आंदोलन के दौरान दिल्ली में और आरपीएफ के द्वारा किसानों के विरुद्ध दर्ज केसों को वापस करवाने के लिए मामला अमित शाह के समक्ष उठाएंगे
आबादकारों को मालकी के अधिकार प्राप्त करने के लिए चार किस्तों में भुगतान करने का दिया विकल्प
किसानों की माँग पर केंद्र की तरफ से कवर न की फसलों को राज्य सरकार एमएसपी में करेगी शामिल
CHANDIGARH: किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के उपरांत पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज उन बासमती उत्पादकों को भी 17000 रुपए प्रति एकड़ की राहत देने का फ़ैसला किया, जिनकी फसलें पिछले खरीफ के सीजन के दौरान ओलावृष्टि के कारण काफ़ी क्षतिग्रस्त गई थीं। मुख्यमंत्री के इस भरोसे के बाद संघर्ष कमेटी ने अपना रेल रोको आंदोलन तुरंत स्थगित करने का ऐलान कर दिया।
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के राज्य प्रधान सतनाम सिंह पन्नू के नेतृत्व अधीन आए प्रतिनिधिमंडल के साथ कई मुद्दों पर बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री चन्नी ने उनको आंदोलन का रास्ता छोडऩे की अपील की क्योंकि उनकी सरकार पहले ही उनकी मुश्किलों और चिंताओं से अवगत है। हालाँकि, मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि रेल रोको आंदोलन ने पहले ही राज्य भर में युरिया और डीएपी की सप्लाई को प्रभावित किया है जिससे मौजूदा रबी सीजन के दौरान उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
इस मौके पर कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया जिनमें किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में किसानों और आर.पी.एफ की तरफ से दर्ज किये गए केस वापिस लेने, कजऱ् माफी, किसान आंदोलन के दौरान जानें कुर्बान करने वाले किसानों के परिवारों को नौकरियाँ और मुआवज़ा देने, फ़सलों के नुकसान का मुआवज़ा, फ़सली बीमा करवाने और आबादकार (किसान जो लम्बे समय से बिना किसी मालकी अधिकार के ज़मीन की कटाई कर रहे हैं) के लिए भुगतान प्रक्रिया को आसान बनाना शामिल हैं।
विचार-चर्चा को समाप्त करते हुये मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि वह काले कृषि कानूनों के विरुद्ध साल भर चले आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस और आरपीएफ की तरफ से किसानों के विरुद्ध दर्ज किये मामलों को तुरंत वापस लेने के लिए यह मामला जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाएंगे।
किसान आंदोलन के दौरान जानें गंवाने वाले किसानों के पीडि़त परिवारों के साथ अपनी सरकार की एकजुटता दोहराते हुये मुख्यमंत्री चन्नी ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि ऐसे किसानों की सूची में से बहुत से किसानों के परिवारों को 5-5लाख रुपए का वित्तीय मुआवज़ा और सरकारी नौकरी देने के बारे पहले ही विचार किया जा चुका है।
प्रतिनिधिमंडल की विनती पर मुख्यमंत्री चन्नी ने साल भर चले किसान संघर्ष से पहले एक अन्य आंदोलन के दौरान मारे गए तीन किसानों के नाम विशेष मामले के तौर पर वित्तीय मुआवज़े और उनके योग्य पारिवारिक मैंबर को सरकारी नौकरी देने के लिए शामिल करने के लिए भी सहमति दे दी है।
आबादकारों को बड़ी राहत देते हुये मुख्यमंत्री चन्नी ने कलोनाईज़ेशन विभाग को इस सम्बन्धी चार किस्तों में अदायगी करने की इजाज़त देने के उपरांत लम्बे समय से ज़मीनों पर काबिज़ आबादकारों को मालकी हक देने के लिए रूप रेखा तैयार करने के निर्देश दिए।
प्रतिनिधिमंडल की एक अन्य माँग को स्वीकृत करते हुये मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का बेहतर भाव यकीनी बनाने के लिए राज्य सरकार जल्द ही उन सभी फ़सलों को राज्य के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधीन लाने के लिए नीति तैयार करेगी जो मौजूदा समय केंद्र के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधीन नहीं आती। इसी तरह मुख्यमंत्री चन्नी ने किसानों को उनकी फसलों के बेहतर भाव प्रदान करने और फ़सली विभिन्नता को बढ़ावा देने के दोहरे मकसदों से विश्व भर में बासमती के निर्यात को यकीनी बनाने के लिए बासमती ट्रेडिंग कोरर्पोशन बनाने सम्बन्धी प्रतिनिधिमंडल के विचार का भी स्वागत किया। दोनों मुद्दों पर मुख्यमंत्री चन्नी ने मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी को इस सम्बन्धी अंतिम फ़ैसला लेने से पहले विस्तृत अध्ययन करने के लिए कहा। इस मौके पर दूसरों के अलावा कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) वी. के. जंजूआ, वित्त कमिशनर कृषि डी. के. तिवारी और डायरैक्टर कृषि गुरविन्दर सिंह मौजूद थे।