CHANDIGARH, 31 MARCH: पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के दख़ल के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में आरक्षण पॉलिसी लागू कर दी गई है। इस सम्बन्धी आयोग के सदस्य ज्ञानचंद दिवाली ने बताया कि पंजाब यूनिवर्सिटी एस.सी./एस.टी. /बी.सी. एंप्लॉयज़ वैलफेयर ऐसोशिएसन द्वारा पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग को शिकायत की गई थी कि पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ में एस.सी./एस.टी. कर्मचारियों की पदोन्नतियों के अवसर पर नियम के अनुसार पंजाब सरकार की आरक्षण पॉलिसी लागू नहीं की जाती।
आयोग द्वारा आयोग के एक्ट 2004 की धारा 10(2) के अधीन नोटिस लेते हुए रजिस्ट्रार पंजाब यूनिवर्सिटी से शिकायत सम्बन्धी तथ्य और सूचना माँगी गई, परंतु रजिस्ट्रार, पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा आयोग को जवाब दिया गया कि यूनिवर्सिटी एक स्वायत्त संस्था है और इसकी सैनेट ही ऐसे निर्णय लेने में समर्थ है। आयोग द्वारा अपने पत्र तारीख़ 16.03.2021 के द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को लिखा कि जो संस्था पंजाब राज्य से कोई भी अनुदान प्राप्त करती है, वहां आरक्षण पॉलिसी यथावत लागू होनी है। एक साल का समय बीतने के उपरांत भी पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा आरक्षण पॉलिसी लागू नहीं करवाई गई।
जिसका आयोग द्वारा संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार को पंजाब यूनिवर्सिटी का अनुदान बंद करने के लिए निर्देश जारी किए गए, जिससे पंजाब/भारत सरकार की हिदायतों/नियमों को पूरी तरह से लागू करवाया जा सके। दिवाली ने बताया कि सतीश पाटिल, डिप्टी रजिस्ट्रार (एस्टैबलिशमैंट), पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा आयोग के समक्ष पेश होकर पंजाब सरकार की पदोन्नति में आरक्षण पॉलिसी को यथावत लागू करने के लिए अपने पत्र तारीख़ 29-3-2022 के द्वारा सहमति प्रकट कर दी गई है।