कैदियों के आचरण में सुधार के लिए सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कहा
CHANDIGARH, 30 MARCH: जेल प्रशासन में व्यापक सुधारों की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज जेल विभाग के अधिकारियों को पंजाब की जेल प्रणाली को देश भर में सबसे बेहतर बनाने के लिए अपनी पूरी क्षमता और काबिलीयत से मिलकर काम करने के लिए कहा।
आज शाम यहाँ पंजाब भवन में जेल विभाग की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए भगवंत मान ने कहा कि शब्दों की अपेक्षा काम की कारगुज़ारी पर विशेष ध्यान दिया जाए और आप सभी द्वारा एक टीम के रूप में किए गए अच्छे कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए केवल सफलता ही निर्णायक कारक होनी चाहिए। जेल विभाग द्वारा गई अहम पहलकदमियों के लिए समूची टीम की सराहना करते हुए मान ने कहा कि आपको जेल प्रणाली के तेलंगाना मॉडल के मापदण्डों को पार करने के लिए उत्तम कारगुज़ारी दिखानी होगी। उन्होंने विभाग को अपेक्षित जनशक्ति, आईटी आधारित नवीनतम तकनीक और पर्याप्त निधि समेत हर तरह के समर्थन का आश्वासन दिया।
भगवंत मान ने आगे कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य कट्टर अपराधियों, गैंगस्टरों और नशा करने वालों सहित अन्य कैदियों को सुधारना होना चाहिए, जिससे उनको समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि जेलों को सातना केंद्र नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उनको सुधार घर बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे कैदियों को काउंसलिंग प्रदान की जा सके, जिससे वह अपनी सज़ा भुगतने के बाद समाज के आदर्श नागरिक बनकर सम्मान से जीवन व्यतीत कर सकें। मान ने आगे कहा कि सभी कैदियों के साथ उनकी सामाजिक स्थिति या हालात की परवाह किए बिना एक सा व्यवहार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने जेल अधिकारियों को कहा कि वह कैदियों के मानवाधिकारों की रक्षा को सबसे अधिक प्राथिकमता दें। स्वर्गीय नेल्सन मंडेला की घटना जिनके साथ जेल अधीक्षक द्वारा जेल में बदसलूकी की गई थी, का हवाला देते हुए, मान ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वह मुकदमे अधीन और दोषी ठहराए गए कैदियों, दोनों के साथ इंसान की तरह व्यवहार करें।
उन्होंने कहा कि कैदियों को जेल मैनुअल के अनुसार चिकित्सा, उचित सफ़ाई और मानक भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जानी चाहीए हैं।कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता ज़ाहिर करते हुए मान ने जेल विभाग के अधिकारियों को राज्य भर की जेलों के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए अपने प्रयासों को और तेज़ करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अपराधों को अंजाम देने के लिए जेलों में मोबाइल फोन के ग़ैर-कानूनी प्रयोग को रोकने के लिए 24 घंटे सख़्त चौकसी रखी जाए और भ्रष्टाचार से सख़्ती से निपटा जाए।
मान ने अधिकारियों को आगे बताया कि उनको कुछ और समय तक ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि उनकी सरकार हमारे युवाओं को मानक शिक्षा और रोजग़ार के बड़े अवसर प्रदान करने के लिए पहले ही दिन-रात काम कर रही है और इन सभी पहलकदमियों से राज्य भर में जेलों की ज़रूरत धीरे-धीरे कम हो जाएगी। जेल विभाग के अधिकारियों की विनती को स्वीकार करते हुए भगवंत मान ने पुलिस विभाग की तजऱ् पर जेल विभाग के कर्मचारियों को भी उनके जन्मदिन पर बधाई देने की योजना को आगे बढ़ाने का ऐलान किया।
इससे पहले भगवंत मान का स्वागत करते हुए जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने जेल प्रशासन को सुचारू ढंग से लागू करने में जेल अधिकारियों को पेश आ रही समस्याओं के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने मुख्यमंत्री को पंजाब पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरैक्टर के पद को तुरंत भरने का आग्रह किया, क्योंकि डीजीपी और चेयरमैन-कम-एम.डी श्री एम.के. तिवारी के सेवानिवृत्ति के उपरांत यह पद एक महीने से अधिक समय से खाली पड़ा है, जिस कारण जेल विभाग के कई प्रोजैक्ट लटक गए हैं। बैंस ने मुख्यमंत्री को साल 2022-23 के सालाना बजट में मोहाली में आधुनिक जेल के निर्माण के लिए बजट प्रावधान रखने की भी अपील की।
जेल विभाग को पेश आ रही चुनौतियों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत करवाते हुए जेल विभाग के प्रमुख सचिव श्री डी.के. तिवारी ने कहा कि जेलों में स्टाफ की बड़ी कमी है और जेलों में संगठित अपराध वाले अपराधियों, गैंगस्टरों, आतंकवादियों, कट्टरपंथियों, नार्को-आतंकवाद के मुलजि़मों, नशों से सम्बन्धित अपराध के दोषियों और नशे के आदयों का बड़ा ख़तरा है। उन्होंने जेल विभाग के प्रभावशाली कामकाज को सुनिश्चित बनाने के लिए आई.टी./कंप्यूटर, कानूनी मामलों, लेखा और मनोवैज्ञानिकों के लिए माहिर स्टाफ की भर्ती की माँग की। जेल विभाग के कामकाज के बारे में प्रस्तुतीकरण देते हुए एडीजीपी जेल पी.के. सिन्हा ने मुख्यमंत्री को जेल विभाग का अलग इंटेलिजेंस विंग स्थापित करने और हर स्तर पर औसतन 46.98 फ़ीसदी खाली पड़े स्वीकृत पदों के साथ भरने के लिए तुरंत भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की अपील की। बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणू प्रसाद और मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत शामिल थे।