भारत निर्वाचन आयोग ने की नो योर कैंडीडेट एप की शुरूआत
CHANDIGARH: राजनैतिक पार्टियों के लिए अपराधिक पृष्टभूमि वाले उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए चुने जाने सम्बन्धी वाजिब स्पष्टीकरण प्रकाशित करने को लाज़िमी बनाने के बाद भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.) ने वोटरों के लिए किसी भी उम्मीदवार के विवरण और आपराधिक पृष्टभूमि के बारे जानने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन ‘नो योर कैंडीडेट’ लांच की है। यह जानकारी पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सी.ई.ओ.) डॉ. एस. करुणा राजू ने शनिवार को दी।
राज्य के वोटरों को इस एप्लीकेशन को डाउनलोड करने की अपील करते हुये डॉ. राजू ने कहा कि यह एप निर्वाचन लड़ रहे उम्मीदवारों के आपराधिक पृष्टभूमि संबंधी व्यापक प्रचार और अधिक से अधिक जागरूकता प्रदान करने के लिए तैयार की गई है जिससे पारदर्शी मतदान को यकीनी बनाया जा सके। इस एप को गुग्गल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है और इसका लिंक आयोग की वैबसाइट पर भी उपलब्ध है।
रिटर्निंग अफसरों को एप पर केवल सही दस्तावेज़ अपलोड करने को यकीनी बनाने के लिए निर्देश देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि को दर्शाने के लिए ‘हां’ या ‘नहीं’ वाला चैकबॉक्स टिक किया जाए और उम्मीदवार की तरफ से ऑफलाइन नामांकन के समय जमा करवाए गए स्कैन्ड दस्तावेज़ ही अपलोड किए जाएं। आपराधिक पृष्ठभूमि सम्बन्धी विवरण के.वाई.सी (नो योर कैंडीडेट) एप के द्वारा सार्वजनिक किये विवरणों के साथ मेल खाते होने चाहिएं। रिटर्निंग अधिकारी की तरफ से विवरणों को दोबारा तस्दीक किया जाये और यह यकीनी बनाया जाये कि उम्मीदवार द्वारा जमा किये गए विवरणों के अनुसार ही चैकबॉक्स को “हां ’’ या “नहीं ’’ के तौर पर उचित ढंग से चिन्नित किया गया हो।
अलग-अलग मोबाइल वोटर फ्रेंडली ऐपस शुरू करने जैसी भारत निर्वाचन आयोग की कुछ अन्य नयी पहलकदमियों के बारे जानकारी देते हुये डॉ. एस. करुणा राजू ने कहा कि ई.सी.आई. की तरफ से एक और एप्लीकेशन ‘सुविधा एप’ भी लांच की गई है, जोकि उम्मीदवारों और राजनैतिक पार्टियों दोनों के लिए मीटिंगें, रैलियाँ आदि करवाने से पहले मंजूरी लेने के लिए आवेदन देने सम्बन्धी एक सिंगल विंडो व्यवस्था प्रदान करती है। यह एंड्रोयड एप के द्वारा भी किया जा सकता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण एप ‘सीविजिल’ है जो आदर्श चुनाव आचार संहिता/ख़र्च के उल्लंघन का वास्तविक समय, सबूत-आधारित विवरण और सम्बन्धित स्थान के डाटा समेत लाइव फोटो /वीडियो प्रदान करती है। कोई भी नागरिक मोबाइल एप के द्वारा शिकायत दर्ज करवा सकता है। फ्लायंग सकुऐड फिर मामले की जांच करते हैं और रिटर्निंग अधिकारी 100 मिनट के अंदर फ़ैसला लेता है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ‘वोटर हेल्पलाइन’ नाम की एक अन्य नयी ऐंडरायड आधारित मोबाइल एप भी लांच की गई है, यह एप सभी नागरिकों को वोटर सूची में अपने नाम ढूँढने, ऑनलाइन फार्म जमा कराने, आवेदन की स्थिति का पता लगाने, शिकायतें दायर करने और दर्ज करवाई शिकायतों के जवाब मोबाइल एप पर प्राप्त करने के साथ-साथ बूथ स्तर अफसरों, मतदाता रजिस्ट्रेशन अफसरों और ज़िला निर्वाचन अफसरों के संपर्क विवरणों को जानने की सुविधा प्रदान करती है। यह वोटर हेल्पलाइन एप www.nvsp.in पोर्टल पर जाकर या 1950 हेल्पलाइन नंबर पर काल करके इस्तेमाल की जा सकती है।
डॉ. राजू ने यह भी बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों (पी.डब्ल्यूडी.) को नयी रजिस्ट्रेशन, पते में तबदीली, विवरणों में तबदीली और मोबाइल एप्लीकेशन के प्रयोग द्वारा ख़ुद को पी.डब्ल्यूडी. के तौर पर दर्शाने के लिए विनती करने के योग्य बनाने के लिए ‘पी.डब्ल्यू.डी .ऐप’ भी लांच की गई है। सिर्फ़ अपने संपर्क विवरणों को दर्ज करके, बूथ स्तर अफ़सर को घर-घर जाने की सुविधा उपलब्ध हो जाती है। दिव्यांग व्यक्ति पोलिंग के दौरान वीलचेयर के लिए भी विनती कर सकते हैं।