विधानपालिका में संस्कृत के बढ़ते प्रयोग से संस्कृत विद्वान दिखे खुश
CHANDIGARH: विधानपालिका में संस्कृत के बढ़ते प्रयोग से संस्कृत विद्वान उत्साहित हैं। हरियाणा संस्कृत अकादमी के नेतृत्व में संस्कृत में शपथ लेने वाले विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया जाएगा।
हरियाणा संस्कृत अकादमी निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने मंगलवार को मंत्रिमंडल का विस्तार कर दो नए मंत्रियों को इसमें शामिल किया है। नवनियुक्त मंत्री और हिसार शहर से विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने संस्कृत में शपथ लेकर देवभाषा के प्रति सम्मान जाहिर किया है। इससे पहले, इसी विधानसभा काल में तीन विधायकों रामकुमार कश्यप (इंद्री), घनश्याम दास अरोड़ा (यमुनानगर),और डॉ. कमल गुप्ता (हिसार) ने संस्कृत में शपथ ली थी। इससे पूर्व वर्तमान लोकसभा में सिरसा सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल और रोहतक सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने भी लोकसभा में शपथ ली थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय संस्कृत के सम्मान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विधानपालिका में विधायकों और सांसदों की संस्कृत में शपथ लेने की शुरुआत इसी की एक कड़ी हैं। मंगलवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने पद और गोपनीयता की शपथ संस्कृत में लेकर इसे और गति प्रदान की। अकादमी कार्यक्त्रम आयोजित कर इन्हें सम्मानित करेगी।
लज्जाराम संस्कृत महाविद्यालय प्रमुख महंत राजेश स्वरूप जी महाराज ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है। इससे भविष्य में दूसरे विधायकों और सांसदों को प्रेरणा मिलेगी।
अखिल भारतीय संस्कृत परिषद के प्रांत अध्यक्ष मिथिलेश शर्मा का कहना है कि संस्कृत संस्कारित भाषा है। इसका उच्चारण व्यक्ति को मानसिक रूप से सम्बल बनाने के साथ जिम्मेदार बनाता है।
प्रवक्ता डॉ. मुरलीधर द्विवेदी,सहायक आचार्य जयपाल शास्त्री, डॉ. अशोक मिश्रा, डॉ. गीता आर्य, विनय मिस्र,सुशील शास्त्री आदि ने भी इस पर प्रसन्नता जताते हुए इसे सराहनीय कदम बताया है।