CHANDIGARH: सातवें केंद्रीय वेतन आयोग को लागू करने और शिक्षकों के वेतनमान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से अलग करने के पंजाब सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाबभर के कॉलेज और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने आज पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के निर्वाचन क्षेत्र बठिंडा में सड़कों पर प्रदर्शन किया। पंजाब और चंडीगढ़ के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कार्यरत एक हजार से अधिक शिक्षक PFUCTO और PCCTU द्वारा दिए गए आह्वान पर मनप्रीत बादल के कार्यालय के बाहर श्याम ढाबा और मित्तल मॉल के सामने एकत्रित हुए। पीड़ित शिक्षकों ने हनुमान चौक से बठिंडा डीसी कार्यालय तक फौजी चौक और मिनी सचिवालय होते हुए विरोध मार्च निकाला। चंडीगढ़ के सभी निजी सहायता-प्राप्त कॉलेजों के शिक्षक संघ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
बठिंडा में आज का राज्य स्तरीय विरोध पंजाब सरकार की कैबिनेट बैठक के मद्देनजर महत्व रखता है, क्योंकि शायद पंजाब में निर्धारित विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले यह आखिरी बैठक होगी। गौरतलब है शिक्षक पिछले कई महीनों से सीएम चन्नी और पूरे मंत्रिपरिषद से अनुरोध कर रहे हैं कि उनकी मांगों को कैबिनेट की बैठक में एजेंडा के रूप में शामिल किया जाए, लेकिन सरकार अब तक सकारात्मक प्रतिक्रिया देने में पूरी तरह विफल रही है। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार आदर्श आचार संहिता लागू होने तक समय व्यतीत कर रही है ताकि इस मुद्दे पर कार्रवाई न करने के बहाने के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सके। विरोध मार्च में राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए शिक्षकों ने कहा कि यह वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के लिए बेहद शर्मनाक है कि उन्होंने राष्ट्र-निर्माता शिक्षकों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए सड़कों पर मार्च करने के लिए मजबूर कर दिया। जनवरी 2016 से 7 वीं सीपीसी के तहत शिक्षकों के नये वेतनमान लागू होने थे, पर केवल पंजाब राज्य को छोड़कर भारत के सभी हिस्सों में यह लागू हो चुके हैं। शिक्षक यूजीसी से अपने वेतनमान को अलग करने के पंजाब सरकार के कदम की तीखी आलोचना कर रहे हैं, जिसके बारे में विशेषज्ञों की राय है कि इस कदम से भविष्य में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वेतन, बुनियादी ढांचे और अनुसंधान के लिए दिए जाने वाले केंद्रीय धनराशी को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार का यह निर्णय राज्य में उच्च शिक्षा के पूर्ण निजीकरण की दिशा में पहला कदम है जो उच्च शिक्षा को गरीब और समाज के वंचित वर्गों की पहुंच से बाहर कर देगा।
इधर, डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 चंडीगढ़ में पीफूक्टो और पीसीसीटीयू के तत्वावधान में शृंखला भूख हड़ताल आज 35वें दिन में प्रवेश कर गई, जिसमें डॉ. सुतापा सरयाल, डॉ. सुषमा सैनी और डॉ. नीति गुप्ता (सभी डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से) सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल पर बैठे रहे। शाम 5 बजे कल सुबह 9 बजे तक डॉ. आशीष कपूर, डॉ. कर्ण सिंह विनायक और डॉ. राजन भंडारी (सभी डीएवी कॉलेज चंडीगढ़) भूख हड़ताल पर बैठे।