पंजाब कैबिनेट ने औद्योगिक प्लाटों की मूल कीमत के बकाए वाले पुराने डिफाल्टरों के लिए एकमुश्त स्कीम को मंजूरी दी

CHANDIGARH: पंजाब मंत्रीमंडल ने आज राज्य में पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन (पी.एस.आई.ई.सी.)/पंजाब इनफोटैक की तरफ से विकसित किये अलग-अलग फोकल प्वाइंटों में स्थित औद्योगिक प्लाटों की मूल लागत के पुराने डिफालटरों के लिए एकमुश्त स्कीम लाने की मंजूरी दे दी है।

इस सम्बन्धी फ़ैसला आज शाम यहां पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार इस स्कीम के अंतर्गत डिफालटर अलाटियों को जुर्माना ब्याज के 100 फ़ीसद हिस्से छूट और आम ब्याज के 25 फ़ीसद हिस्से छूट या प्लाट धारक की तरफ से चुने अनुसार प्लाट की मौजूदा आरक्षित कीमत (एडजस्ट करने के बाद पहले से भुगतान की रकम) तक प्राप्त करके पी.एस.आई.ई.सी. /पंजाब इनफोटैक के लम्बे समय से पड़े बकाए का भुगतान करने का मौका दिया गया है। प्लाट धारक को इस स्कीम के अधीन 31 मार्च, 2022 को या इससे पहले अपने बकाए जमा करवाना है होंगे।

उद्योग विभाग की तरफ से विकसित औद्योगिक अस्टेट के डिफालटर प्लाट धारकों के लिए एकमुश्त स्कीम को मंज़ूरी

राज्य में औद्योगिक विकास की गति को बढ़ावा देने और उद्यमियों को पहले ही अलाट किये गए औद्योगिक प्लाटों /शैड्डों के निर्विघ्न प्रयोग करने के लिए पंजाब मंत्रीमंडल ने आज फिर बहाली, तबादले और औद्योगिक प्लाटों /शैड्डों की फ्री होल्ड में तबदीली के लिए एकमुश्त (ओ.टी.एस.) स्कीम को मंजूरी दे दी है।

यह स्कीम औद्योगिक अस्टेट में प्लाटों और शैड्डों के अलाटियों पर लागू होगी जिसमें उद्योग और वाणिज्य विभाग की तरफ से शॉप-कम-फ़लैट (एससीएफ) जैसी व्यापारिक अलाटमैंटें भी शामिल हैं।

इसके साथ ही मंत्रीमंडल ने अलग-अलग फोकल प्वाइंटों के डिफालटर प्लाट धारकों के लिए माफी स्कीम के अंतर्गत प्लाटों की बढ़ी हुई कीमत जमा करवाने के लिए समय सीमा 30 सितम्बर, 2021 से बड़ा कर 31 मार्च, 2022 तक करने को मंजूरी दे दी है। इसी तरह मंत्रीमंडल ने ब्याज दर को 15 प्रतिशत से घटा कर 8.5 प्रतिशत प्रति सालाना (मिश्रित) करने का भी फ़ैसला लिया है। यह स्कीम पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम और पंजाब इनफोटैक के अलाटियों पर लागू होगी। इसके इलावा, यह उद्योग समर्थकी पहलकदमी राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल सृजन करने के लिए सहायक होगी जो कोविड-19 महामारी के कारण सम्बन्धित प्लाट धारकों को उनके उद्यमों में हुए घाटे की पूर्ति और उन्नति में मदद करेगी।

पंजाब राज्य सामान्य वर्ग आयोग की स्थापना को दी मंजूरी

पंजाब कैबिनेट ने ग़ैर-आरक्षित श्रेणियों के लिए पंजाब राज्य सामान्य वर्ग आयोग की स्थापना को भी मंजूरी दे दी है। यह आयोग ग़ैर-आरक्षित वर्गों के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ इन वर्गों के गरीबों के लाभ के लिए अलग-अलग भलाई स्कीमों को प्रभावशाली ढंग से लागू करेगा।

ज़िक्रयोग्य है कि मंत्रीमंडल की तरफ से यह फ़ैसला सामान्य वर्ग (ग़ैर-आरक्षित वर्ग) के कर्मचारियों की काफी देर की माँग को स्वीकृत करने के बाद लिया गया है। उक्त वर्ग का कहना था कि उनके हितों की रक्षा नहीं की जा रही है और इसके मद्देनज़र ग़ैर-आरक्षित वर्ग ने राज्य सरकार को गुजरात की तर्ज़ पर पंजाब में भी सामान्य वर्ग आयोग गठित करने की विनती की थी।

मोटर व्हीकल टैक्स के भुगतान में छूट देने को हरी झंडी

कैबिनेट ने स्टेज कैरेज बसों (बड़ी और मिनी बसें) और 16 से कम सीटों वाले कंट्रैक्ट कैरेज वाहनों को मोटर व्हीकल टैक्स से छूट देने के लिए भी हरी झंडी दे दी है। इससे कोविड-19 महामारी के दौरान हुए भारी वित्तीय नुकसान से परिवहन क्षेत्र को राहत मिलेगी।

बताने योग्य है कि कोविड-19 के दूसरे पड़ाव के दौरान किये गये लॉकडाऊन के कारण साल-2021 में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिस कारण लगभग हर क्षेत्र इससे प्रभावित हुआ। लोगों में कोविड-19 के फैलाव सम्बन्धित भारी डर के कारण वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करने की बजाय निजी वाहनों में सफ़र करने को प्राथमिकता देते थे, इस कारण बसोें में बहुत कम सवारियां ही सफ़र करती थीं। निजी ट्रांसपोर्टरों के अलग-अलग नुमायंदों की तरफ से भी अलग अलग माँगें उजागर की गई, जिनमें डीज़ल की बढ़ती कीमतों के कारण परिवहन क्षेत्र की और बिगड़ रही स्थिति का मुद्दा उठाया गया। बसों से होने वाली सारी आमदन डीज़ल और रख-रखाव के खर्चों को पूरा करने में ख़र्च की जाती है। इसलिए इन ट्रांसपोर्टरों को मोटर व्हीकल टैक्स की अदायगी में छूट दी जानी बनती है।

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