CHANDIGARH: प्रदेश में स्टेनलेस स्टील प्रोद्योगिकी और एप्लीकेशन के क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के संयुक्त उद्देश्य की कड़ी में हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड (एचएसबीटीई) और जिंदल स्टेनलेस ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये जिसके अंतर्गत राज्य के सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में स्टेनलेस स्टील के पाठ्यक्रम शुरु किये जायेंगें। इस समझौते पर बोर्ड के सचिव राजेश गोयल और जिंदल स्टेनलेस के सीनियर वाईस प्रेजीडेंट (मैन्यूफैक्चरिंग) विजय बिंदलिश ने तकनीकि और उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण (आईएएस) और जिंदल स्टेनलैस के निदेशक विजय शर्मा की मौजूदगी में हस्ताक्षर किये।
इस साझेदारी के तहत स्टेनलेस स्टील पर दो मॉडयूल्स लांच किये जायेंगें। हरियाणा के सभी सरकारी पॉलिटेक्निकों के मैकेनिकल इंजीनियरिंग चौथे सेमेस्टर के छात्रों के लिये एक अनिवार्य मॉडयूल शुरू किया जायेगा। यह मॉडयूल ‘मेटिरियल एंड मेटेलर्जी’ विषय का हिस्सा होगा और इसमें दस लेक्चर होंगें। इसे हरियाणा के सभी 25 पॉलिटेक्निक कॉलेजों में संस्थागत रुप दिया जाएगा जिससे की हर साल तीन हजार से अधिक छात्र लाभान्वित होंगें। पाठ्यक्रम को मार्च 2022 से शुरु करने की योजना है। इसके अलावा गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, हिसार में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पांचवे सेमेस्टर के छात्रों के लिये एक 3 क्रेडिट 42 व्याख्यान का वैकल्पिक पाठ्यक्रम शुरु किया जायेगा।
जिंदल स्टेनलेस की स्टेनलेस ऐकेडमी की पहल के तहत जिंदल स्टेनलेस ने आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी बीएचयू, आईआईटी धनबाद, एनआईटी त्रिची, एनआईटी सूरतकल, एनआईटी रोरकेला, एनआईटी दुर्गापुर, ओपी जिंदल युनिवर्सिटी रायगढ़ और एमएनआईटी जयपुर के साथ हाथ मिलाया है।
इस पहल की सराहना करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण (आईएएस) ने कहा कि इस साझेदारी के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों को उद्योग का व्यावहारिक अनुभव, समझ और प्रशिक्षण मिलेगा। इस मौके पर मौजूद कंपनी के निदेशक विजय शर्मा ने कहा कि भारतीय स्टेनलेस स्टील सेक्टर में अग्रणी होने के नाते इस क्षेत्र को और अधिक मजबूती देने को वे अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। उन्होंने कहा कि यह एमओयू छात्रों के लिये व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला का मार्ग प्रशस्त करेगा और उन्हें उद्योग में स्टेनलेस स्टील के एप्लीकेशन पर तकनीकी अनुभव प्रदान करेगा।