कहा- इलेक्शन सर्टिफिकेट में राजनीतिक दल का नाम नहीं तो फिर नोटिफिकेशन में कैसे?
CHANDIGARH: चंडीगढ़ नगर निगम के छठे आम चुनाव में शहर के 35 वार्डों में से 14 में आम आदमी पार्टी (आप), 12 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी जीते हैं। 8 वार्डों में कांग्रेस, जबकि 1 में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का उम्मीदवार विजयी रहा। सोमवार 27 दिसंबर को ही मतगणना हुई थी।
बीते कल मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग यूटी चंडीगढ़ द्वारा जारी एक गजट नोटिफिकेशन में सभी 35 नवनिर्वाचित पार्षदों के नाम नोटिफाई किए गए हैं, जिनके साथ उनकी राजनीतिक सम्बद्धता अर्थात उनके राजनीतिक दल/पार्टी के नाम का भी उल्लेख किया गया है।
इस बीच चंडीगढ़ निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने आज चंडीगढ़ के राज्य चुनाव आयुक्त और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक और आला अधिकारियों को पत्र लिखकर उपरोक्त निर्वाचन नोटिफिकेशन में नवनिर्वाचित पार्षदों के नामों के साथ उनके राजनीतिक दलों/पार्टियों का नाम दर्शाने पर प्रश्न-चिन्ह उठाते हुए उसमें तत्काल संशोधन करने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि चूंकि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में सभी 35 वार्डों से निर्वाचित पार्षदों को चुनाव जीतने पर उनके वार्ड के सम्बंधित निर्वाचन अधिकारी (रिटर्निंग ऑफिसर-आर.ओ.) द्वारा जो निर्वाचन प्रमाण-पत्र (इलेक्शन सर्टिफिकेट) जारी किया गया है, उसमें उन विजयी उम्मीदवारों को नगर निगम चुनाव में उतारने वाले सम्बंधित राजनीतिक दल जैसे आप, भाजपा, कांग्रेस और अकाली दल का उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए राज्य चुनाव आयोग द्वारा उक्त सभी 35 नवनिर्वाचित पार्षदों के निर्वाचन के सम्बन्ध में जारी नोटिफिकेशन में उनके राजनीतिक दल का उल्लेख कैसे किया जा सकता है?
हेमंत ने बताया कि उपरोक्त इलेक्शन सटिफिकेट यूटी चंडीगढ़ प्रशासन के स्थानीय स्वशासन विभाग द्वारा वर्ष 1995 में बनाए गए चंडीगढ़ नगर निगम (पार्षदों का निर्वाचन) नियमों, 1995 के नियम संख्या 75 के अंतर्गत एवं फॉर्म नंबर 19 के प्रारूप में वार्डों से जीतने वाले उम्मीदवारों को सम्बंधित रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा जारी किया जाता है एवं न तो उक्त नियम में और न फॉर्म में निर्वाचित पार्षद के राजनीतिक दल/पार्टी का नाम दर्शाने का कोई उल्लेख है।
यही नहीं, चुनाव आयोग चंडीगढ़ द्वारा जारी निर्वाचन नोटिफिकेशन पंजाब नगर निगम कानून (चंडीगढ़ में विस्तार ) अधिनियम, 1994 की धारा 17 में जारी की गई है एवं उसमें भी केवल नवनिर्वाचित पार्षदों के नामों को अधिसूचित करने का उल्लेख किया गया है एवं उनकी राजनीतिक सम्बद्धता दर्शाने के बारे में कोई उल्लेख नहीं है।
हेमंत ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग चंडीगढ़, यूटी प्रशासक, उनके एडवाइजर, चंडीगढ़ के गृह एवं स्थानीय स्वशासन विभाग के सचिव एवं अन्य को प्रतिवेदन और फिर कानूनी नोटिस भेजकर चंडीगढ़ नगर निगम के आम चुनाव राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्हों पर करवाने की बजाये फ्री सिम्बल्स पर करवाने के बारे में भी लिखा था। हालांकि चुनाव आयोग द्वारा ऐसा नहीं किया गया और राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्हों पर ही चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव करवाए गए।