भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की बैठक, बजट सत्र को लेकर बनाई रणनीति
पूर्व मुख्यमंत्री बोले- विकासशील व कल्याणकारी होगा बजट तो स्वागत, नहीं तो करेंगे जमकर विरोध
राज्यपाल के अभिभाषण में नजर नहीं आया विकास का कोई रोडमैप: हुड्डा
CHANDIGARH: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत से ठीक पहले आज पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें सत्र के दौरान उठाए जाने वाले जनहित के तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा भी बैठक में शामिल रहीं।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि आंगनवाड़ी, आशा वर्कर्स के आंदोलन, पुरानी पेंशन स्कीम, फैमिली आईडी की आड़ में बुढ़ापा पेंशन समेत कई कल्याणकारी योजनाओं में कटौती, पिछड़े वर्ग का आरक्षण खत्म करने, डोमिसाइल के नियम बदलने, एससी कमीशन, माइनॉरिटी कमीशन, सफाई आयोग बनाने की मांग, गेस्ट टीचर्स, एक्सटेंशन लेक्चरर की मांगों, प्रॉपर्टी आईडी, लाल डोरा की विसंगतियों, यूक्रेन में फंसे हरियाणा के विद्यार्थियों को निकालने समेत तमाम मुद्दों पर बैठक में मंथन किया गया।
हुड्डा ने बताया कि प्रश्नकाल, शून्यकाल, काम रोको प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए पार्टी विधायक इन तमाम मुद्दों को विधानसभा में उठाएंगे। आमजन से जुड़े इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। विधानसभा में सरकार का रवैया अक्सर चर्चा से भागने का रहता है, लेकिन विपक्ष पूरी तैयारी के साथ सत्र में जा रहा है। सदन में जनहित के मुद्दों पर सरकार को जवाब देना पड़ेगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें सरकार की नीतियों और भविष्य की योजनाओं का समायोजन होता है। लेकिन, इस अभिभाषण में प्रदेश के विकास का कोई रोडमैप नजर नहीं आया।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की नजर सरकार की तरफ से पेश किए जाने वाले बजट पर भी रहेगी। अगर बजट विकासशील और कल्याणकारी होगा तो उसका स्वागत किया जाएगा, नहीं तो कांग्रेस उसका विरोध करेगी। प्रदेश का हर वर्ग विधानसभा में सरकार के रवैए और आने वाले बजट से कई अपेक्षाएं बनाए हुए है। प्रदेशवासी बजट के जरिए देश में सर्वाधिक बेरोजगारी, कमरतोड़ महंगाई, डूबती अर्थव्यवस्था, आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ से राहत की मांग कर रहे हैं। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार को बजट में ऐसे प्रावधान करने चाहिए जिससे किसान, कर्मचारी, मजदूर, दुकानदार, व्यापारी, गृहणी समेत हर वर्ग को राहत मिले।