CHANDIGARH, 02 MARCH: पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम विंग ने बुधवार को हाई-टेक हैकिंग टूलज़ का प्रयोग करके राज्य की एक प्रतिष्ठित प्राईवेट यूनिवर्सिटी के फेकल्टी सदस्यों की अश्लील तस्वीरों को प्रसारित करने वाले एक दोषी को गिरफ़्तार किया है।
गिरफ़्तार किये व्यक्ति की पहचान नवजोश सिंह अटवाल, निवासी आइवरी टावर, सैक्टर -70, एस.ए.एस. नगर के तौर पर हुई है, जोकि इसी यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए ए.डी.जी.पी साइबर क्राइम ने कहा कि 26 फरवरी, 2022 को उक्त प्राइवेट यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से शिकायत प्राप्त हुई थी कि कोई व्यक्ति ज़ूम /ब्लैकबोर्ड एप का प्रयोग करके उनकी ईमेल आईडी, ऑनलाईन अध्यापन सैशनों को हैक कर रहा है और साथ ही अलग-अलग व्हाटसऐप अकाउंट नंबरों के द्वारा फेकल्टी सदस्यों की अश्लील तस्वीरें प्रसारित कर रहा है।
शिकायत पर कार्यवाही करते हुये पुलिस स्टेशन स्टेट साइबर क्राइम में आइपीसी की धारा 354 -डी, 509, 120-बी, आई.टी एक्ट-2000 की धारा 66-सी और 67-ए के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है।
ए.आई.जी. स्टेट साइबर क्राइम, नीलांबरी जगदाले ने जानकारी देते हुये बताया कि स्टेट साइबर क्राइम सेल द्वारा शक्की गतिविधियों संबंधी व्हाटसऐप, ज़ूम और गुग्गल एजेंसियों के साथ तालमेल किया गया।
पूछताछ के दौरान दोषी ने कबूला है कि वह अलग-अलग पोर्न वैबसाईटों से पोर्न सामग्री को डाउनलोड करता था और फिर डाउनलोड की वीडियो सामग्री को अपनी यूनिवर्सिटी के फेकल्टी सदस्यों की तस्वीरों के साथ मॉर्फ करता था जिससे वीपीएन और हैकिंग टूलज़ को इस्तेमाल करके फ़र्ज़ी व्हाटसऐप अकाउंट बना कर अश्लील तस्वीरों को आगे प्रसारित किया जा सके। ज़िक्रयोग्य है कि दोषी ब्लैकबोर्ड सॉफ्ट्वेयर और ज़ूम ऐपलीकेशनों के द्वारा करवाए गए वेबिनारों पर ऑनलाईन शैक्षिक सैशनों के दौरान कथित अश्लील सामग्री पोस्ट करता था।
जांच के दौरान दोषी के पास से मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप और वीपीएन और हैकिंग सॉफ्टवेयर/टूल वाले अन्य इलेक्ट्रॉनिक यंत्र ज़ब्त किये गए हैं। इन इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों की फॉरेंसिक जांच के बाद अगली कार्यवाही की जायेगी। दोषी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
ज़िक्रयोग्य है कि कोई भी पीड़ित/शिकायतकर्ता वैबसाईट www.cybercrime.gov.in या ईमेल aigcc@punjabpolice.gov.in पर साइबर अपराध से सम्बन्धित शिकायत दर्ज करवा सकता है और टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरः 155260 पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए एडवाइजरीः-
1. पासवर्ड सुरक्षा
– एक से अधिक अकाउंटस के लिए एक ही पासवर्ड का प्रयोग न करें।
– नियमित तौर पर पासवर्ड बदलते रहें।
– पासवर्ड कम से कम आठ-अक्षरों के होने चाहिएं और इसमें नंबर, बड़े अक्षर, छोटे अक्षर और विशेष अक्षर शामिल होने चाहिएं।
– निजी विवरणों जैसे कि नाम, जन्म तारीख़ आदि का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
– ईमेल, चैट या अन्य संचारों में कभी भी पासवर्ड न बताएं।
– ऐपलीकेशनों में उपलब्ध रीमैंबर पासवर्ड सुविधा के प्रयोग को इस्तेमाल न करें।
2. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के प्रयोग के दौरान सावधानियां
-सोशल नैटवर्किंग वैबसाईटों के पासवर्ड किसी को भी न बताएं।
– सोशल नैटवर्किंग वैबसाईटों पर अपनी निजी जानकारी और निजी तस्वीरों और वीडियोज़ को सांझा न करें।
-हमेशा सोशल नैटवर्किंग वैबसाईटों की प्राइवेसी कंट्रोल सैटिंगज़ का प्रयोग करें।
– सोशल नैटवर्किंग वैबसाईटों को इस्तेमाल करने के लिए सार्वजनिक कंप्यूटर/साईबर केफे का प्रयोग न करें।
-ग़ैर-प्रमाणित थर्ड पार्टी ऐपलीकेशनों को डाउनलोड न करें।
-सोशल मीडिया फार्मों पर अप्रमाणित पोस्टों/खबरों को सांझा या आगे न भेजें।
3. वर्चुअल मीटिंगों के लिए सुरक्षा उपाय
-उन ऐपलीकेशनों का प्रयोग करें जो एंड टू एंड एनक्रिपशन और मल्टी-फैक्टर प्रमाणिकता का प्रयोग करते हैं।
-उन ऐपलीकेशनों का प्रयोग करें जो इन-एप सर्विलैंस का प्रयोग नहीं करती या थर्ड पार्टीज के साथ डेटा सांझा नहीं करती।
-दूसरों को ईमेलों के द्वारा मीटिंग इनवाईटस आगे भेजते समय अलर्ट सैट करें।
-सभी भागीदारों के शामिल होने के बाद मीटिंगों को लॉक करें और नये भागीदारों के शामिल होने के लिए वेटिंग रूम की सुविधा का प्रयोग करें।
-मेज़बान को छोड़ कर किसी भी भागीदार को मीटिंग रिकार्ड करने से रोकें।