भाजपा से सीनियर डिप्टी मेयर के लिए दलीप शर्मा व डिप्टी मेयर पद के लिए अनूप गुप्ता उम्मीदवार बनाए गए
आम आदमी पार्टी से सीनियर डिप्टी मेयर के लिए प्रेमलता व डिप्टी मेयर पद के लिए रामचंद्र यादव उम्मीदवार
सभी उम्मीदवारों ने नगर निगम कार्यालय में दाखिल किए नामांकन पत्र
CHANDIGARH: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के बाद मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर आज फिर उलटफेर हो गया। इस चुनाव के लिए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने कल अचानक रणनीति बदलकर जो दांव खेला, उसमें नए-नए भाजपाई हुए देविंदर सिंह बबला उलझ गए और ऐन वक्त पर मेयर पद पर अपनी पत्नी नवनिर्वाचित पार्षद हरप्रीत कौर बबला की उम्मीदवारी छोड़नी पड़ गई। ऐसे में अब भाजपा से मेयर पद के लिए सर्बजीत कौर चुनाव मैदान में होंगी, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर के लिए दलीप शर्मा व डिप्टी मेयर पद के लिए अनूप गुप्ता उम्मीदवार बनाए गए हैं। आम आदमी पार्टी से मेयर पद के लिए अंजू कत्याल उम्मीदवार बनाई गई हैं, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर के लिए प्रेमलता तथा डिप्टी मेयर पद के लिए रामचंद्र यादव उम्मीदवार बनाए गए हैं। इन सभी उम्मीदवारों ने आज नगर निगम कार्यालय में नामांकन अपने नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिए।
गौरतलब है कि भाजपा द्वारा नगर निगम सदन में अपने सांसद के वोट समेत 13 से 14 यानी आम आदमी पार्टी के 14 वोटों के बराबर अपनी संख्या करने की कोशिश में कांग्रेसी नेता देविंदर सिंह बबला का भाजपा को साथ मिल गया है। बबला अपनी पत्नी एवं नवनिर्वाचित पार्षद हरप्रीत कौर बबला को साथ लेकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसी के साथ यह भी तय था कि भाजपा से हरप्रीत कौर बबला मेयर पद की उम्मीदवार होंगी। कहा जा रहा है कि भाजपा से इसी वायदे पर बबला अपनी पत्नी के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद समझा जा रहा था कि मेयर चुनाव के दौरान कांग्रेस के बचे हुए 7 पार्षदों में से कुछ हरप्रीत कौर बबला के पक्ष में अपनी वोट क्रॉस कर सकते हैं। क्योंकि बबला के अलावा कुछ अन्य कांग्रेसी पार्षद भी पार्टी के स्थानीय नेतृत्व से नाराज हैं। कांग्रेस से भी परिस्थितियां अपने पक्ष में बनते देखकर भी बबला ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया था।
सूत्रों के मुताबिक वोट क्रॉस की संभावना को देखते हुए ही कांग्रेस ने भी कल अचानक इस चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बदल दी। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला ने कल घोषणा कर दी कि कांग्रेस इस बार मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में भाग नहीं लेगी। यही नहीं, इस निर्णय के बाद कांग्रेसी पार्षदों की तोड़फोड़ न हो, इसके लिए कांग्रेस ने अपने पार्षदों को जयपुर भेज दिया। कांग्रेस की इस रणनीति को अंजाम देने में मुख्य भूमिका पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल की मानी जा रही है। लिहाजा, कांग्रेस के वोट क्रॉस के सहारे मेयर चुनाव जीतने का सपना देख रहे बबला कांग्रेसी रणनीति में उलझ गए और भाजपा में मेयर पद पर हरप्रीत कौर की उम्मीदवारी छोड़नी पड़ गई।
अब केवल भाजपा व आम आदमी पार्टी मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में आमने-सामने हैं। वोट भी दोनों के 14-14 हैं। इस स्थिति में अब सबकी नजर शिरोमणि अकाली दल के एक वोट पर टिकी है। हालांकि अकाली पार्षद हरदीप सिंह ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा से इस बार अकाली दल का गठबंधन टूट जाने तथा पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संभावना जताई जा रही है कि अकाली दल का वोट भाजपा को नहीं मिलेगा। माना यह भी जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के पक्ष में भी होने के बजाय अकाली पार्षद हरदीप सिंह भी इस चुनाव से खुद को अलग कर सकते हैं। स्थिति यही बनी तो मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव का निर्णय ड्रॉ यानी पर्ची के जरिए होगा। आम आदमी पार्टी ने भी अपने उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी पार्षदों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए दिल्ली भेज रखा है। यह पार्षद चुनाव के दिन 8 जनवरी को सुबह 11 बजे ही सीधे नगर निगम सदन में पहुंचेंगे।