ऐसे सभी संपत्ति करदाताओं को वर्ष 2010-11 से लेकर वर्ष 2020-21 तक लंबित संपत्ति कर पर ब्याज की एकमुश्त छूट मिलेगी
CHANDIGARH: हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने कहा कि आगामी 31 मार्च, 2022 तक राज्य सरकार ने ऐसे सभी संपत्ति करदाताओं को वर्ष 2010-11 से लेकर वर्ष 2020-21 तक के लंबित संपत्ति कर पर ब्याज की एकमुश्त छूट देने का निर्णय लिया है, जिन्होंने अपने लंबित संपत्ति कर का भुगतान नहीं किया है। इस फ़ैसले से राज्य के लगभग 18 लाख 80 हजार संपत्ति करदाताओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इससे संबंधित एक प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी मंजूरी दे दी है।
विज ने कहा कि यदि ऐसे संपत्ति करदाता अपने संपत्ति कर के समस्त बकाये का भुगतान आगामी 31 मार्च, 2022 तक कर देते है, तो उन्हें ब्याज पर एकमुश्त छूट का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2021 तक जिस किसी का भी संपत्ति कर बकाया है और वह आगामी 31 मार्च, 2022 तक समस्त संपत्ति कर का भुगतान कर देता है तो ऐसे सभी संपत्ति करदाताओं को ब्याज में एकमुश्त छूट प्राप्त होगी।
उन्होंने बताया कि इस फ़ैसले से राज्य के लगभग 18 लाख 80 हज़ार संपत्ति करदाताओं को राहत मिलेगी, जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक, इंडस्ट्रियल, संस्थायें इत्यादि भी शामिल है।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ था कि कोविड-19 महामारी की मौजूदा परिस्थितियों के कारण बड़ी संख्या में संपत्ति करदाताओं को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है जिसके कारण वे सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित संपत्ति कर योजना का लाभ नहीं ले पायेंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि संपत्ति करदाता इस तरह की वित्तीय बाधाओं के कारण अपने संपत्ति कर के बकाया का भुगतान करने में सक्षम नहीं है इसलिए राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 तक लंबित संपत्ति कर के बकाया पर ब्याज माफ करने के अनुरोध को स्वीकारते हुए ऐसे संपत्ति कर-दाताओं को राहत/सहायता प्रदान करने का फैसला किया है।