आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को हरियाणा में अन्य राज्यों से अधिक मानदेय
CHANDIGARH, 7 MARCH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार के लिए किसानों के हित सर्वोपरि हैं और उनके हितों के प्रति सजग रहते हुए वर्ष 2014 में कार्यभार संभालते ही सरकार ने फसल खराबे की मुआवजा राशि 10 हजार रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 12 हजार रुपये की थी, इस वित्त वर्ष में इसे पुन: बढक़ार 15 हजार रुपये प्रति एकड़ किया गया है।
मुख्यमंत्री हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीफ 2021 में खराब हुई फसलों के लिए किसानों को 561 करोड़ 11 लाख 57 हजार रुपये की राशि मुआवजे के लिए स्वीकृत की गई है। इस वित्त वर्ष में हमने कुल 581 करोड़ 17 लाख रुपये की राशि किसानों को मुआवजे के रूप में दी है। इसके अतिरिक्त खरीफ 2021 के लिए किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत भी लगभग 755 करोड़ रुपये के क्लेम स्वीकृत हुए हैं, जबकि किसानों ने 242 करोड़ रुपये के प्रीमियम का भुगतान किया था। अब तक 534 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में डाली जा चुकी है, शेष राशि मार्च 2022 के अंत तक किसानों के खातों में डाल दी जाएगी।
हमारे कार्यकाल में डॉक्टरों की 7 गुणा अधिक भर्तियां
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान में चिकित्सा अधिकारियों के 2615 पद भरे हुए हैं, इनमें 954 मेडिकल आफिसर्ज (ग्रुप-ए) के वे पद भी शामिल हैं, जो कोविड-19 महामारी के दौरान भरे गए। चिकित्सकों की भर्ती में किसी प्रकार का विलम्ब न हो इसके लिए हमने एचपीएससी की बजाए एक कमेटी के माध्यम से भर्ती करने का निर्णय लिया। इस कमेटी द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के 980 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी चल रही है। स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों का अलग से स्पेशलिस्ट काडर बनाने की कार्यवाही चल रही है। पिछली सरकार ने मेडिकल आफिसर्ज के 370 पदों पर भर्ती की गई थी। हमारे कार्यकाल में 7 गुणा अधिक 2615 पदों पर भर्ती गई है। वर्तमान में 1252 चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने हेतु भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसके आवेदन की अंतिम तिथि 25 फरवरी, 2022 थी।
हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलना हमारा लक्ष्य
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आमजन को किफायती और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वर्ष 2014 में प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज थे, जिनमें 3 सरकारी और 3 प्राइवेट थे। हमारे कार्यकाल में 3 सरकारी और 4 प्राइवेट नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। अब प्रदेश में कॉलेजों की संख्या बढक़र 13 हो गई है, हमारा लक्ष्य हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का है। वर्तमान में 13 मेडिकल कॉलेज में से 6 सरकारी, 6 प्राइवेट और एक सरकारी सहायता प्राप्त है। इनमें एमबीबीएस की 1685 तथा पीजी की 510 सीटें हैं। अम्बाला छावनी के सिविल अस्पताल में 72 करोड़ की लागत से टरशरी कैंसर केयर सेंटर (टीसीसीसी) की स्थापना की जा रही है। इसमें कैंसर के मरीजों को सभी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को अन्य राज्यों से अधिक मानदेय
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को न केवल अन्य राज्यों से अधिक मानदेय दिया जाता है बल्कि हमने तो उन्हें पदोन्नति के साथ-साथ सेवानिवृति के समय भी एकमुश्त राशि देने की व्यवस्था की है। बीते 7 वर्ष की अवधि में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के हित में कई ठोस कदम उठाए हैं। गत दिसंबर महीने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 850 रुपये तथा सहायकों के मानदेय में 736 रुपये की वृद्धि की गई थी। वर्ष 2014 में कांग्रेस सरकार के समय आंगनवाड़ी वर्कर्स का मानदेय 7500 रुपये मासिक था जो अब 12,661 रुपये है। इसी तरह हैल्पर्स का मानदेय वर्ष 2014 में 3500 रुपये मासिक था जो अब 6,781 रुपये है। आंगनवाड़ी वर्कर्स और हैल्पर्स को दिया जाने वाला मानदेय केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 60 व 40 प्रतिशत के अनुपात में दिया जाता है, जबकि हरियाणा में तो प्रदेश का शेयर ही कई राज्यों में दिए जाने वाले कुल मानदेय से भी अधिक है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृति पर 30 हजार एक्सग्रेसिया मिलता था, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये तथा हैल्परों का 50 हजार रुपये किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में हरियाणा की स्थाई सदस्यता बारे पत्राचार कर केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है। इस बोर्ड का नियंत्रण केंद्र सरकार के पास है इसमें हरियाणा राज्य से 1 सदस्य सिंचाई और एक सदस्य पंजाब से विद्युत की नियुक्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि बोर्ड में स्थाई सदस्य की नियुक्ति के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से भी आग्रह किया गया है उन्होंने आश्वस्त किया था कि इस बारे कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, केंद्रीय बिजली नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री से भी अनुरोध किया गया। इसके लिए प्रदेश के सांसद भी केंद्र सरकार से अनुरोध करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर भी इस बारे अपनी मांग रखेंगे।
झूठे आंकड़े पेश कर रही सीएमआई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड (सीएमआईई) लाभ कमाने के लिए बनाई गई निजी कंपनी है, जो प्रदेश में रोजगार के झूठे आकड़े पेश कर रही है। इस कंपनी ने दिसंबर 2021 में अपनी रिपोर्ट में 34.1 प्रतिशत बेरोजगारी का आंकड़ा पेश किया। ठीक एक महीने बाद जनवरी 2022 में 23.4 प्रतिशत बेरोजगारी दिखाई। महज एक महीने में 11 प्रतिशत की गिरावट कैसे आ गई। इसे ठीक मान लिया जाए तो एक महीने में 16 लाख बेरोजगारों को रोजगार मिल गया। इस पर तो विपक्ष को हमारी तारीफ करनी चाहिए। इस प्रकार की रिपोर्ट निराधार आंकड़े पेश करके समाज में अशांति उत्पन्न करने का कार्य करती है। कई अवसरों पर सरकार ने इन आंकड़ों का खंडन किया है। सीएमआईई की रिपोर्ट निराधार और झूठ का पुलिंदा है। विपक्ष मिथ्या आंकड़ों के आधार पर प्रदेश में अस्थिरता या सनसनी फैलाने की अपेक्षा कोई रचनात्मक सुझाव दें, जिससे प्रदेश में लोगों का भला हो सके ।