा कि लोगों की सेहत के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा और आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज़ किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील की कि यदि उनको घटिया दर्जे की और मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री का पता चलता है तो वह राज्य सरकार द्वारा जारी शिकायत निवारण नंबर पर तुरंत जानकारी दें। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोकना है। उन्होंने साथ ही कहा कि दूध बेचने वालों या डेयरी उत्पादों के व्यापारियों को बिना वजह परेशान नहीं किया जाएगा।