CHANDIGARH: उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ ने औद्योगिक क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे तथाकथित सर्वे का विरोध करने के लिए धरना दे रहे व्यापारियों का समर्थन करते हुए प्रशासन से तुरंत सर्वे बंद किए जाने व औद्योगिक क्षेत्र के व्यापारियों को राहत दिए जाने की मांग की है।
UVM के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल को प्रेषित एक ज्ञापन में कहा है कि प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में बिल्डिंग वायलेशंस, मिसयूज व चेंज ऑफ ट्रेड को लेकर सर्वे करवाया जा रहा है, जिससे व्यापारियों में दहशत है तथा ये कारोबारी इसका विरोध जता रहे हैं। इस सर्वे को तुरंत बंद किया जाए। इन सर्वे से कारोबारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
कैलाश जैन का कहना है कि चंडीगढ़ में 1972 में इंडस्ट्रियल पॉलिसी बनाई गई थी, जिसमें समय के अनुसार बदलाव को मंजूरी दी जानी चाहिए लेकिन चंडीगढ़ में इंडस्ट्री फ़्रेंडली माहौल न होने से चंडीगढ़ से इंडस्ट्रीज का पलायन हो रहा है, जिसके चलते यहां इंडस्ट्री सस्टेन करना मुश्किल हो रहा है। फलस्वरूप बहुत सारे इंडस्ट्री प्लॉट्स में थोक व्यापार जैसे बिजली, क्रोकरी, फर्नीचर आदि का काम शुरू हो गया है। 2 कनाल से बड़े इंडस्ट्रियल प्लॉटों के लिए कन्वर्शन पॉलिसी आई थी और चेंज ऑफ ट्रेड अलाउड भी किया था लेकिन 2 कनाल से छोटे प्लाट धारकों के लिए कोई कन्वर्शन पॉलिसी नहीं बनी। कोई राहत नहीं दी गई है। इसके अलावा प्रशासन ने कमर्शियल सेक्टर में आम तौर पर अधिकतर ट्रेड को जनरल ट्रेड मान कर चेंज ऑफ ट्रेड की परमिशन दे दी है। उसी प्रकार से इंडस्ट्रियल प्लॉट को भी जनरल ट्रेड के तहत मान्यता मिलनी चाहिए। इन प्लाटों में नीड बेस्ड चेंजेस को रेगुलर करना चाहिए तथा समय की मांग समझते हुए एफ.ए.आर. भी बढ़ाई जानी चाहिए।
कैलाश जैन ने यह भी बताया कि इस संबंध में औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के नेतृत्व में गत 27 जनवरी 2022 को प्रशासक से मिला था। प्रशासक ने आश्वासन दिया था कि यह सर्वे औद्योगिक क्षेत्र के लिए नई पॉलिसी बनाने के लिए करवाए जा रहे हैं तथा सर्वे के आधार पर नई पॉलिसी बनाई जाएगी। किसी भी प्रकार का नोटिस सर्वे के आधार पर नहीं दिया जाएगा लेकिन इस आश्वासन के बावजूद प्रशासन के अधिकारी आज फिर इंडस्ट्रियल एरिया में सर्वे के लिए आए हैं ।
कैलाश जैन ने मांग की है कि सभी हालात के मद्देनजर तथा प्रशासक के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए सर्वे तुरंत बंद किया जाए और अगर सही मायने में कोई राहत देने के लिए सर्वे करना भी है तो सिंबॉलिक तौर पर जरनल सर्वे किया जाना चाहिए, जिसके आधार पर कोई पॉलिसी बना कर राहत दी जा सके। दुकानों के अंदर जाकर एरिया की पैमाइश करके कारोबारियों में भय पैदा न किया जाए।