CHANDIGARH, 28 MARCH: पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज यहाँ विभाग के अधिकारियों के साथ पहली बैठक के दौरान भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस अपनाने का स्पष्ट संदेश दिया। धालीवाल ने कहा कि ग्राम सभा ग्रामीण विकास का सबसे मज़बूत स्तम्भ है, जिसको मज़बूत किया जाना चाहिए और उन्होंने अधिकारियों को हिदायत की कि वह 26 जून, 2022 को राज्य के समूह गाँवों में ग्राम सभा सत्र बुलाएँ।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि ग्राम सभा में लोगों के अधिक से अधिक शामिल होने को सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गाँवों में विभिन्न प्रचार माध्यमों के द्वारा ग्राम सभाओं के महत्व के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने आगे कहा कि ग्राम सभा सम्बन्धी गाँवों में सही ढंग से पोस्टर लगाए जाएँ और ग्राम सभा के इस सत्र के लिए समय पर सभी प्रबंध सुनिश्चित बनाए जाएँ। स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि गाँवों के सभी विकास कार्य तकनीकी शाखाओं से उचित योजना और रूप-रेखा के साथ पूरे किए जाएँ।
उन्होंने साथ ही कहा कि विकास कार्यों की कम से कम समय-सीमा 25 साल होनी चाहिए और विकास कार्यों के लिए सिफऱ् मानक सामग्री ही इस्तेमाल की जाए। स. धालीवाल ने कहा कि यदि गाँवों के विकास कार्यों का अनुमान और योजना सही न हुई तो तकनीकी शाखाओं के अधिकारी भी जि़म्मेदार होंगे।ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली ‘आप’ सरकार का मुख्य एजेंडा पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना और लोगों को निर्विघ्न सेवाएं प्रदान करना है।
उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वह किसी भी तरह की कोताही ना बरतें और किसी भी सरपंच से कमिशन ना लें, स. धालीवाल ने कहा कि यदि गाँवों के विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इंटरलॉकिंग टाईलें, ईंटें, सीमेंट आदि सामग्री में किसी अधिकारी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा पाया गया तो उस अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने समूह जि़ला परिषद् और ब्लॉक समिति के अध्यक्षों और सदस्यों को जि़लों और ब्लॉकों में विकास कार्यों सम्बन्धी उनकी बैठकों में शामिल होने का न्योता दिया। उन्होंने अधिकारियों को यह भी हिदायत की कि विकास कार्य बिना किसी राजनीतिक दबाव या भेदभाव के पूरे किए जाएँ।ग्रामीण विकास मंत्री ने अधिकारियों को ब्लॉक विकास अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के खाली पड़े पदों का प्रारूप बनाने के लिए भी कहा, जिससे इन पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जा सके।