AAP के सामने अब मेयर चुनाव की चुनौती: अपने पार्षदों को एकजुट रखने की कवायद में जुटीं आम आदमी पार्टी, भाजपा व कांग्रेस, केजरीवाल ने अपने पार्षदों को दिल्ली बुलाया

रिजल्ट के बाद मनीष सिसौदिया ने अपने सभी नवनिर्वाचित 14 पार्षदों के साथ की मीटिंग, भाजपा ने भी बैठक कर अपने नए पार्षदों को पढ़ाया एकजुटता का पाठ

CHANDIGARH: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद अब आम आदमी पार्टी के सामने नए मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव की चुनौती खड़ी हो गई है, क्योंकि आम आदमी पार्टी निगम सदन में बहुमत से 5 सीट दूर है। उसे अपना मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर बनाने के लिए 5 और पार्षदों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में तोडफ़ोड़ की संभावना के मद्देनजर भाजपा व कांग्रेस सतर्क हो गई हैं और अपने सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को अपने पाले में एकजुट रखने की कवायद में जुट गई हैं। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को चंडीगढ़ के अपने सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को लंच पर आमंत्रित किया है। इधर, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने आज शाम पार्टी के सभी 14 नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ मीटिंग कर अपना मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर बनाने के लिए आप पार्षदों को एकजुट रहने का निर्देश दिया। भाजपा नेताओं ने भी अपने नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ मीटिंग कर उन्हें एकजुटता का पाठ पढ़ाया।

गौरतलब है कि इस बार चंडीगढ़ नगर निगम में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। आम आदमी पार्टी 14 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जरूर उभरी है लेकिन बहुमत के लिए 19 पार्षदों का आंकड़ा वह भी नहीं छू पाई है। भाजपा के 12 उम्मीदवार पार्षद बने हैं, जबकि कांग्रेस के पास 8 सीटें हैं। एक सीट अकाली दल के पास है। ऐसे में कोई भी पार्टी अपना मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर दूसरी पार्टी के सहयोग के बिना नहीं बना सकती है। अपना मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव की खातिर जहां तक गठबंधन का सवाल है तो पंजाब के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी, भाजपा या कांग्रेस ऐसा कोई भी कदम उठाने के लिए तैयार नहीं होगी, जिसका मैसेज पंजाब में प्रतिकूल जाए। चूंकि चंडीगढ़ नगर निगम में दलबदल कानून लागू नहीं है, इसलिए दल बदलने पर किसी पार्षद की सदस्यता पर कोई खतरा नहीं है। लिहाजा, बड़ी संभावना पार्षदों के दल बदलने की बन सकती है। इसमें आम आदमी पार्टी को 5 तो कांग्रेस को 11 पार्षद चाहिए, क्योंकि सांसद निगम सदन में पदेन सदस्य हैं। मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में उनका भी वोट होता है और इस समय सांसद भाजपा का है। ऐसे में बीजेपी को केवल 6 पार्षद चाहिए। लिहाजा, टूटफूट को लेकर सबसे ज्यादा सतर्क कांग्रेस दिख रही है। खास बात यह भी है कि इस बार नगर निगम सदन में ज्यादातर नए चेहरे हैं। कुल 35 पार्षदों में से 29 पहली बार चुनकर निगम सदन में पहुंचे हैं। आम आदमी पार्टी के तो सभी पार्षद नए हैं। 6 अन्य पार्षद पहले भी निगम सदन के सदस्य रह चुके हैं।

ये टूटफूट का ही डर है कि आम आदमी पार्टी, भाजपा व कांग्रेस अपने-अपने नवनिर्वाचित पार्षदों को चुनाव के रिजल्ट के बाद से ही अपने पाले में एकजुट रखने की कवायद में जुट गई हैं। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए वोटों की गिनती के दौरान आज दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता मनीष सिसौदिया समेत दिल्ली के कई विधायक चंडीगढ़ में ही डेरा डाले हुए थे। चुनाव रिजल्ट के बाद शाम को उन्होंने सभी 14 नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ बैठक कर उन्हें शानदार जीत की बधाई दी तथा हर हाल में एकजुट रहने का निर्देश दिया। इस दौरान आम आदमी पार्टी पंजाब के सह प्रभारी राघव चड्ढा भी मौजूद रहे। बताया जाता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी सुप्रीम अरविंद केजरीवाल भी बुधवार को दिल्ली में लंच पर चंडीगढ़ के सभी आम आदमी पार्टी पार्षदों से मुलाकात कर उन्हें जीत की बधाई देंगे। इसके लिए आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद बुधवार को सुबह दिल्ली रवाना होंगे।

इधर,  भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व क्षेत्रीय प्रभारी सौदान सिंह ने भाजपा कार्यालय कमलम में सभी नवनिर्वाचित पार्षदों की बैठक ली। सौदान सिंह ने उनको बधाई तथा शुभकामनाएं दी। सौदान सिंह ने  नवनिर्वाचित पार्षदों को शहर के विकास को गति देने व एकता का पाठ पढ़ाया। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष संजय टण्डन,  महामंत्री रामवीर, चंद्रशेखर उपस्थित रहे। उन्होंने  सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को बधाई देते हुए कहा कि जनता ने उनमे  विश्वास दिखाया है। उन्हें जनता की सेवा करने का मौका मिला है, जिस पर खरा उतरना है तथा पूरी निष्ठा से जनता की सेवा करनी है।  उन्होंने स्वयं पूरे शहर वासियों का धन्यवाद किया तथा पार्षदों को निर्देश दिए कि वे सभी अपने-अपने इलाकों में जाकर जनता का धन्यवाद करे।

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